कैमला में दोबारा आकर हर दिल में जगह बना गए मुख्यमंत्री मनोहरलाल,दूसरे दिन भी सुर्खियों में रहा कैमला दूसरे दिन चौपालों पर छाई रही मुख्यमंत्री मनोहरलाल के वादा पूरा करने की बात फाइल फोटो कैप्शन- जोश, स्वागत- कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के स्वागत का दृश्य। साथ हैं विधायक हरविंद्र कल्याण।

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कैमला में दोबारा आकर हर दिल में जगह बना गए मुख्यमंत्री मनोहरलाल,दूसरे दिन भी सुर्खियों में रहा कैमला

दूसरे दिन चौपालों पर छाई रही मुख्यमंत्री मनोहरलाल के वादा पूरा करने की बात

फाइल फोटो कैप्शन- जोश, स्वागत- कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के स्वागत का दृश्य। साथ हैं विधायक हरविंद्र कल्याण।

करनाल 04 फरवरी (पी एस सग्गू)

पिछले साल के  किसान आंदोलन के चलते व किसानों द्वारा मुख्यमंत्री का विरोध किए जाने के कारण के कारण गांव कैमला में जहां पर मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर को उतरने नहीं दिया गया था उसी कैमरा गांव में मुख्यमंत्री ने कल दोबारा गए जहां पर  वहां के लोगों द्वारा  भारी बरसात के बावजूद भी  फूलों की बरखा कर जोरदार स्वागत किया , बुजुर्गों , महिला और युवाओं का उत्साह बता रहा था  एक साल 21  के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल के कैमला में  सत्संग भवन के लिए 51 लाख, अराईंपुरा में 51 लाख, गोबर गैस प्लांट, और तालाबों के सौंदर्यकरण कराने की घोषणा की। यही नहीं जब मुख्यमंत्री कैमला व अन्य गांवों में लोगों से मिले तो वहां मौजूद लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के जिंदाबाद के नारे लगाकर पूरे वातावरण को मनोहरमयी कर दिया। बहुचर्चित कैमला गांव में हर शख्स पुराने प्रकरण से सीएम के नए दोरे को जोड़ रहा था और उनके जाने के बाद दूसरे दिन भी कैमला व अन्य गांवों में मुख्यमंत्री के आगमन और उनके स्वागत की चर्चा होती रही। चौपालों पर बुजुर्गो में उनके आगमन और वादा पूरा करने की बात छाई रही।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल के आगमन से पहले कैमला में मौजूद ग्रामीणों की जुबां पर यही बात थी कि यहीं वो खेत हैं जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरने नहीं दिया था और  विपक्ष भी कटाक्ष करता था कि मुख्यमंत्री कैमला में आकर दिखाएं, अब तो मुख्यमंत्री कैमला में आ गए, केवल कैमला में ही नहीं घरौंडा के अन्य गांव व शहर के 20 स्थान ऐसे थे जहां सड़क किनारे पर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का पगड़ी, गुलदस्ते व फूलों से स्वागत किया। मुख्यमंत्री के जाने के बाद लोगों ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि जब भी दोबारा आना होगा तो मैं कैमला आउंगा, जिसे उन्होंने निभाया है वहीं कुछ बुद्धिजीवी लोगों की जुबां पर ये बात थी कि विपरीत परिस्थितियों में साथ देने वाले का वक्त पर कभी साथ नहीं भूलते मुख्यमंत्री, तभी तो आते ही कैमला आए भी और गांव के लिए घोषणाएं कर दी।

मुख्यमंत्री के दोबारा कैमला दौरे से उनकी लोकप्रियता का ग्राफ बहुत बढ़ा है जिसका विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं है, विपक्ष ने विधानसभा सत्र में कहा था कि मुख्यमंत्री अपने इलाके में नहीं जा सकता। यह सही है कि मुख्यमंत्री के कैमला दौरे से उन पर लोकप्रिय नेता होने की मोहर लगी है क्योंकि कैमला सहित घरौंडा की जनता के माध्यम से उनका पूरे प्रदेश में ही नहीं देश में सकारात्मक संदेश गया है कि जिस जगह पर कृषि कानूनों के विरोध के स्वरूप उनका हेलीकाप्टर उतरने तक नहीं दिया गया था, उसी कैमला के लंगड़े बाबा की समाध पर उन्होंने माथा टेका और उनका फूलों की बारिश से हर वर्ग ने दिलो जान से स्वागत किया। जिस तरह से कैमला व घरौंडा के लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल का हर गली, चौराहे पर स्वागत किया है उससे स्थानीय विधायक हरविंद्र कल्याण का राजनीतिक कद तो बढ़ा ही है साथ साथ मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता व सयंम की भी राजनीतिक पंडितों में चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री के जाने के एक दिन बाद भी हर गली, चौराहे, चौपाल पर कैमला प्रकरण और वर्तमान में मुख्यमंत्री का आकर सौंगातें दे जाना कई चर्चाओं को जन्म दे गया।

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