स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में नगर निगम ने टॉप 10 में आने का लिया लक्ष्य, 9500 अंकों का होगा सर्वेक्षण।
नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा ने सर्वेक्षण से जुड़ी गतिविधियों को लेकर निगम अधिकारियों के साथ मीटिंग कर किया मंथन, 3 स्टार रेटिंग, गारबेज फ्री सिटी व वाटर प्लस पर रखा फोकस, निगम अधिकारियों व सुगम स्वच्छता एजेंसी प्रतिनिधि को दिए निर्देश।
करनाल 10 अप्रैल (पी एस सग्गू)
बीते वर्ष की रैंकिंग से सबक लेकर नगर निगम स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए टॉप-10 में आने के लक्ष्य पर फोकस रख अपना काम कर रहा है। इसे लेकर शहर में जो-जो गतिविधियां चल रही हैं, नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा ने सोमवार को सम्बंधित अधिकारियों के साथ उन पर समीक्षा की, कुछ नए निर्देश भी दिए। मीटिंग में उप निगमायुक्त अरूण भार्गव, इंजीनियरिंग विंग से एक्सईएन, एई व जेई, सेनीटेशन टीम और सुगम स्वच्छता एजेंसी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
9500 अंको का होगा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023- मीटिंग में निगमायुक्त ने जानकारी दी कि इस बार स्वच्छ सर्र्वेक्षण 9500 अंको का रहेगा। इसमें 4525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के, 2500 अंक सर्टिफिकेशन के और 2475 अंक सिटीजन वॉयस के रखे गए हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में गीले व सूखे कचरे का अलग-अलग एकत्रीकरण, ठोस अपशिष्टï की प्रोसेसिंग व निस्तारण तथा स्थायी स्वच्छता और सफाई मित्र जैसे बिन्दू शामिल हैं। सर्टिफिकेशन में गारबेज फ्री सिटी और ओडीएफ को शामिल गया है, जबकि सिटीजन वॉयस में स्वच्छता को लेकर नागरिकों की फीडबैक व शहर से जुड़ाव, अनुभव, नवाचार व सवोत्तम प्रथाएं तथा आपदा प्रबंधन जैसे बिन्दू लिए गए हैं।
इन बिन्दूओं पर हुआ मंथन- स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर काफी देर तक चली मीटिंग में 3 स्टार रेटिंग से जुड़े भिन्न-भिन्न बिन्दूओं पर मंथन हुआ। निगमायुक्त ने बताया कि स्वच्छता को लेकर शहर को 3 स्टार रेटिंग मिले, इसके लिए नगर निगम की ओर से केन्द्रीय एवं शहरी मंत्रालय के पास आवेदन किया गया है, आवेदन के साथ जो दस्तावेज भेजे गए थे, वह सभी अप्रूव हो गए हैं। उन्होंने बताया कि उक्त मंत्रालय की टीम कभी भी करनाल आकर 3 स्टार रेटिंग से जुड़ी साईट को चैक कर सकती है, इसी से जुड़े अलग से 16 बिन्दू हैं, जिन पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि वाटर प्लस के लिए भी नगर निगम की ओर से आवेदन किया गया है, जिसमें एस.टी.पी. से उपचारित जल के 30 प्रतिशत वाटर का रियूज करना होता है। उन्होंने बताया कि निगम के 4 एस.टी.पी. इस समय वर्किंग में हैं, इनमें सैक्टर-4 स्थित 50 एमएलडी, घोघड़ीपुर में 10 एमएलडी, शिव कॉलोनी में 8 एमएलडी तथा आर.के. पुरम स्थित 8 एमएलडी प्लांट शमिल हैं। सभी पर वाटर हाईड्रेंट्स लगे हैं, जिसके जरिए फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां पानी लेती हैं। सडक़ों के डिवाईडर पर व पार्कों में लगे पेड़-पौधों की सिंचाई के लिए भी इसी जल का प्रयोग हो रहा है।
