इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता रघबीर संधु व पूर्व अध्यक्ष अशोक खुराना ने कहा कि एनडीआरआई में दशकों से करनाल के लोग सैर करने आते हैं। सुबह और शाम को दो-दो घंटे काम करने की अनुमति थी। कोरोना काल में एनडीआरआई प्रशासन ने सैर करने पर बैन लगा दिया। गुरविंद्र कौर व रानी कांबोज ने कहा कि प्रशासन ने विकल्प के तौर पर एनडीआरआई से बलड़ी बाइपास जाने वाले रास्ते पर सुबह और शाम लोगों को सैर करने के लिए व्यवस्था की। ऐसे में लोग प्रदूषण में सैर करने को मजबूर हैं और निरंतर हादसे भी देखने को मिलते हैं। कृष्ण बसताड़ा व परमजीत भारद्वाज ने कहा कि एनडीआरआई के नजदीक ही कल्पना चावला मेडिकल कालेज भी पड़ता है। यह रास्ता एमरजेंसी लेन के तौर पर भी प्रयोग होता है। सुबह-शाम मार्ग बंद रहने से कई बार एंबुलेंस जाम में फंस जाती है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एनडीआरआई ने नगर निगम के 72 करोड़ रुपए देने हैं। नगर निगम एनडीआरआई को अनेकों सुविधाएं दे रहा है। करनाल के लोग जो टैक्स भरते हैं उसका प्रयोग कहीं न कहीं एनडीआरआई कर रहा है। ऐसे में इस संस्थान की नैतिक जिम्मेवारी बनती है कि शर्तों के साथ लोगों को सैर करने की अनुमति दे। रोहित जोशी ने कहा कि डीसी अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एनडीआरआई में सैर करने की अनुमति दें और राज्य मार्ग को 24 घंटे खुला रखा जाए।
इस अवसर पर अशोक खुराना, परमजीत भारद्वाज, रोहित जोशी, पूर्व पार्षद गुरदेव, जोगिंद्र वाल्मीकि, रमेश जोगी, रोहताश पहलवान, विनोद शर्मा, विकास नागपाल, गगन मेहता, डीएल बत्तरा, चंदनराम कपूर, सुखदेव सिंह, अरूण चुघ, संजीव लाठर, विश्वनाथ शर्मा, प्रवीण शर्मा, कमला रानी, अनु मुंजाल व नीलम खन्ना आदि मौजूद रहे।