खुशियाँ आपके द्वार’ 9 दिवसीय शिविर में आज ‘अलविदा तनाव’ विषय पर हुई चर्चा
हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय भाटला भी रहे उपस्थित
करनाल 15 मई (पी एस सग्गू)
ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से सेक्टर-9 में स्थित सेवाकेंद्र पर चल रहे खुशियाँ आपके द्वार विषय पर आयोजित 9 दिवसीय राजयोग मैडिटेशन शिविर के दूसरे दिन माउंट आबू से पधारे विख्यात मोटिवेशनल वक्ता प्रोफ. बी के ओंकार चंद भाई ने सभी को तनाव मुक्त रहने के तरीके बताए। वो आज अलविदा तनाव विषय पर अपने विचार रख रहे थे. ये शिविर हररोज शाम 5.30 बजे से 7.30 बजे तक निशुल्क आयोजित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हम घटनाओं को नहीं बदल सकते लेकिन घटनाओं के प्रति अपने दृष्टिकोण को तो बदल ही सकते हैं। अपने को बेहतर बनाने के लिए इतना समय दीजिये कि दूसरों की आलोचना करने के लिए आप के पास समय ही न हो। हर दिन को उत्सव बनाने का प्रयास करें। उत्साह के साथ हर दिन का प्रारंभ करें और प्रेम, प्रसन्नता के साथ समापन। कैसी भी परिस्थिति आ जाए लेकिन हम अपने मन की स्थिरता नहीं बिगाड़ें। हर परिस्थिति में मन को शान्त रखने की कला सीख लें। जैसे आकाश में बादलों का आना जाना लगा रहता है वैसे ही परिस्थितियाँ भी आती जाती रहती हैं। परिस्थितियों से घबराने के बजाए उन्हें परिक्षाएँ समझ कर पार करें। अपने मन को मजबूत बनाने के लिए प्रतिदिन सवेरे अच्छे विचारों का भोजन मन को दें। मन के शान्त न होने से उसका दुष्प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है।
शिविर में अपने व्याख्यान में ब्रह्माकुमार ओंकार चंद ने कहा कि हम आज जीवन में इतना दौड़ रहे हैं कि हमारे पास पीछे रुककर देखने का भी समय नहीं है कि मैं कहाँ दौड़ रहा हूँ और क्यों दौड़ रहा हूँ। क्या बाहरी प्रगति करना ही मेरा लक्ष्य है. आज हमें अपने भीतर देखने का समय ही नहीं है। आध्यत्मिकता हमें अपने अन्दर झाँकने के लिए प्रेरित करती है. जीवन में भरपूरता, संतुस्टता और ख़ुशी केवल आध्यत्मिकता से ही आ सकती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय भाटला ने कहा कि दिनप्रतिदिन हमारे जीवन में तनाव बढ़ता जा रहा है। तनाव को कम करने के लिए हमें अपनी इच्छाओं को नियंत्रित करना होगा. हमारी फालतू की इच्छाएँ ही हमारे चिंता व् तनाव का कारण है। ब्रह्माकुमारी संस्था के इस कार्यक्रम से अवश्य ही लोगों के अन्दर तनाव मुक्त जीवन जीने के प्रति जागृति आएगी। जो हम इस शिविर में सीखेंगे उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हमें पहुँचाना होगा. आज लोग मुस्कुराना भूल गए हैं. सकारत्मक सोच और मैडिटेशन से ही हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। खुश रहें और सदा सबको खुशियाँ बाटें – यही ब्रह्मा कुमारी बहनें हमें सिखाती हैं।
इससे पहले आज दीप प्रज्वलन और म्यूजिकल एक्स्सरसाइज़ के साथ शिविर के दूसरे दिवस का शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय भाटला, बिजली विभाग के एसई काशिक मान, महाराणा प्रताप विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक एवं रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 9 के अध्यक्ष ओम वीर राणा, राजपूत सभा के अध्यक्ष डॉ. एनपी सिंह चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र की संचालिका बी के निर्मल बहनजी ने कहा कि आज हमारा मन सारा दिन दूसरों को सुधारने के कार्य में ही लगा रहता है। अब क्या दूसरों को बदलना मेरे कन्ट्रोल में है। जब हम दूसरों को बदलने की सोचते हैं इससे हमारी आत्मा की शक्ति घटती जाती है। राजयोग हमें सही सोचने, बोलने व करने की विधि सिखाता है।
निर्मल बहनजी ने आगे कहा कि कुछ भी हो जाए हमें अपनी खुशी को सम्भाल के रखना है क्योंकि खुशी संसार की सबसे बड़ी दौलत है। छोटी छोटी बातों में हमें अपनी खुशी नहीं गंवानी है। खुशी के चोर ज्यादा हैं, धन के चोरों से तो हम सावधान रहते हैं लेकिन खुशी के चोरों से सावधान नहीं रहते हैं।