भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम से जुड़े सैंकड़ों किसानों ने सीएम आवास के बाहर धरना देकर रोष प्रकट किया
करनाल 25 दिसंबर ( पी एस सग्गू)
करनाल में भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम से जुड़े सैंकड़ों किसानों ने सीएम आवास के बाहर धरना देकर रोष प्रकट किया। सुबह किसान ट्रेक्टरों पर सवार होकर सीएम आवास की ओर कूच रहे थे। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बेरीकेट लगाए, लेकिन गुस्साए किसान बेरीकेट तोड़ते हुए सीएम आवास की तरफ बढ़ गए। सीएम के घर के सामने ही सुबह से दोपहर तक धरना दिया गया। किसान नेताओं ने हरियाणा की गठबंधन सरकार पर अन्नदाताओं को बर्बाद करने वाली नीतियां बनाने के आरोप लगाए। साथ ही चेताया कि अगर हरियाणा सरकार किसान विरोधी नीतियां बनाने से बाज नहीं आए तो एक बड़ा किसान आंदोलन झेलने के लिए तैयार रहे। दोपहर को मांगों का ज्ञापन डयूटी मैजिस्ट्रेट को सीएम के नाम सौंपा गया। भाकियू सर छोटूराम के कोर ग्रुप सदस्य जगदीप ओलख व बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री अपने वादों से मुकुर जाते हैं। सीएम जनता के सामने झूठ बोलने में माहिर हैं और बंद दरवाजों में अपने फैसले बदल देते हैं। 10 से 15 साल पुराने वाहनों को बंद करने के विरोध में भाकियू सर छोटूराम ने पहले भी धरने प्रदर्शन किए थे, उसके बाद सीएम ने तुरंत प्रभाव से यह नीति लागू नहीं करने का वादा किया था। अब कुछ दिन पहले हुई कैबिनेट मीटिंग में स्क्रैप पॉलिसी को मंजूरी देकर सीएम ने अपना वादा तोड़ दिया। किसानों के खिलाफ बनाई जा रही नीतियों को भारतीय किसान यूनियन लागू नहीं करने देगी। किसान आंदोलन के लिए तैयार हैं। सरकार बाज नहीं आई तो एक बड़ा आंदोलन फिर शुरू होगा। ज्ञापन में मांगें रखी गई कि बिजली बिलों में नया टैक्स एसीडी रिव्यू एमाउंट लगाया गया है, उसे तुरंत हटाया। 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को बंद करने के लिए नया कानून जो बनाया गया है उसे तुरंत वापस लिया जाए। हरियाणा की मंडियों में फसलों की बिक्री पर नया टैक्स ग्रामीण विकास शुल्क के नाम से दो प्रतिशत लगाया गया है उसे भी वापस लिया जाए। बीती 12 सितंबर को सीएम से चंडीगढ़ में हुई वार्ता में देह शामलात, जुमला मालकान व अन्य जमीनों को लेकर जो वादा किया गया था उसको इस विधानसभा सत्र में पूरा किया जाए। इस अवसर पर जगदीप सिंह ओलख, बहादुर मेहला बलड़ी, सुरेश कौथ, छत्रपाल सिंधड़, अमृतपाल बुग्गा, जोश गिल बालू, सुखविंद्र जब्बर, समय सिंह संधु, बलजिंद्र, वरिंद्र डाचर, तखविंद्र दरड़, दिलबाग दरड़ व साहब सिंह संधु सहित सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।
करनाल में भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम से जुड़े सैंकड़ों किसानों ने सीएम आवास के बाहर धरना देकर रोष प्रकट किया। सुबह किसान ट्रेक्टरों पर सवार होकर सीएम आवास की ओर कूच रहे थे। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए बेरीकेट लगाए, लेकिन गुस्साए किसान बेरीकेट तोड़ते हुए सीएम आवास की तरफ बढ़ गए। सीएम के घर के सामने ही सुबह से दोपहर तक धरना दिया गया। किसान नेताओं ने हरियाणा की गठबंधन सरकार पर अन्नदाताओं को बर्बाद करने वाली नीतियां बनाने के आरोप लगाए। साथ ही चेताया कि अगर हरियाणा सरकार किसान विरोधी नीतियां बनाने से बाज नहीं आए तो एक बड़ा किसान आंदोलन झेलने के लिए तैयार रहे। दोपहर को मांगों का ज्ञापन डयूटी मैजिस्ट्रेट को सीएम के नाम सौंपा गया। भाकियू सर छोटूराम के कोर ग्रुप सदस्य जगदीप ओलख व बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री अपने वादों से मुकुर जाते हैं। सीएम जनता के सामने झूठ बोलने में माहिर हैं और बंद दरवाजों में अपने फैसले बदल देते हैं। 10 से 15 साल पुराने वाहनों को बंद करने के विरोध में भाकियू सर छोटूराम ने पहले भी धरने प्रदर्शन किए थे, उसके बाद सीएम ने तुरंत प्रभाव से यह नीति लागू नहीं करने का वादा किया था। अब कुछ दिन पहले हुई कैबिनेट मीटिंग में स्क्रैप पॉलिसी को मंजूरी देकर सीएम ने अपना वादा तोड़ दिया। किसानों के खिलाफ बनाई जा रही नीतियों को भारतीय किसान यूनियन लागू नहीं करने देगी। किसान आंदोलन के लिए तैयार हैं। सरकार बाज नहीं आई तो एक बड़ा आंदोलन फिर शुरू होगा। ज्ञापन में मांगें रखी गई कि बिजली बिलों में नया टैक्स एसीडी रिव्यू एमाउंट लगाया गया है, उसे तुरंत हटाया। 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को बंद करने के लिए नया कानून जो बनाया गया है उसे तुरंत वापस लिया जाए। हरियाणा की मंडियों में फसलों की बिक्री पर नया टैक्स ग्रामीण विकास शुल्क के नाम से दो प्रतिशत लगाया गया है उसे भी वापस लिया जाए। बीती 12 सितंबर को सीएम से चंडीगढ़ में हुई वार्ता में देह शामलात, जुमला मालकान व अन्य जमीनों को लेकर जो वादा किया गया था उसको इस विधानसभा सत्र में पूरा किया जाए। इस अवसर पर जगदीप सिंह ओलख, बहादुर मेहला बलड़ी, सुरेश कौथ, छत्रपाल सिंधड़, अमृतपाल बुग्गा, जोश गिल बालू, सुखविंद्र जब्बर, समय सिंह संधु, बलजिंद्र, वरिंद्र डाचर, तखविंद्र दरड़, दिलबाग दरड़ व साहब सिंह संधु सहित सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।