- सिख क़ौम के महान जरनैल बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया की जनम शताब्दी को समर्पित लाइट एंड साउंड ड्रामा“क़ौम दा योद्धा” का मंचन
लाइट एंड साउंड ड्रामा“क़ौम दा योद्धा” का मंचन आज 21 अप्रैल को ऐतहासिक गुरुद्वारा नाडा साहेब में
करनाल 20अप्रैल (पी एस सग्गू)
बाबा बंदा सिंह बहादुर की शहादत के बाद 18वी सदी का समय खालसा पंथ के लिए बेहद कठिन रहा। मुग़ल सल्तनत जुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले ख़ालसा पंथ को जड़ से ख़त्म करना चाहते थे। 18वी सदी के क़ुर्बानियों भरे सिख इतिहास पर आधारित व क़ौम के महान जरनैल बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया की जनम शताब्दी वर्ष को समर्पित लाइट एंड साउंड ड्रामा, “क़ौम दा योद्धा” का मंचन कल रविवार 21 अप्रैल को ऐतहासिक गुरुद्वारा नाडा साहेब में शाम 7:30 बजे मंचित किया जाएगा। इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह, धर्म प्रचार के चेयरमेन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल सहित अन्य सदस्य व प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहेंगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए गुरुद्वारा नाडा साहिब के मैनेजर रणजीत सिंह ने बताया कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सहयोग से बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया जनम शताब्दी कमेटी के अंतर्गत इंटरनेशनल सिख फ़ोरम व शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की सांझी पेशकारी में 18वीं सदी में सिखों की महान क़ुर्बानियों व मुग़लों के जुल्मों की दास्ताँ को मंच व स्क्रीन के माध्यम से दिखाया जाएगा। रोशनी व धवनी पर आधारित इस नाटक के लेखन व निर्माण इंटरनेशनल सिख फ़ोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु द्वारा किया गया है नाटक क़ौम दा योद्धा का निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी व निर्देशक कृष्ण मलिक ने किया है। नाटक में सिख शस्त्र विद्या गतका की कोरियोग्राफ़ी व संयोजन का श्रेय शिरोमणि गतका फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया के प्रधान गुरतेज सिंह ख़ालसा व उनके साथियों द्वारा की गई है जबकि साउंड रिकॉर्डिंग व लाइट मैनेजमेंट जसबीर गिल व उनके साथियों द्वारा की जाएगी।
नाटक के लेखक व इंटरनेशनल सिख फ़ोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु ने बताया कि इस नाटक में सिख क़ौम के महान योद्धा बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया के जनम से इतिहास की गाथा शुरू होती है जो भाई तारा सिंह वाँ, भाई मनी सिंह, भाई तारु सिंह, बाबा दीप सिंह, भाई सुखा सिंह माड़ीकंबोकी, दीवान कौड़ा मल आदि की शहादत, छोटा घलूघारा जिसमे 10000 सिंह शहीद हुए व बड़ा घलूघारा जिसमे 30000 से अधिक सिंह शहीद हुए के इतिहास को मंच व स्क्रीन पर दिखाया जाएगा। नादर शाह व अहमद शाह अब्दाली के हमले और उसके द्वारा बंधी बनाई गई हज़ारों हिंदुस्तानी बेटियों को छापामार हमला कर सिंह सरदारों द्वारा छुड़वाने के गौरवमयी इतिहास व बाबा जस्सा सिंह आहलूवालिया, बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया व बाबा बघेल सिंह द्वारा दिल्ली फ़तह करने व लाल क़िले से मुग़लिया परचम उतार कर ख़ालसाई निशान साहेब लहराने के दृश्य नाटक का हिस्सा रहेंगे।
नाटक के मंचन के अवसर पर हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरशिंद्र सिंह चावला, कार सेवा प्रमुख बाबा सुखा सिंह, इंटरनेशनल सिख फ़ोरम के प्रधान व पद्म श्री से सम्मानित जगजीत सिंह दर्दी सहित अनेक प्रतिष्ठित हस्तियों को सिख इतिहास के शहादत व गौरव की गाथा को देखने के लिए विशेष न्यौता दिया गया है।
पात्र परिचय:
नाटक में बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया की भूमिका में अमनदीप सिंह रहेंगे जबकि प्रीतपाल सिंह पन्नु सूत्रधार के रूप में नज़र आयेंगे। बाबा ज़स्सा सिंह के पिता भगवान सिंह का रोल चरणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह जत्थेदार व पंडित सहित अनेक किरदार निभायेंगे। गुरदेव सिंह द्वारा जस्सा सिंह के भाई जै सिंह की भूमिका निभाई जाएगी तो अमनीत सिंह मंच पर रूढ़ सिंह बनकर आयेंगे। अमरजीत सिंह, मनिंदर सिंह ढाडी जत्थे के रूप में संगत में जोश भरेंगे। नेगेटिव किरदारों में संदीप शर्मा द्वारा जकरिया ख़ान को मंच पर जीवंत किया जाएगा तो अरविंद संधु, अफ़ग़ान हमलावर अहमद शाह अब्दाली बनेंगे। इसी प्रकार गुरप्रीत सिंह द्वारा तैमूरलंग और मुकुल गुप्ता द्वारा जहान ख़ान का किरदार निभाया जाएगा। अमृतपाल सिंह इस नाटक में अदीना बेग व मीर मन्नु के चरित्र में नज़र आयेंगे । सिमरन बेगम बनेगी तो दिशा मुग़ल दरबार में दासी। हितेश गुप्ता दीवान कौडा मल बनकर सामने आयेंगे तो मुकेश मुग़ल दरबारी। गुरसिदक़ कौर, जगतार सिंह, कुलविन्द्र, फ़तह सिंह, रश्मिंदर सिंह, कर्णदीप सिंह, फ़तह सिंह, प्रभ सिंह आदि सिंह बनकर जहाँ इतिहास को मंचित करेंगे वहीं गतके का प्रदर्शन भी करेंगे। मैनेजर रणजीत सिंह ने संगत को अपने परिवार व बच्चों सहित पहुँचने का न्यौता दिया है ताकि उन्हें अपने ग़ौरवशाली इतिहास का पता चले।