- भारत रत्न एवं संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के समाज सुधारक, उनके सशक्त विचार व उनका साधारण जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय : विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता।
विधानसभा अध्यक्ष कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत, सांसद संजय भाटिया व पूर्व वाईस चांसलर विजय कायत ने उपस्थित जनसमूह को किया संबोधित, अम्बेडकर एक मिशन की ओर से परिनिर्वाण दिवस का हुआ आयोजन, अतिथियों व उपस्थित लोगों ने बाबा साहेब को दी श्रद्धांजलि।
करनाल 4 दिसम्बर (पी एस सग्गू)
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने रविवार को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम मे कहा कि भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सशक्त विचार व उनका साधारण जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है और हमें उनके बताए हुए आदर्शों पर चलकर अपने जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भारत के संविधान निर्माता के रूप में हमेशा याद किया जाता रहेगा। इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, सांसद संजय भाटिया, पूर्व वाईस चांसलर प्रो. डॉ. विजय कायत, मीडिया कोर्डिनेटर जगमोहन आनंद, अम्बेडकर एक मिशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ सौदा ने महापरिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष में बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और नमन किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के समाज सुधारक थे, उन्होंने भारत में सामाजिक असमानता, जाति व्यवस्था को पूर्ण रुप से समाप्त करने में योगदान दिया। वो स्वतंत्र भारत संविधान के निर्माता भी बने। वे कानून, राजनीति और अर्थशास्त्र सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट थे। वो भारत गणराज्य के प्रमुख नेताओं और वास्तुकारों में से एक थे। 1990 में डॉ अम्बेडकर के मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होने कहा कि आज कुछ विदेशी ताकते भारत को तोडने की साजिश कर रही है और जातियो को आपस में लडवाना चाहती है लेकिन भारतीय सविधान इतना मजबूत है कि कोई भी विदेशी ताकत इसका कुछ नही बिगाड सकती। उन्होने कहा कि दलित समाज का आहवान किया कि वे बच्चो कि शिक्षा पर ध्यान दे इसके लिए चाहे उन्हे अपनी सुविधाओ में कमी करनी पडे उन्होने कहा कि जितने भी दलित भाई बहनो ने शिक्षा ग्रहण की वे तरक्की कि और है। उन्होने कहा बाबा साहब को जातियो मे ना बांटे उन्होने देश को एकता के सूत्र में बाँधा हैं। उन्होने कहा कि मुझे खुशी है कि मुख्य मंत्री की प्ररेणा से हरियाण विधान सभा के प्रवेश द्वार पर डा0 अम्बेडकर की मूर्ति व संविधान की प्रति स्थापित करवाई गई है।
इस अवसर पर सांसद संजय भाटिया ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने श्रमिकों के हितों की आवाज उठाई थी और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी लड़ाई लड़ी और श्रम संबंधित कानूनों से मोदी ने डॉक्टर अंबेडकर जी के सपनों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रत्येक वर्ग की भलाई का काम किया है, हमें ऐसे महापुरुषों को हमेशा याद रखना चाहिए और उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर अपने वह अपने समाज का भला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव राम अम्बेडकर को हमारे देश में एक महान व्यक्तित्व और नायक के रुप में माना जाता है तथा वह लाखों लोगों के लिए वो प्रेरणा स्रोत भी है। बचपन में छुआछूत का शिकार होने के कारण उनके जीवन की धारा पूरी तरह से परिवर्तित हो गई। जिससे उन्होंने अपने आपको उस समय के उच्चतम शिक्षित भारतीय नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया और भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना अहम योगदान दिया। भारत के संविधान को आकार देने और के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर का योगदान सम्मानजनक है। उन्होंने पिछड़े वर्गों के लोगों को न्याय, समानता और अधिकार दिलाने के लिए अपने जीवन को देश के प्रति समर्पित कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के पूर्व वाईस चांसलर प्रो. डा. विजय कायत ने कहा कि बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव राम अंबेडकर एक न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है। एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और एक प्रख्यात न्यायविद्, अस्पृश्यता और जाति प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। अपने पूरे जीवन में, उन्होंने दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्हीं के संघर्ष के परिणामस्वरूप आज हर वर्ग के व्यक्ति को उनके अधिकार मिले हैं।
