यह है मनोहर की मनौहारी नगरिया तू देख ले बबुआ: त्रिलोचन सिंह  गंदगी के ढेर पर बसा  हैं मुख्यमंत्री की नगरी का प्रशासनिक मुख्यालय कहा -डीसी जब अपने मुख्यालय को साफ नहीं रख पाए तो शहर कैसे साफ रख पाएंगे 

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यह है मनोहर की मनौहारी नगरिया तू देख ले बबुआ: त्रिलोचन सिंह
गंदगी के ढेर पर बसा  हैं मुख्यमंत्री की नगरी का प्रशासनिक मुख्यालय
कहा -डीसी जब अपने मुख्यालय को साफ नहीं रख पाए तो शहर कैसे साफ रख पाएंगे
कहा: अधिकतर सफाई कर्मचारी अफसरों और भाजपा नेताओं के घरों पर तैनात
करनाल 24 नवंबर (पी एस सग्गू)
मुख्यमंत्री की नगरी करनाल में सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे हैं। करनाल का प्रशासनिक तथा पुलिस  मुख्यालय परिसर जहां पर डीसी और एसपी के साथ सरकारी कार्यालय हैं। यहां पर गंदगी और कचरे के ढेर करनाल की डीसी की सोच का उजागर कर रहे हैं। यह जानकारी कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिहं ने दी। उन्होंने बताया कि जिस जिले का प्रशासनिक मुख्यालय में ही सफाई नहीं हैं। उस जिले में गलियों कालोनियों में सफाई का क्या हाल होगा। उन्होंने बताया कि करनाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर क्लीन स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया था। लेकिन करनाल कही प्रदेश का सबसे गंदा शहर बन चुका हैं। करोड़ों रुपया खर्च कर शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। लेकिन कागजों में ही यह योजनाएं चल रही है। करनाल में सफाई कर्मचारी प्रशासनिक अफसरों और सरकार में भागीदार भाजपा नेताओं के घर पर काम कर कर रहे हैं। कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह ने प्रशासनिक मुख्यालय का दौरा किया था। उन्होंने बताया कि मिनी सचिवालय के दोनों  प्रवेश  द्वारों के  आस पास  कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इसके अलावा जहां डीसी और प्रशासनिक अफसरों के वाहन खड़े होते हैं, वहां पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके अलावा तहसील परिसर , कैंटीन के आसपास तथ पिछले हिस्से में गंदगी के ढेर लगे हुए है। उन्होंने बताया कि यहां पर लाखों रुपया खर्च कर बनाए गए ई टायलेट बिना उपयोग केे बने हुए हैं। यहां पर सीवर के गटी में गंदगी जमा हो रही हैं। लगता है कि कई महीनों से यहां पर सफाई नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया कि करनाल मिनी सचिवालय में जमा गंदगी के कारण डेंगू के फैलने की संभावना बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि जहां से स्मार्ट सिटी तथा शहर की योजनाएं तैयार होती हैं। वहीं पर गंदगी के ढेर प्रशासनिक अफसरों की सतर्कता की पोल खोलती दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि करनाल में करोड़ों रुपया खर्च कर बनाए ई टायलेट, शी रोम, सार्वजनिक शौचालयों में ताले लटके हुए हैं। उन्होंने बताया कि मिनी सचिवालय में जो गमले टूटे हैं वह टूटे हुए पड़े हुए है। कचरे दान भरे पड़े हैं। कई कचरे दान टूट चुके हैं। यहां पर हर तरफ बदहाली दिखाई देती हैं। करनाल के मुखिया डीसी अपने कार्यालय को ही साफ सुथरा नहीं रख पा रहे हैं। तो फिर शहर को कैसे संभाल पाएंगे। उन्होंने कहा कि डीसी को कम से कम दिन में एक बार मिनी सचिवालय का निरीक्षण तो कर लेना चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्चाचन क्षेत्र की तस्बीर की पोल डीसी कार्यालय परिसर में छाई गंदगी खोल रही हैं। उन्होंने कहा कि जब सफाई कर्मचारी डीसी प्रशासनिक अफसरों भाजपा नेताओं के घरों पर सफाई के लिए तैनात होंगे तो शहर की सफाई कौन  करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में जांच करवाने की मांग की हैं।

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