काश ! आर्थिक विकास के साथ-साथ हम सभी अपने मन का विकास भी कर पाते- एसपी चौहान
करनाल 17 अगस्त ( पी एस सग्गू)
शहर की कई सामाजिक संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले नवचेतना मंच के संयोजक एसपी चौहान ने कहा है कि भारत ने आज आर्थिक विकास के जो आयाम छुए हैं, वह किसी से छिपे नहीं हैं। आज यातायात के इतने साधन हैं कि एक घर में कई कई गाडि़यां हैं, पार्किंग के लिए जगह मिलना लाटरी के समान हो गया है। बड़ी बड़ी अटारियां , शॉपिंग मॉल, ऑफिस कॉप्लेक्स आज देखते ही बनते हैं। 77वीं आजादी की बेला में हम कह सकते हैं कि देश ने साइंस, टेक्लानॉजी व हर क्षेत्र में विकास किया है, इसके बावजूद एक कमी हमारे जीवन में खल रही है हम इस आर्थिक विकास के साथ मन का विकास भूल गए हैं, काश आर्थिक विकास के साथ साथ हमारे मन का विकास भी साथ साथ चलता तो आज भारतवर्ष सोने की चिड़िया कहलाने का हकदार बन जाता या यूं कहें कि साक्षात स्वर्ग यहीं बन जाता। तमाम आर्थिक विकास के बाद भी आज परिवारों में वो सुख शांति नहीं जो इतने गाड़ियों व बंगलों के बावजूद होनी चाहिए थीं, आज खर्चों के साथ -साथ आय भी बढ़ी है, इससे आर्थिक संपन्नता तो नजर आती है लेकिन जब हम किसी का मन टटोलते हैं हर मन जैसे यहां उदासी का खजाना लिए घूम रहा है।
श्री चौहान ने मीडिया से मुलाकात में कहा कि आज हमारा युवा, विद्यार्थी, देश छोड़कर विदेश में रोजगार पाने के लिए आतुर है, इसका यदि बारीकी से अवलोकन किया जाए तो परिवारों में घटती आपसी समझ, परिवारों में प्यार की कमी, एक दूसरे से घटता विश्वास, हमारे युवकों को परिवारों से बांधने के लिए कम पड़ गया है। हमारे बच्चों को इस बात का एहसास नहीं रह गया कि अपने गांव, अपने देश, अपने लोगों में कम पैसे में रहकर जो सुख है वह सुख डॉलरों में नहीं है, लेकिन उन्हें अब सिर्फ डॉलर चाहिए। वो विदेश जाने के लिए लालायित हैं, खुलकर कहूं तो यदि वीजा, पासपोर्ट आसान हो जाए तो हमारे देश के अधिकतर युवा देश से फरार हो जाएं। कारण यहां युवा व मां बाप दोनों सोचते हैं कि हमारे देश में नशे, ड्रग्स व आवारागर्दी का माहौल है और भविष्य असुरक्षित सा दिखाई देता है, इसलिए स्वतंत्रता का सही आनंद लेना है तो जीवन में शांति और सुकून होना जरूरी है। हमें समय रहते अब शांति, सूकून, अपनेपन पर भी ध्यान देना है, रिश्तों को मजबूत बनाना है, युवाओं को परिवार की महता से अवगत कराना है उन्हें बताना है गांव, प्रदेश, शहर व अपना देश क्या है, इस देश को आजाद कराने में कितने शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों ने योगदान दिया है। बॉयोग्राफर संदीप साहिल की संघर्ष को सलाम बॉयोग्राफी पर आधारित नशे के विरोध पर बनी फिल्म एसपी चौहान द स्ट्रगलिंग मैन के असल नायक एसपी चौहान ने कहा कि केवल आर्थिक उन्नति से सब संभव नहीं है, उन्नति अब मन की हो, रिश्तों की भी हो, बुराइयों से हमेशा से दूर जाने की भी हो यही नहीं उन्नति ये भी हो कि हम हंसकर सभी से बात करें, हम इस बात का चिंतन जरूर करें कि हमारे आसपास यदि किसी को कोई जरूरत है तो हम योग से पहले उसका सहयोग जरूर करें।