सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुँचाने के लिए वित्तीय साक्षरता पर ज़ोर देने की आवश्यकता : चौहान
करनाल 25 मई (पी एस सग्गू)
सरकार की योजनाओं का लाभ धरातल तक पहुँचाने के लिए वित्तीय साक्षरता अत्यंत आवश्यक है। वित्तीय साक्षरता के अभाव में ग्रामीण अंचल के उपभोक्ता अक्सर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। बैंकों में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है और कई बार निराश होकर भी लौटना पड़ता है। सरकारी योजनाओं और उनका लाभ लेने के लिए निर्धारित शर्तों के प्रति आम उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए बैंकों ने कई कदम उठाए हैं। रेडियो ग्रामोदय भी इस दिशा में अपना योगदान देगा।
यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में बैंक प्रतिनिधियों से वित्तीय साक्षरता पर चर्चा के दौरान कही। चर्चा में उनके साथ करनाल के लीड जिला प्रबंधक सुरेंद्र कुमार सिंघाल, उनकी सहयोगी आयुषी और क्रिसिल फाऊंडेशन के प्रतिनिधि भारत भूषण भी शामिल थे। डॉ. चौहान ने कहा कि मुद्रा व जनधन जैसी योजनाओं का लाभ लेते समय उपभोक्ताओं को बैंकों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लोगों को जागरूक कर इन समस्याओं का निदान करना हमारा लक्ष्य हैं।बैंकों की ओर सेबरती जाने वाली कोताही पर भी सरकार निरंतर नज़र बनाए रखती है।
एलडीएम सुरेंद्र सिंघाल ने कहा कि ग्रामीण उपभोक्ताओं के पास बहूत बार योजनाओं की सही जानकारी नहीं होती और न ही पूरे दस्तावेज होते हैं। दस्तावेज पूरे न होने के कारण ही उन्हें बैंकों से लौटना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बैंक की शाखाओं में प्रबंधक या किसी कर्मचारी द्वारा अनावश्यक परेशान किए जाने पर इसकी शिकायत फोन पर सीधा लीड जिला प्रबंधक से की जा सकती है या व्हाट्सएप व मेल के माध्यम से भी सूचना दी जा सकती है। शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी।
डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में लाल डोरा की व्यवस्था समाप्त करने का फैसला किया है। नई व्यवस्था के अंतर्गत गाँव में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दस्तावेजों में उसकी भूमिका मालिकाना हक़ प्राप्त हो जाएगा। सिरसी गाँव से शुरू हुई यह व्यवस्था अब धीरे धीरे ज़िले के अन्य हिस्सों और इसी प्रकार हरियाणा के अन्य भागों में भी चरणबद्ध ढंग से लागू की जा रही है। इससे ग्रामवासी अपनी मिल्कियत की भूमि के आधार पर आसानी से बैंक ऋण आदि प्राप्त कर सकेंगे।
सुरेंद्र सिंघाल ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले उपभोक्ताओं को भी पशुधन क्रेडिट कार्ड दिया जा सकता है, लेकिन इससे पहले बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उपभोक्ता पात्रता की सभी शर्तों को पूरा कर रहा है या नहीं। ₹160000 तक के लिए बैंक के पास कोई जमीन बंधक रखने की जरूरत नहीं होती। यदि उपभोक्ता पर पहले से ही ₹200000 का ऋण हो और वह पशुधन क्रेडिट कार्ड के लिए भी आवेदन कर रहा हो तो बैंक पात्रता की अन्य शर्तों की भी जांच करेगा।
बैंक प्रतिनिधि आयुषी ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान जन धन खाताधारक महिलाओं के खातों में 3 महीने तक ₹500 प्रति माह के हिसाब से केंद्र सरकार की ओर से डाले गए थे। जिनके खाते नहीं खुले, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया। उन्होंने जानकारी दी कि औसतन खाते में ₹10000 जमा करने के बाद उपभोक्ता ₹10000 का ओवरड्राफ्ट ले सकता है। यह सुविधा क्रेडिट कार्ड जैसी है। जिसका जनधन खाता आधार से लिंक है, उसी उपभोक्ता को ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिल सकती है।
क्रिसिल फाउंडेशन के प्रतिनिधि भारत भूषण ने बताया कि सेंटर फॉर फाइनेंशियल लिटरेसी कार्यक्रम आरबीआई, नाबार्ड, लीड बैंक और क्रिसिल फाउंडेशन के सहयोग से हरियाणा के 4 जिलों में चलाया जा रहा है जिनमें करनाल भी शामिल है। इसके तहत गांव-गांव जाकर लोगों को वित्तीय लेनदेन की जानकारी दी जाती है। उन्होंने किसी भी प्रकार की जानकारी फोन पर शेयर ना करने की सलाह दी।
आशा वर्कर की तर्ज पर ग्राम शक्ति
आयुषी ने बताया कि वित्तीय साक्षरता के लिए गावों में आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तर्ज पर ग्राम शक्ति कार्यकर्ताओं को तैयार किया गया है जो ऑनलाइन ऐप के माध्यम से महिलाओं को वित्तीय लेनदेन का प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। यह सुविधा सिर्फ महिलाओं के लिए ही है। इसके बाद पढ़ी-लिखी प्रशिक्षित महिलाओं को बैंकों में काम दिलाने का भी प्रयास किया जाता है।