जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया 

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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया
करनाल 14 जनवरी ( पी एस सग्गू)
शिक्षा विभाग ,निदेशक एससीईआरटी गुरुग्राम तथा हरियाणा योग आयोग विभाग के संयुक्त तत्वाधान एवं  जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी व विद्योत्मा , प्राचार्य डाइट शाहपुर, करनाल के कुशल मार्ग निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न खंडों के  पीआरटी एवं टीजीटी ने भाग लिया ।
 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर  कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए हरियाणा योग आयोग से डॉ. संदीप आचार्य ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए योग के महत्व के बारे में विस्तार पूर्वक व्याख्यान दिया ।उन्होने कहा की योग हमारे देश की संस्कृति है , पद्धति है। जिसके सानिध्य मे हम हमारे जीवन को रोग मुक्त करके शारीरिक , मानसिक व आध्यात्मिक  रूप से मजबूत बनाकर अपने जीवन को स्वस्थ , निरोगी बनाते है । देश के विकास मे अपना योगदान देते है। प्रशिक्षण कार्यक्रम  में मास्टर ट्रेनर डॉ ईश्वर सिंह ,डॉ भुपेन्द्र सिंह  व  विनोद कुमार ने प्रतिभागियों को विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास करवाया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी प्रतिभागी अध्यापकों  को जलनेती, रबरनेती, सूक्ष्म-व्यायाम, सूर्य नमस्कार, बंध, जप, ध्यान और साधना आदि का अभ्यास करवाया गया तथा विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान डॉ संदीप व डॉ ईश्वर सिंह ने अध्यापकों को प्राकृतिक चिकित्सा की भी जानकारी दी ।
योग ट्रेनिग कार्यक्रम के  में डॉ. मनोज मित्तल एमबीबीएस एमडी, ने हरियाणा योग आयोग की ओर से ट्रेनिंग कैम्प में शिरकत की । डा0  मित्तल ने प्रशिक्षुओं को योग का महत्व  बताते हुए कहा कि योग हमारे देश की ऐसी विधा है जिसको हम अपने जीवन मे अपनाकर अपने स्वास्थ्य को बचा सकते है तथा योग की बदौलत हम इलाज पर होने वाले भारे भरकम खर्चों से बच सकते हैं  |
डॉ ईश्वर ने बताया की प्राकृतिक चिकित्सा मे रोगों का पूर्ण निदान संभव है । प्राकृतिक चिकित्सा से रोगी को रोगों के बारे में निदान के साथ बार- बार प्रशिक्षित भी करती है।उन्होंने कहा कि आहार, विचार व व्यवहार पर नियंत्रण भी प्राकृतिक चिकित्सा से सम्भव है | प्राकृतिक के साथ जीना व पंच तत्वों (मिट्टी, जल, वायु, आकाश और अग्नि)  के सानिध्य मे रहकर सम अवस्था को ही प्राकृत जीवन , निरोगी जीवन बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर इन्ही पाँच महाभूतों तत्वों से बना है।
डॉ भुपेन्द्र  ने योग  शिक्षा के सत्र में अध्यापकों को बताया कि योग शिक्षा से नैतिक , सांस्कृतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक विकास सम्भव है । उन्होंने  पतंजलि योग सूत्र व श्रीमद भगवत गीता के श्लोकों का भी विधिवत रूप से उच्चारण करवाया ।
सोमनाथ अरोड़ा संयोजक जिला करनाल व विनोद कुमार ने योग प्राणायाम के दौरान सूर्य नमस्कार का अभ्यास  व अन्य  क्रियाओं का प्रशिक्षण दिया ।
आयुष विभाग के डॉ. अमित पुंज ने योग के द्वारा अपना जीवन स्तर अच्छा करने के लिए योग व आयुर्वेद को अपनाने पर बल दिया |
डॉ दीप्ति ने योग मे एक्युप्रेशर का महत्ता पर प्रकाश डाला और रोग प्रतिरोध पद्धति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे शरीर मे हजारों पॉइंट्स है जिनको दबाने मात्र से हम कई रोगो का बिना किसी दवाई के स्वंय इलाज कर सकते है | डॉ. बबीता योग शिक्षिका द्वारा योग की क्रियाओं का अभ्यास करवाया गया |
समापन अवसर पर योग प्रशिक्षण का फीडबैक ऑनलाइन लिया गया तथा भविष्य में भी ऑनलाइन फीडबैक  लिया जाएगा । प्रतिभागी अध्यापकों ने  हर सत्र में योग प्रशिक्षण करवाने की इच्छा व्यक्त की। पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी गई जानकारी की सभी प्रतिभागी अध्यापकों ने प्रशंसा की कार्यों की । प्रशिक्षण कार्यक्रम में अश्वनी लिपिक  डा. पंकज ,सतीश तथा  सोनू कुमार लिपिक भी मौजूद रहे।

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