उन्होंने बताया कि गारबेज फ्री सिटी में डोर टू डोर कूड़े एकत्रीकरण और सोर्स सैग्रीगेशन पर जोर दिया जा रहा है। कूड़ा उठाने वाले हर टिप्पर के पीछे लाल, पीले व काले रंग के बिन लटकाए गए हैं, जिनमें अलग-अलग तरह के अपशिष्टï डाले जाते हैं। शत प्रतिशत सैग्रीगेशन के लिए निगम की मोटीवेटर टीम और सक्षम युवा, गली-मौहल्लों में जाकर निगरानी कर रही हैं। गलियों मे जो रेहडिय़ां कूड़ा एकत्र कर रही हैं, उन्हें बैग मुहैया करवाए गए हैं और उसी में कूड़ा डालने की हिदायत दी गई है। निगमायुक्त ने मीटिंग में मौजूद सभी सम्बंधित जोन इंचार्ज को इन कामों की निगरानी करने के निर्देश दिए।
निगमायुक्त ने बताया कि वर्ष 2016 में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल, फ्रेम किए गए थे, उन्हीं पर आधारित तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है। शहर के व्यवसायिक और आवासीय क्षेत्रो में दिन में दो बार सफाई की जा रही है। बल्क वेस्ट जेनरेटर को हिदायत है कि वह एनजीटी के आदेशों की पालना के अनुसार बल्क में जैनरेट होने वाले गीले वेस्ट का निस्तारण स्वयं करेंगे। मीटिंग में निगमायुक्त ने सी एंड डी वेस्ट के निस्तारण की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहर से निकलने वाले सी एंड डी वेस्ट को उठाने के लिए नगर निगम ने कुछ निजी ट्रैक्टर-ट्रालियों को निर्धारित रेटों पर कूड़ा उठाने की ईजाजत दे रखी है। उनके सम्पर्क नम्बर पहले ही सार्वजनिक कर दिए गए थे। इस तरह के वेस्ट के लिए नगर निगम के ताऊ देवी लाल चौक पर स्थित स्टोर परिसर में एक जगह बनाई गई है। निर्माण के बाद जो मालिक खुले में सी एंड डी वेस्ट को काफी दिनो तक रखे हुए हैं और नहीं उठा रहे हैं, उनके चालान करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णत: बैन हैं, जोनल इंचार्ज अपने-अपने जोन में इस पर चैक रखेंगे और नियम तोडऩे वाले के चालान करेंगे। उन्होंने बताया कि शहर में जितनी भी वैज्ञापन साईट हैं, उन पर जागरूकता बैनर लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि शिकायतों के समाधान के लिए एक स्वच्छता एप है, जिसमें 12 घण्टें में शिकायत पर कार्रवाई करने का प्रावधान है। नगर निगम में ऐसी 5-6 शिकायतें औसतन 1 दिन में दर्ज होती हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है। इसी प्रकार सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियां जारी हैं। निगम के पास अपना बर्तन बैंक और कपड़ा बैग बैंक है। उन्होंने निर्देश दिए कि शहर में जितने भी नाले व नालियां हैं, उन पर जालियां होनी चाहिएं। बड़े नालों पर हर 500 मीटर की दूरी पर जालियां हों। शहर में मौजूद शौचालयों में से 43 बेस्ट शौचालयों पर पेंटिंग, हरियाली, प्लांट, पानी की उपलब्धता, शीशा, साबुन, महिलाओं के लिए अलग से शौचालय और साईनेज की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
इसके अलावा उन्होंने निगम अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वह 3 आर यानि रिड्यूज, रियूज व रिसाईकल के फार्मूला पर काम करें। सफाई मित्र की सुरक्षा सुनिश्चित रहनी चाहिए। उनकी ट्रैनिंग करवा दी गई है, लेकिन सभी के पास सुरक्षा के जरूरी उपकरण होने चाहिएं। नागरिक सीवर लाईन और बरसाती नालों में अनाधिकृत कनैक्शन व ब्लॉकेज इत्यादि से सम्बंधित शिकायत 14420 नम्बर पर कर सकते हैं।