सरकार की हरिहर स्कीम के तहत उपायुक्त अनीश यादव ने परित्यक्त और आत्मसमर्पित किए गए 2 बच्चों की अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए की सिफरिश, एक दिव्यांग बच्ची की विकलांगता पेंशन तुरंत प्रभाव से लागू करने के दिए निर्देश।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला के भिन्न-भिन्न बाल देखभाल संस्थानों में जितने भी परित्यक्त और आत्मसमर्पण बच्चे हैं, उनका सही तरीके से पालन पोषण किया जाए और उनके जीवन में बदलाव लाने का करें प्रयास।
करनाल, 3 फरवरी( पी एस सग्गू)
उपायुक्त अनीश यादव ने महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा की हरिहर स्कीम (बेघर परित्यक्त और आत्मसमर्पण किए गए बच्चों के पुनर्वास की पहल) के तहत 2 बच्चों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी दिए जाने के लिए नाम की सिफारिश की तथा आगामी कार्यवाही के लिए मुख्यालय चंडीगढ़ भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा एक अन्य मामले में 75 प्रतिशत दिव्यांग बच्ची की विकलांगता पेंशन तुरंत प्रभाव से लागू करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए।
उपायुक्त शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हरिहर स्कीम को लेकर जिला स्तर पर गठित कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उप-पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला, जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ढिलोड, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष उमेश चानना, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना व संरक्षण अधिकारी गुरमीत मौजूद रहे। बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जिला के भिन्न-भिन्न बाल देखभाल संस्थानों में जितने भी बच्चे हैं, उनका सही तरीके से पालन पोषण किया जाए और उनके जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करें। परित्यक्त और आत्मसमर्पण बच्चों के लिए अच्छे स्कूलों में शिक्षा का प्रबंध करवाया जाए तथा उन बच्चों को कम्प्यूटर इत्यादि का हुनर भी सिखाया जाए ताकि उन्हें जल्द से जल्द रोजगार मिल सके। प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अन्य बेघर परित्यक्त और आत्मसमर्पण बच्चों की तैयार की गई स्टेटस रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला ने सरकारी नौकरी के लिए रिकमेंड किए गए जाने वाले उक्त दो बच्चों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 4 अप्रैल 2005 को एमडीडी बाल भवन फूंसगढ़ संस्था में, उसके पिता द्वारा यह कहकर दाखिल करवाया था कि उसके घर पर गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई थी, जिससे बच्ची की माता की मृत्यु हो चुकी है और वह भी काफी गंभीर रूप से जले हुए थे, बच्ची उस समय लगभग 4-5 माह की थी, परिवार में बच्ची की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। जांच में पाया गया कि बच्ची की माता उस समय उन्हें छोडक़र चली गई थी और अब बच्ची के पिता की भी मृत्यु हो चुकी है। बच्ची के ताऊ द्वारा भी आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बच्ची को अपने पास रखने में असमर्थता जताई है। इस बच्ची का नाम हरिहर योजना के तहत अनुकंपा आधार पर नौकरी दिलवाने के लिए समिति के एजेंडे में रखा गया है, उपायुक्त ने इस बच्ची का नाम रिकमेंड करने के लिए अपनी सहमति दी।
इसी प्रकार एक अन्य बच्चा 24 अक्तूबर 2004 को श्री कृष्ण प्रणामी बाल सेवा आश्रम कैमरी, हिसार में एक व्यक्ति द्वारा दाखिल करवाया गया था, उस समय बच्चा एक दिन का था। यह बच्चा वर्ष 2004 से लेकर अब तक विभिन्न संस्थाओं में रह चुका है। वर्तमान में यह बच्चा हरियाणा राज्य बाल भवन मधुबन में रह रहा है। संस्था के रिकॉर्ड के अनुसार अब यह बच्चा 18 वर्ष 3 महीने का हो चुका है, जोकि 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि इस बच्चे का नाम भी हरिहर योजना के तहत अनुकंपा आधार पर नौकरी दिलवाने के लिए समिति के एजेंडे में रखा गया है, उपायुक्त ने इस बच्चे का नाम भी रिकमेंड करने के लिए अपनी सहमति दी।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने समिति के एजेंडे में रखे गए तीसरे बच्चे के बारे में बताया कि 29 अक्तूबर 2004 को सर्राफा बाजार निवासी सुनील को रामलीला ग्राउंड करनाल में लगभग 2 से 4 घंटे की नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली थी, जिसे उनके द्वारा 29 अक्तूबर 2004 को ही श्रद्धानंद अनाथालय संस्था में दाखिल करवा दिया गया था। बच्ची तब से श्रद्धानंद अनाथालय आश्रम में रह रही है। संस्था के रिकॉर्ड के अनुसार बच्ची 18 वर्ष 3 महीने की हो चुकी है। यह बच्ची 75 प्रतिशत दिव्यांग है, बच्ची पढ़ी-लिखी नहीं है। वर्तमान में बच्ची तपन रिहैबिलिटेशन पुनर्वास संस्था नीलोखेड़ी, जोकि मानसिक रूप से निशक्त बच्चों का स्कूल है, उसमें पढऩे जाती है। बाल कल्याण समिति कल्याण द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बच्ची के सभी दस्तावेजों के आधार पर 24 दिसम्बर 2022 को अबंडंड घोषित किया जा चुका है। पुलिस विभाग से बच्चे से संबंधी नॉन कलेमेंट प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुका है। हरिहर योजना के अंतर्गत बच्ची की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आफटर केयर के तहत सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सामाजिक सुरक्षा पेंशन(विकलांगता पेंशन) के बराबर वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु समिति के एजेंडे में इस बच्ची का नाम रखा गया है। उपायुक्त ने इस मामले में बैठक में उपस्थित जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि तुरंत प्रभाव से इस बच्ची की विकलांगता पेंशन लागू करवाई जाए।