शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को एक लाख से ज़्यादा यूनिट रक्तदान से निफा देगी श्रधांजली।
करनाल रहेगा इस राष्ट्रीय मुहिम का केंद्र बिंदु।
करनाल 28 फरवरी ( पी एस सग्गू)
नशा नहीं, रक्तदान कीजिए। युवाओं को इस संदेश के साथ सामाजिक संस्था नेशनल इंटेग्रेटेड फोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स (निफा) शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के 90वें शहीदी दिवस पर 23 मार्च को पूरे देश में एक लाख से ज़्यादा यूनिट रक्त जुटाएगी। विगत अक्तूबर में करनाल से शुरू किए गए इस अभियान की गूंज अब पूरे देश ओर विदेश में पहुँच चुकी है ओर देश को स्वैच्छिक रक्त दान के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के इस प्रयास का ज़िम्मा उठाने के लिए करनाल की भरपूर प्रशंसा की जा रही है। करनाल की सामाजिक संस्थाओं के मिलकर काम करने ओर राष्ट्र व समाज हित में उनके आपसी व प्रशासन के साथ ताल मेल की भी चर्चा है। देश के 36 में से 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में व्यक्तिगत रूप से बैठके कर वापिस लौटे निफ़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने आज गोल्डन मोमेंट में एक प्रेस वार्ता के दौरान ये जानकारी देते हुए बताया कि आज पूरा देश ही नहीं विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीय भी इस अभियान से जुड़ चुके है ओर सभी की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। पूरा वर्ष बर्फ़ से ढके रहने वाले लहौल स्पीती में पहली बार रक्त दान शिविर आयोजित होगा। पश्चिमी बंगाल के में केवल महिला रक्त दाताओं के शिविर लगाया जाएगा जबकि आंध्र प्रदेश के विजयवाडा में किन्नर समाज के लोग रक्त दान शिविर आयोजित कर इस क्षेत्र में एक नई शुरुआत करेंगे। ब्रह्म कुमारी के मेडिकल विंग, राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद (एनबीटीसी), इंडियन रेडक्रास सोसायटी, नैशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल असोसीएशन, इंडीयन सोसायटी आफ ब्लड ट्रैन्स्फ़्यूज़न एंड इम्यूनोहाईमटोलोजि और अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से चलने वाले राष्ट्र व्यापी अभियान में एक ही दिन 1500 रक्तदान शिविर लगाए जाएँगे जिनमें एक लाख से ज़्यादा रक्त इकट्ठा कर करोना काल में रक्त की कमी को दूर करने में एक बड़ा हिस्सा डाला जाएगा। अभियान के केंद्र करनाल में सबसे बड़ा 2500 यूनिट का योगदान रहेगा जिसमें मुख्य शिविर गोल्डन मोमेंट करनाल में रहेगा ओर अन्य पाँच शिविर असंध, घरौंदा, निलोखेड़ी, तरावड़ी व इंद्री में रहेंगे। लक्ष्य यह कि कोरोना काल में जरूरतमंदों को खून की कमी न हो ओर देश में हर वर्ष रक्त की होने वाली कमी को समाप्त किया जाए। आज गोल्डन मोमेंट के हाल में आयोजित बैठक में बात चीत करते हुए निफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने संकटकाल में रक्तदान और प्लाज्मा की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय मुहिम के बारे में विस्तार से बताया। निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने कहा कि भारत में हर वर्ष आवश्यकता से 20 लाख यूनिट रक्त कम इकट्ठे होते हैं ओर करोना संकट में यह कमी इस से बहुतज़्यादा होने वाली है। क्योंकि जहां सोशल डिस्टन्सिंग, करोना के भय, शैक्षणिकसंस्थाओं के बंद रहने के कारण रक्त दान कम हो रहा है वहीं भारत में रक्त दानको लेकर भ्रांतियाँ भी हैं जिनके कारण लोग रक्त दान करते हुए डरते हैं। विश्वमें दूसरे सबसे ज़्यादा आबादी का देश ओर लगभग 65 करोड़ की सर्वाधिक युवा जनसंख्या होने के बावजूद मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत युवा रक्त दान करते हैं। हर वर्ष इतनी बड़ी संख्या में रक्त की कमी हमें सोचने पर मजबूर करती है। इसी प्रकार करोना में प्लाज़्मा के अनेक बैंक खुलने ओर लाखों लोगों के करोना पॉज़िटिव से नेगेटिव होने के बावजूद प्लाज़्मा