शांति और अहिंसा के महान समर्थक महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया गया : सुमिता सिंह
करनाल 30 जनवरी (पी एस सग्गू)
करनाल की पूर्व विधायका सुमिता सिंह ने महात्मा गांधी चौंक पर उनके नेतृत्व में जागीर सैनी जिला प्रधान कांग्रेस सेवादल करनाल की कार्यकारिणी के साथ शांति और अहिंसा के महान समर्थक महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित किए गए इस मौके पर सुमिता सिंह ने कहा हम राष्ट्रीय एकता के बारे में बात करते है, तो मैं सबसे पहले उस व्यक्ति की बात करना चाहूगी जिसका हमारी आजादी के साथ हमारे समाज से जाति, वर्ग और लिंग के आधार पे भेदभाव जैसी कई तरह के कुरीतियो को उखाड़ फेकने में सबसे अहम योगदान था।वह कोई और नही बल्कि के हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ही थे। जिन्होनें भारत के कई स्वतंत्रता संर्घष आंदोलनो में सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने लाँखो लोगो को अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में आने के लिये प्रेरित किया और इसी सम्मिलित प्रयासो के चलते अंग्रेजो को हमे स्वतंत्रता देने के लिये विवश होना पड़ा जोकि हमारा जन्म अधिकार के साथ ही हमारा मौलिक अधिकार भी है। उन्होंने महत्वपूर्ण आंनदोलनो के बारे में बताया ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेकने के लिये महात्मा गाँधी ने 8 अगस्त 1942 को ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन का आवाह्नन किया। जोकि एक बहुत ही असरदार अभियान साबित हुआ। अपने इस आंनदोलन में भी उन्होंने सत्य और अंहिसा को ही आधार बनाया।दांडी यात्रा गाँधी जी द्वारा अंग्रेजो के विरुद्ध किए गये सबसे लोकप्रिय आंदोलन में से एक था। यह आंदोलन अंग्रेजो द्वारा हमारे देश में नमक पर लगाए गये कर के विरोध में गाँधी जी के नेतृत्व में 12 मार्च से लेकर 6 अप्रैल 1930 तक चला, जिसमें उन्होंनेअपने समर्थको के साथ अहमदाबाद से लेकर गुजरात में ही स्थित दांडी तक 388 किलोमीटर की पैदल यात्रा की और दांडी पहुचकर उन्होने खुद से नमक बनाकर इस कानून का विरोध किया।वह 8 मई 1933 का दिन था, जब गाँधी जी स्व शुद्धी के लिए 21 दिन के भूख हड़ताल पर चले गये इसी के साथ उन्होने दलितो और अछूतो के समर्थन में एक वर्षीय आंदोलन की शुरुआत की और उन्हें हरिजन के नाम से संबोधित किया। वैसे तो गाँधी जी का जन्म एक समपन्न और उंचे जाति के परिवार में हुआ था, पर उन्होंनेअपने पूरे जीवन दलितो और अछूतो के अधिकारों और उत्थान के लिये कार्य किया। असहयोग आंदोलन के बारे में कौन नही जानता है ये गाँधी जी द्वारा किये प्रसिद्ध आंदोलनो में से एक है। इस आंनदोलन ने गाँधी जी को लोगो के सामने एक महान नायक के रुप में प्रस्तुत किया। यह एक देशव्यापी आंदोलन था जोकि जलियावाला बाँग नरसंघार के विरोध में शुरु हुआ था। जिसमें अंग्रेज सिपाहियो द्वारा अमृतसर में सैकड़ो निहत्थे और मासूम लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया था।
गाँधी जी ने अंग्रजो द्वारा खलीफा (मुस्लिम धर्म का सर्वोच्च धार्मिक पद) को हटाये जाने के विरोध में मुस्लिमो का समर्थन करते हुए सन् 1919 में खिलाफत आंदोलन की घोषणा की, जिससे वह मुसलसानो के बीच भी काफी प्रसिद्ध हुए और भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश के सबसे लोकप्रिय वक्ता और नायक बन गए।अपने इन्ही विचारो और सिद्धांतो से महात्मा गाँधी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया, और इसी लिए उन्हे केवल भारत में ही नही अपितु पूरे विश्व में एक महान व्यक्तित्व के रुप में याद किया जाता है। इस मौके पर करनाल सेवा दल की सारी टीम मौजूद रही प्रदेश सचिव अशोक कांबोज , जिला अध्यक्ष जागीर सैनी , सोनी शर्मा , सुमित वाल्मीकि , संदीप , रणबीर मान,सतीश भारद्वाज,सोनू , सुनीता रानी , रीना तोमर , जोगा अगी , राजपाल तंवर , परमजीत वाल्मीकि , जिले सिंह वाल्मीकि , रमेश जोगी , सलीम खान आदि मोजूद रहे