प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र में विराट कवि सम्मेलन का अयोजन
करनाल 21 नवंबर ( पी एस सग्गू)
करनाल में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेक्टर सात सेवा केंद्र में विराट कवि सम्मेलन समय की पुकार सुखमय संसार विषय को लेकर आयोजित किया गया। विभिन्न राज्यों से आए हुए कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में धीरज कुमार एडीशनल कमीशनर म्युनिसिपल कार्पोरेशन यमुनानगर ने शिरकत की। अध्यक्षता राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी पूनम बहन दिल्ली नेशनल कार्डिनेटर आर्ट एण्ड कल्चर विंग ने की। मुख्य अतिथि धीरज कुमार ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा कि वो एशो आराम हम जहमतें उठाते चले गए, वो औरो को गिराते हम औरों को उठाते चले गए। फरीदाबाद से पधारी कवित्री सुनीता रैना ने कहा सच्ची बाते भूठी बाते खट्टी बातें मीठी बातें, बातों के इस दौर में रैना किसने पूछो दिल की बातें, चंडीगढ़ से पधारे कवि डा. अनीश गर्ग ने अपनी रचना में कहा कि वो मां है जो नौ महीने गर्भ में रखती है, तीन साल बाहो में रखती है और ताउम्र बच्चों को हृदय में रखती है और चार बच्चों में मां गठरी बनकर रह गई है, तीन महीने यहां रहती है तीन महीन वहां रहती है गठरी बन कर रह गई है। मां एक घर से दूसरे घर को सरकती है। उन्होंने मां की महिमा में यह भी कहा कि न जा मन्दिर न ज मस्जिद न गुरुद्वारे न गिरजा पगले मां के चरणों में बसती है दुनियां यहां गिरजा यहीं गिरजा। नैशनल कोर्डिनेटर आर्ट एंड कल्चर विंग पूनम दीदी ने कहा कि कवियों की आवाज इस मंच से समाज को संसार को दी जाती है। उस आवाज में सकारात्मकता समाई हो तो जो जनमानस तक पहुंचे तब समाज में सकारात्मकता फैलेगी और शीघ्र ही सुखमय संसार आएगा। दिल्ली से पधारे जावेद खान ने माउंट आबू के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वो धरा पर जन्नत है। जहां अमन, सुकून, सुख इस कदर फैला हुआ है कि वहां पांव रखते ही हाई लेवल की एनर्जी महसूस होती है। कवि पवन मुन्तजिऱ ने कहा कि खुशी में गम में वक्त के सितम करम में मुन्तजिर या किना हर एक हाल में कमाल में कमाल कर। ब्रह्मा कुमारी शीतल बहन दिल्ली सिरी कोर्ट ने कहा कि यह है ईश्वरीय विश्व विद्यालय जहां मिलती है सबको आलय, पढ़ाते है यहां रूहानी पढ़ाई होती है, जिससे 21 जन्मों की कमाई। कवि देवेन्द्र नरवाल ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा कि हम अपनी आंखों में नामुमकिन ख्वाब नही रखते, चलते हैं तो कदमों का हिसाब नहीं रखते अगर रोकना है मुझे तो कुछ बड़ा सोचो यारो, कि समुद्र के रास्ते में कभी तालाब नहीं रखते। इस मौके पर कवि सागर सूद ने अपनी रचना में कहा चलते-चलते थक जाऊं तो प्रभु मेरा साथ निभाना तुम, कुछ और न मांगू मैं तुमसे हिम्मत मेरी बढ़ाना तुम।
नेशनल कोर्डिनेटर आर्ट एंड कल्चर विंग प्रेम दीदी ने कहा कि परमात्मा ही आकर इस संसार को सुखमय बना सकते हैं। उन्होंने अपनी रचना में कहा कि कौन वो विराट रचनाकार रचा है, जिसने इतना सुन्दर विशाल ये संसार, कौन वो विराट रचनाकार आंख बिना जो सबकुछ देखे रंग बिना जो रंग भरे ऐसी अद्भुत प्रभु शक्ति का वर्णन कैसे कोई करे, निराकार वो चित्रकार है सबका सृजनहार। बी.के. प्रेम दीदी ने सभी कवियों कर्म दिल से धन्यवाद किया। भ्राता मनोज खुशनुमा ने कुशल मंच संचालन करते हुए अपनी कविताओं से रंग जमा दिया।
इस मौके पर कुमारी रितिका व खुशी डांस अकेदमी के बच्चों ने अपने सुंदर नृत्य से सबका मन मोह लिया। दीप प्रज्जवल भी किया गया। कवियों को पगड़ी व अंग वस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अन्त में सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट की गई। जनसमूह के लिए ब्रह्माभोजन का भी आयोजन किया गया। सुरिंद्र गाबा व एन.एल. वर्मा ने गीतों से सबको खुश कर दिया। इस मौके पर डा. एसके शर्मा, अंजु शर्मा, डा. रिचा शर्मा, डा. डी. डी. शर्मा, आर के राणा, उत्तम सिंह, ऋषिराज, के.के खन्ना, रामनिवास गर्ग, जे आर कालरा, हरिकृष्ण नारंग, रजनी कौशल, ऊषा शर्मा, नरेन्द्र बजाज, एन. के. महानी, एच. के मलिक, प्रशान्त छोक्कर, रेणु, अश्वनी सहगल, कमलेश सहगल, राजेन्द्र हांडा, रामलाल कटारिया, रितेश विज, अमित मुप्ता, बी. के सुशील, बी के सोनू व अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बी.के. रेणु, बी.के. शिखा, बी.के. सुमन, बी.के. आरती, बी.के. संगीता, बी.के. सारिका, बी.के. कागज व बी. के प्रीति ने बहुत सुंदर ढंग से कार्यक्रम का आयोजन किया।