डोनर की संख्या नगण्य है। देश भर में रक्त दान के फ़ायदे बताने के लिए ये अभियान शुरू किया गया है ताकि सभी को ये पता चले कि रेगुलर रक्त दान करने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा कम हो जाता है, उन्मे लिवर कैन्सर व पीलिया की सम्भावना कम हो जाती है, मोटापा कम होता है व गम्भीर बीमारियों के टेस्ट निशुल्क हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त हर रक्त दाता अपनी एक यूनिट रक्त के दान से चार लोगों की जान बचाता है। इस मुद्दे पर पूरे देश को जागरूक करने के लिए निफ़ा, जिसकी देश के 26 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में शाखाएँ हैं आगे आयी है ओर नैशनल एड्ज़ कंट्रोलसोसायटी, भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, नैशनल ब्लड ट्रैन्स्फ़्यूज़न काउन्सिल, नैशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल असोसीएशन व इंडीयन सोसायटी आफ ब्लड ट्रैन्स्फ़्यूज़न एंड इम्यूनोहाईमटोलोजि केसाथ साथ इनकी राज्य इकाइयों व ब्रह्माकुमारी संस्थान के साथ मिलकर इस अभियान कोसिरे चढ़ाया जाएगा। देश भर में चलने वाले अभियान में विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक, व्यापारिक व धार्मिक संगठनो का सहयोग लिया जाएगा ओर इसी कड़ी में करनाल की सामाजिक संस्थाओं ने एक जुट होकर अभियान चलाने का फ़ैसला किया है। प्रेस वार्ता में विशेष रूप से पहुँची जेसीआई की ज़ोनल निदेशक निधि गर्ग ने कहा कि उनकी ज़ोन की सभी 42 शाखाएँ इस अभियान का हिस्सा बनेगी। निधि गर्ग ने कहा कि जिन शहीदों ने देश की आज़ादी के लिए अपना लहू व प्राण दिए तो हम उनकी याद में रक्त दान तो दे ही सकते हैं।
प्रेस वार्ता में निफ़ा के महासचिव प्रवेश गाबा ने बताया कि इस अभियान के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ़्ट्वेर व मोबाइल ऐप भी लॉंच की जाएगी जिसमें देश भर के रक्त दाताओं का डेटा होगा व किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में रक्त की आवश्यकता होने पर उसकी ज़रूरत उस शहर के उस रक्त ग्रूप के दानियों के माध्यम से पूरी हो जाएगी। बैठक में निफ़ा संरक्षक डॉक्टर लाजपत राय चौधरी, जे आर कालडा, सिटिज़ेन ग्रीवन्सेज़ कमेटी के प्रधान एस एम कुमार, हरियाणा योग परिषद के सदस्य व मेरा मिशन स्वस्थ भारत के संयोजक दिनेश गुलाटी, नीमा करनाल के उपाध्यक्ष डॉक्टर संजय कुमार, जे सीज़ ऐजिल के प्रधान मोहित कुमार, नगर व्यापार मंडल के सचिव हरमीत सिंह हैपी, रक्त दान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे कपिल किशोर, सार्थक पहल के प्रधान शुभम गुप्ता, एस वी केन के प्रधान संजय बत्रा, इनर व्हील क्लब की प्रधान निधि चौधरी, भारत विकास परिषद से प्रियंका कठपाल, निफ़ा के कार्यकारिणी सदस्य हरदीप वालिया, राहुल चाँदना, रजनीश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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निफ़ा अध्यक्ष ने की करनाल वासियों से अपील।
निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने कहा कि पूरे देश में आयोजित होने जा रहे 1500 रक्त दान शिविरों की सफलता का दारोमदार करनाल के दानी सज्जनो के कंधों पर है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में एक करोड़ रुपए से ज़्यादा का खर्च है जिसकी पूर्ति केवल दान से धन इकट्ठा कर की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में दान देकर कोई भी व्यक्ति एक अथवा अधिक रक्त दान शिविरों को प्रायोजित कर सकता है व हर ऐसे दानी सज्जन को विशेष सम्मान दिए जाएँगे। इसके लिए बाक़ायदा अंतर राष्ट्रीय लाइफ़ सेवर अवार्ड व प्रशस्ति पत्र दिए जाएँगे जिन पर पर इस अभियान से जुड़ी चुनिंदा हस्तियों व शहीद परिवारों के असल अथवा डिजिटल हस्ताक्षर होंगे ओर साथ ही इस अभियान में आर्थिक सहयोग करने वालों को गिनीज़ बुक कार्यालय से सहयोगी के रूप में आधिकारित प्रमाण पत्र मिलने का सुअवसर भी प्रदान किया जा रहा है।