अम्बेडकर एक मिशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ सौदा ने कहा कि बाबा साहेब ने शिक्षा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि शिक्षित समाज में ही सदैव नैतिक सामाजिक मूल्यों की स्थापना होती है। बाबा साहब ने एक बार कहा था कि किसी समुदाय की तरक्की को मैं तभी मानता हूं जब उस समुदाय की महिलाओं को विशेष अधिकार दिए जाएं और वे हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ मिलकर बराबर आगे बढ़ सके। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं को संविधान के द्वारा अनेक प्रकार के अधिकार दिए हैं। उन्होंने कहा नारी के उत्थान के लिए संविधान में कई सारे प्रावधान किए गए हैं जैसे महिलाओं के लिए मेटरनिटी लीव, पैतृक संपत्ति में सम्मान अधिकार पुरुषों के समान महिलाओं को भी अनेक अधिकार संविधान में दिए गए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया कोर्डिनेटर जगमोहन आंनद, जयराज बिड़लान, डा. रामपाल, डा. सरीता, डा. सुरेन्द्र नागिया, प्रो. विजय, डा. सुशील, मनोज परोचा, महेन्द्र चनालिया, मा. भूपेन्द्र सिंह, भाजपा नेता ईलम सिंह अन्य लोग मौजूद रहे।
विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के समाज सुधारक थे, उन्होंने भारत में सामाजिक असमानता, जाति व्यवस्था को पूर्ण रुप से समाप्त करने में योगदान दिया। वो स्वतंत्र भारत संविधान के निर्माता भी बने। वे कानून, राजनीति और अर्थशास्त्र सहित कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट थे। वो भारत गणराज्य के प्रमुख नेताओं और वास्तुकारों में से एक थे। 1990 में डॉ अम्बेडकर के मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होने कहा कि आज कुछ विदेशी ताकते भारत को तोडने की साजिश कर रही है और जातियो को आपस में लडवाना चाहती है लेकिन भारतीय सविधान इतना मजबूत है कि कोई भी विदेशी ताकत इसका कुछ नही बिगाड सकती। उन्होने कहा कि दलित समाज का आहवान किया कि वे बच्चो कि शिक्षा पर ध्यान दे इसके लिए चाहे उन्हे अपनी सुविधाओ में कमी करनी पडे उन्होने कहा कि जितने भी दलित भाई बहनो ने शिक्षा ग्रहण की वे तरक्की कि और है। उन्होने कहा बाबा साहब को जातियो मे ना बांटे उन्होने देश को एकता के सूत्र में बाँधा हैं। उन्होने कहा कि मुझे खुशी है कि मुख्य मंत्री की प्ररेणा से हरियाण विधान सभा के प्रवेश द्वार पर डा0 अम्बेडकर की मूर्ति व संविधान की प्रति स्थापित करवाई गई है।
इस अवसर पर सांसद संजय भाटिया ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने श्रमिकों के हितों की आवाज उठाई थी और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी लड़ाई लड़ी और श्रम संबंधित कानूनों से मोदी ने डॉक्टर अंबेडकर जी के सपनों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रत्येक वर्ग की भलाई का काम किया है, हमें ऐसे महापुरुषों को हमेशा याद रखना चाहिए और उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर अपने वह अपने समाज का भला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव राम अम्बेडकर को हमारे देश में एक महान व्यक्तित्व और नायक के रुप में माना जाता है तथा वह लाखों लोगों के लिए वो प्रेरणा स्रोत भी है। बचपन में छुआछूत का शिकार होने के कारण उनके जीवन की धारा पूरी तरह से परिवर्तित हो गई। जिससे उन्होंने अपने आपको उस समय के उच्चतम शिक्षित भारतीय नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया और भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना अहम योगदान दिया। भारत के संविधान को आकार देने और के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर का योगदान सम्मानजनक है। उन्होंने पिछड़े वर्गों के लोगों को न्याय, समानता और अधिकार दिलाने के लिए अपने जीवन को देश के प्रति समर्पित कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता चौ. देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा के पूर्व वाईस चांसलर प्रो. डा. विजय कायत ने कहा कि बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से लोकप्रिय डॉ. भीमराव राम अंबेडकर एक न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें भारतीय संविधान के पिता के रूप में भी जाना जाता है। एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और एक प्रख्यात न्यायविद्, अस्पृश्यता और जाति प्रतिबंध जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। अपने पूरे जीवन में, उन्होंने दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। उन्हीं के संघर्ष के परिणामस्वरूप आज हर वर्ग के व्यक्ति को उनके अधिकार मिले हैं।
अम्बेडकर एक मिशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ सौदा ने कहा कि बाबा साहेब ने शिक्षा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि शिक्षित समाज में ही सदैव नैतिक सामाजिक मूल्यों की स्थापना होती है। बाबा साहब ने एक बार कहा था कि किसी समुदाय की तरक्की को मैं तभी मानता हूं जब उस समुदाय की महिलाओं को विशेष अधिकार दिए जाएं और वे हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ मिलकर बराबर आगे बढ़ सके। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं को संविधान के द्वारा अनेक प्रकार के अधिकार दिए हैं। उन्होंने कहा नारी के उत्थान के लिए संविधान में कई सारे प्रावधान किए गए हैं जैसे महिलाओं के लिए मेटरनिटी लीव, पैतृक संपत्ति में सम्मान अधिकार पुरुषों के समान महिलाओं को भी अनेक अधिकार संविधान में दिए गए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया कोर्डिनेटर जगमोहन आंनद, जयराज बिड़लान, डा. रामपाल, डा. सरीता, डा. सुरेन्द्र नागिया, प्रो. विजय, डा. सुशील, मनोज परोचा, महेन्द्र चनालिया, मा. भूपेन्द्र सिंह, भाजपा नेता ईलम सिंह अन्य लोग मौजूद रहे।