गेहूँ खरीद का कार्य आगामी 1 अप्रैल से, शैड्यूल अनुसार रहेगी खरीद, किसानो के खातो में जाएगी सीधे पेमेंट, खरीद को लेकर किसी प्रकार की नहीं होने दी जाएगी समस्या-उपायुक्त निशांत कुमार यादव।

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गेहूँ खरीद का कार्य आगामी 1 अप्रैल से, शैड्यूल अनुसार रहेगी खरीद, किसानो के खातो में जाएगी सीधे पेमेंट, खरीद को लेकर किसी प्रकार की नहीं होने दी जाएगी समस्या-उपायुक्त निशांत कुमार यादव।

करनाल 24 मार्च( पी एस सग्गू)
करनाल जिले मे रबी की मुख्य फसल गेहूँ की खरीद सरकार के निर्णय अनुसार आगामी 1 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। गेहूँ की खरीद जिला की 23 मंडियो में रहेगी, लेकिन जरूरत के अनुसार कुछ अस्थाई खरीद केन्द्र भी बनाए जा सकते है। किसानो के हित को देखते इस बार उपज का मूल्य या पेमेंट सीधे उनके खातो में जाएगी। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम के पास हिदायतें आ गई हैं। किसानो को अपनी उपज बेचने में कोई कठिनाई ना हो और मंडी आढ़तियों के साथ उनका सामजस्य बना रहे, इसे लेकर उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बुधवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला की तमाम मंडी एसोसिएशन के प्रधानो के साथ एक मीटिंग की। मीटिंग में उन्होंने पहले गेहूँ खरीद व्यवस्था की बात की और फिर मंडी प्रधानो के सुझाव लिए, दिक्कतें भी पूछी।
उपायुक्त ने बताया कि गेहूँ खरीद को लेकर सरकार की ओर से मंडी में किसानो को गेहूँ लाने के लिए शैड्यूल रहेगा। इस बारे पूरे सीजन के मैसेज एडवांस में चले जाएंगे। तिथि और मंडी को लेकर किसानो को चिंता नही करनी पड़ेगी। गेट पास की व्यवस्था पहले की तरह रहेगी, जिसमें मोबाईल से किसानो को मैसेज होगा और ओटीपी आएगा। गेहूँ खरीद मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के अनुसार ही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पिछले सीजन में कोरोना के प्रकोप के कारण जिला में 175 के करीब खरीद केन्द्र बनाए गए थे, लेकिन इस बार उतनी मारा-मारी नही है। फिर भी जरूरत अनुसार व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार की ओर से जिला प्रशासन को दी गई है, इसके तहत अगर दो-चार खरीद केन्द्र बढ़ाने पड़े तो बढ़ा देंगे। व्यवस्था सुदृढ़ तरीके से रहेगी। यह भी उम्मीद है कि पोर्टल को लेकर कोई तकनीकी समस्या का मुद्दा भी नहीं होगा। खरीद प्रबंधो को लेकर अतिरिक्त उपायुक्त करनाल वीना हुड्डा को नोडल अधिकारी रहेंगे।
मीटिंग में उपायुक्त और मंडी प्रधानो के बीच रहा सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संवाद- मीटिंग में उपायुक्त ने मंडी प्रधानो से बारी-बारी सुझाव पूछे। किसी प्रकार की कोई समस्या पेश आई हो तो उसे भी बताने को कहा। इस पर निगदू, तरावड़ी, इन्द्री, नीलोखेड़ी, घरौंडा, निसिंग, जूण्डला, असंध, कुंजपुरा व करनाल मंडी के प्रधान ने मंडी से अतिरिक्त शैलर इत्यादि में गेहूँ उतरवाकर उसकी खरीद के लिए अस्थाई परचेज़ सेंटर बनाने, यमुना बेल्ट के कुछेक गांव की पोर्टल पर एंट्री नही होने की बात कही। इस पर उपायुक्त ने कहा कि घरौंडा मंडी से जुड़े कुछेक ऐसे गांव हैं, उनके लिए सीएससी में कैम्प लगाकर पोर्टल पर एंट्री करवाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिस भूमि का रिकॉर्ड शामलात में दर्ज है, उसे पोर्टल नहीं उठाता। पट्टे की जमीन को यदि पंचायत द्वारा ठेके पर दिया गया था और उसे रिकॉर्ड में नहीं लिया गया, तो वह भी पोर्टल पर नहीं आता, लेकिन वास्तव में जो व्यक्ति लीज़ पर जमीन लेकर खेती कर रहा है, उसके लिए पासवर्ड बना हुआ है।
एक-दो मंडी में पानी निकासी की समस्या, मंडियो में अनावश्यक रूप से ट्रकों की भीड़, सीमावर्ती किसानो की फसलों की खरीद, मंडी में मौजूद कांटों पर ही तुलाई होने जैसी मांगे भी मंडी प्रधानो ने मीटिंग में उठाई। इस पर उपायुक्त ने कहा कि पिछले गेहूँ सीजन में कोविड के चलते लेबर की समस्या पेश आ गई थी, जो इस बार नहीं होगी। जहां तक शैड्यूलिंग की बात है, वह भी मंडी आढ़तियों की सहमति से करेंगे। जो किसान शैड्यूल के अनुसार किसी कारण से अपनी फसल मंडी में नहीं ला पाते, वे रविवार के दिन ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि गेहूँ का सीजन कुछेक दिनो में ही निपट जाता है, लेकिन कोशिश रहेगी कि किसान और आढ़ती को किसी प्रकार की समस्या ना आए।
मीटिंग में एडीसी वीना हुड्डा, एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा, एसडीएम घरौंडा डॉ. पूजा भारती, सीटीएम अभय जांगड़ा तथा डीएफएससी निशांत राठी भी मौजूद रहे।

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