डा. प्रभजोत कौर ने साइकिल को बताया खुशी और सेहत का खजाना  डेनमार्क की राजधानी कोपिन हेगल में साइकिल चलाते डा. हरदीप सिंह व डा. प्रभजोत कौर

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डा. प्रभजोत कौर ने साइकिल को बताया खुशी और सेहत का खजाना

 डेनमार्क की राजधानी कोपिन हेगल में साइकिल चलाते डा. हरदीप सिंह व डा. प्रभजोत कौर

करनाल 11 अगस्त (पी एस सग्गू)

दुनिया में खुशियां बटोरने, साझा करने का अपना-अपना तरीका है, कुछ लोग एक दूसरे से मिलकर खुशी बांटते हैं तो कुछ पार्टी तो कुछ किसी के चेहरे पर मुस्कान देखकरऔर कुछ दूसरों की मदद करके खुश होते हैं, ये सभी जानते हैं कि खुशी का रिश्ता हमारे मन से है। आपको जानकार हैरानी होगी कि विश्व के दूसरे टॉप देश डेनमार्क की राजधानी कोपिन हेगल में लोग खुश रहने के लिए ना केवल साइकिल चलाते हैं बल्कि जो साइकिल नहीं चलाता उसे उसके लिए प्रेरित भी करते हैं। अभी हाल ही  में अपने पति डॉक्टर हरदीप सिंह के साथ डेनमार्क की राजधानी कोपिन हेगल में  पांच दिन लगाकर लौटी देश की जानी मानी नि:संतान विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभजोत कौर के अनुसार,  कोपिन हेगल के लोगों का मन  साइकिल में ही रमता है, उनकी साइकिल की टोकरी फूलों से सजी रहती है, वीआईपी, वीवीआईपी भी वहां शाम पांच बजे के बाद हर मुख्य सड़क के किनारे बने स्टैंड पर साइकिल चलाते चलाते गाना गाते, मुस्कुराते, हैलो हाय करते मिल जाते हैं, इसे इस तरह भी बयां किया जा सकता है कि साइकिल ने सारे बंधन तोडकर सभी वर्गों को एक माला में पिरो रखा है चाहे वो वीआईपी है या आम इंसान, साइकिल उनका जूनून है, इस कारण वहां अधिकतर लोग डायबिटीज, स्ट्रेस, बीपी, गठिया जैसी बीमारियों से कोसों दूर हैं जबकि भारत में ऐसा नहीं है, यहां सड़कों पर केवल और केवल बड़ी गाडि़यों के साथ्- साथ चार पहिया, दो या तीन पहिया वाहनों, ऑटो, जीप का रश देखने को मिल जाता है।हैप्पीनेस, फिटनेस व हेल्थ की परवाह करने वाले डेनमार्क की राजधानी कोपिन हेगल के लोग पर्यावरण के प्रति भी खासे सजग हैं। हर घर की खिड़की के बाहर फल, फूल लगे हुए हैं, ऐसा कोई घर नहीं जिस घर के बाहर फूल लटकते हुए ना मिल जाएं। वहां के लोगों का आपस में भी केयरिंग स्वभाव है, यानी वे साइकिल चलाने के बाद एक दूसरे से गपशप करते, दिल का हाल जानते देखे जा सकते हैं। ईश्वर के प्रति हर मरीज व उसके परिजन को प्रेरित करने वाली गुरुनानक अस्पताल की संचालिका डा. प्रभजोत कौर कहती हैं कि हरियाली व सुंदरता का रिश्ता जिस भी देश, राज्य, जिले, कस्बे, गांव में है वहां स्वाभाविक रूप से खुशियां महकने लगती हैं। ऐसी खुशियों का माहौल हमारे देश में भी बन सकता है, बस थोड़ा सा ट्रेफिक सिस्टम पर ध्यान देने के साथ-साथ लोगों को साइकिल की महता बताने की जरूरत हे। डा.प्रभजोत कौर व डा. हरदीप के अनुसार, कोपिन हेगल के लोग पिज्जा से परहेज करते हैं, यदि कोई पिज्जा स्वादवश खाता भी है तो वो रोटी में खाता है, मैदा खाने से लोग गुरेज करते हैं, हां मछली खाते हैं जो कि सेहत के लिए अच्छी है खासतौर पर दिल व अन्य बीमारियों के लिए । डा. प्रभजोत कौर कहती हैं कि हरियाणा में सरकार ने हर स्तर पर बेहतरीन कार्य करने का प्रयास किया है, यदि  सड़कों के जाल में साइकिल चलाने वालों के लिए कोपिन हेगल की तर्ज पर सड़कों के बीच में स्थान बन जाए तो यहां भी साइकिल चलाने वालों की कमी नहीं है, यहां के लोगों को भी सेहत की खुशियों के लिए साथियों के साथ साइकिल चलानी चाहिए, लेकिन ओवरक्रोडिड ट्रेफिक के कारण से सब संभव नहीं हो पाता। ये बहुत बड़ी एक्सरसाइज है। लोगों के स्वास्थ्य के लिए वे ऐसी जरूर ट्रैफिक की व्यवस्था में सुधार कराएंगे ऐसी हमें सीएम मनोहरलाल व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से उम्मीदें हैं

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