- बीजेपी की केन्द्र सरकार ने देश की जनता से की वायदा खिलाफी: इन्दरजीत गोराया
करनाल 5 अगस्त (पी एस सग्गू )
जब से केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी जी की अगवाई में बीजेपी सरकार बनी है देश का हर वर्ग सरकार की ग़लत नीतियों का शिकार हुवा है यह वक्तव्य कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता इन्दरजीत सिंह गोराया ने ज़िला मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी द्वारा महंगाई के विरोध में धरना स्थल पर पत्रकारों से बातचीत करते हुवे कहा कि आज देश का हर वर्ग व प्रत्येक नागरिक स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है महंगाई भ्रष्टाचार व बेरोज़गारी चरम पर है आम आदमीं को जीवन बसर करना बहुत मुश्किल हो गया इस सब के बावजूद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही जिसके विरोध स्वरूप कांग्रेस पार्टी करनाल सहित देश भर के सभी ज़िला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर गिरफ़्तारियाँ दे रही है।
इन्दरजीत गोराया ने कहा कि चुनाव के समय बीजेपी ने नौजवानों से वादा किया था कि दो करोड़ रोज़गार हर वर्ष देंगे जबकि सच्चाई यह है कि यह सरकार रोज़गार देने की बजाये रोज़गार छीन रही है। हर साल करोड़ों लोग बेरोज़गार हो रहे हैं जिसकी वजह से आम जन को जीवन व्यापन करना मुश्किल हो रहा है मोदी जी के शासनकाल में देश बेरोज़गारी के मामले में दुनिया के पहले नम्बर पर आ गया है जिसके लिए सरकार का कुप्रबंधन ज़िम्मेवार है।
गोराया ने कहा कि इसी प्रकार चुनाव मे बीजेपी ने किसानों से किया वायदा भी जुमला साबित हुआ है जिसमें बीजेपी ने विश्वास दिलाया था कि स्वामीनाथन कमीशन की सिफ़ारिशों के मुताबिक़ फसलों को भाव देंगे व 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे – जबकि वास्तविकता इसके बिलकुल विपरीत है स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की बजाये सरकार ने कृषि क्षेत्र को बड़े उद्योगपतियों को देने के मन बना रखा है
तीन काले कृषि क़ानून बीजेपी की किसान विरोधी मानसिकता का जीता जागता उदाहरण है जिसे किसानों ने लम्बी लड़ाई लड़ कर लागू नहीं होने दिया
इन्दरजीत गोराया ने कहा कि 2022 में किसानों की आय दोगुना करने का वादा भी जुमला ही साबित हुवा है सरकार के पास किसान की आमदन बडाने की कोई योजना नहीं है उल्टा फसल पर लागत खर्च दोगुना हो गया है जिसकी वजह से कृषि आमदनी में भारी गिरावट आई है तथा किसानी घाटे का सौदा साबित हो रहा है जिसकी वजह व नई पीढ़ी खेती से दूर हो रही है उन्होंने कहा कि आज समय है कि देश के सभी नागरिक धर्म जाति के मुद्दों की बजाय अपने बुनियादी मुद्दों की लड़ाई लड़े तथा सरकार का ध्यान नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आकर्षित कर सकें