प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदलना आम आदमी पार्टी का प्राथमिक मुद्दा : डॉ सुशील गुप्ता
खट्टर सरकार नई शिक्षा पॉलिसी लागू नहीं कर पाई, कांग्रेस का सीसीई पैटर्न भी हुआ था फेल : डॉ सुशील ਗੁਪਤਾ
करनाल, 1 जुलाई (पी एस सग्गू)
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता ने शनिवार को करनाल में आम आदमी पार्टी की एजुकेशन विंग के कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने शिक्षा से जुड़े शिक्षाविदों और लोगों को शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का मूल मंत्र दिया। इस दौरान उन्होंने खट्टर सरकार और कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में गुरु को परमात्मा से पहले स्थान दिया गया है, यदि हम एक बच्चे का नुकसान करेंगे तो उसकी आने वाली पीढ़ी का नुकसान होगा। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बदलना आम आदमी पार्टी का प्राथमिक मुद्दा है। जब तक प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरेगी तब तक आम आदमी पार्टी चुप नहीं बैठेगी। भाजपा सरकार ने जोर शोर से नई शिक्षा पॉलिसी का ढिंढोरा पीटा, लेकिन चुनावों से पहले लागू नहीं कर पाए। इससे पहले कांग्रेस का भी सीसीई पैटर्न फेल हो चुका है।
उन्होंने कहा कि परमात्मा ने शिक्षाविदों को सबसे सुंदर धरोहर बच्चों को सौंपा है। ताकि आप उनको तराशें, निखारें और ऐसा बनाएं कि दुनिया में नाम रोशन करे। इसलिए शास्त्रों में गुरु को परमात्मा से पहले स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोठारी कमीशन ने कहा था कि केंद्र सरकार को भारत की जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करना चाहिए। परंतु आजादी के 75 साल बाद भी अनेकों पार्टियों की सरकार आई, लेकिन 3 प्रतिशत से ज्यादा बजट आज तक पास नहीं कर पाई। यहां से शिक्षा के प्रति उदासीनता को समझा जा सकता है।उन्होंने कहा कि शिक्षा एक निरंतर कदम है, सरकार आएं या जाएं इस कदम को सुधार सकती हैं लेकिन बदल नहीं सकती। 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी सीधे तौर पर शिक्षा से जुड़ी है। जब तक इसके लिए पर्याप्त बजट नहीं होगा, हिंदुस्तान शिक्षित नहीं हो सकता और देश से भ्रष्टाचार व अपराध खत्म नहीं हो सकता। यदि भारत को नंबर वन राष्ट्र बनाना है तो हर केंद्र और राज्य सरकार को शिक्षा पर ध्यान देना होगा। अरविंद केजरीवाल ने इस कदम को पहचाना और दिल्ली में शिक्षा पर 23 प्रतिशत से ज्यादा खर्च किया। यही कारण है आज दिल्ली के स्कूल वन क्लास हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर दिल्ली के स्कूलों की चर्चा होने लगी और अमेरिका के राष्ट्रपति की पत्नी दिल्ली के स्कूल देखने आई।उन्होंने कहा कि दिल्ली में साढ़े तीन लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। दिल्ली में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को कैंब्रिज व ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और प्रिंसिपल्स को आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूशन से ट्रेनिंग करवाई गई। इसका परिणाम ये निकला कि सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 99.6 प्रतिशत आने लगा। यदि इस एजुकेशन पॉलिसी को पूरा भारत अपना ले तो वो दिन दूर नहीं जब दूनिया में सबसे ऊपर भारत का नाम होगा।उन्होंने कहा कि हरियाणा में खट्टर सरकार एजुकेशन पर 11 प्रतिशत खर्च कर रही है। स्कूलों को बंद किया जा रहा और नए स्कूल खोले नहीं जा रहे। अभी तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बिजली, पानी और शौचालय नहीं हैं। इसके अलावा बैठने के लिए बेंच नहीं हैं और स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। इस व्यवस्था को बदलने की जरुरत है। ये व्यवस्था तब बदलेगी जब प्रदेश के लोगों को शिक्षा के लिए जागरूक किया जाएगा और आम आदमी पार्टी छात्रों के अधिकारों को बुलंद करेगी।इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में 26 पॉलिटेक्निक में प्रिंसिपल के 26 पदों में से 21, वाइस प्रिंसिपल के 26 के 26 पद ही खाली पड़े हैं। यही कारण है कि पॉलिटेक्निक करने वालों की संख्या कम होती जा रही है। प्रदेश में केवल चार इंजीनियर कॉलेज हैं, चारों कॉलेज में डायरेक्टर और प्रिंसिपल के 4 पदों में से 4, रजिस्ट्रार के 4 पदों में से 4 खाली पड़े हैं। चौधरी देवीलाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर के 56 में से 48, चौधरी रणवीर सिंह स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में 29 पद, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज नीलोखेड़ी में 24 पद और राव वीरेंद्र सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सभी 18 पद खाली पड़े हैं। यही कारण है कि प्रदेश का युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए विदेशों या दिल्ली का रुख करना पड़ रहा। 2024 में प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी और शिक्षा को लेकर आमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा।इस मौके पर शिक्षा प्रकोष्ठ के स्टेट प्रेसिडेंट रमेश दहिया, स्टेट वाइस प्रेसिडेंट सतबीर गोयत, स्टेट सेक्रेटरी उमेश शर्मा, जिला अध्यक्ष गुलाब सिंह, स्टेट जॉइंट सेक्रेटरी दिलबाग सिंह, जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र, जिला उपाध्यक्ष विकास गर्ग, स्टेट जॉइंट सेक्रेटरी मास्टर जितेंद्र, जींद के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र दहिया मौजूद रहे।