विशाल जूड मामले में क्या प्रगति हुई जनता को बतायें सांसद:इंद्रजीत गोराया

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विशाल जूड मामले में क्या प्रगति हुई जनता को बतायें सांसद:इंद्रजीत गोराया
करनाल 22 जून(पी एस सग्गू)
आस्ट्रेलिया में हुए विशाल जूड के मामले को भाजपा साम्प्रदायिक रंग देने का काम कर रही है अगर इस मामले में किसी के जान माल की हानि होती है तो इसके लिए पूरी तरह से बीजेपी व यहां के सांसद जिम्मेवार होंगे, यह कहना है किसान आंदोलन के चलते जननायक जनता पार्टी से इस्तीफा दे चुके पूर्व जिला अध्यक्ष इन्दरजीत सिंह गोराया का। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार लोगों को लड़वाने के उद्देश्य से उपरोक्त मामले का उपयोग कर रही है। पिछले सप्ताह सर्व समाज ने विशाल जूड की रिहाई की मांग को लेकर सांसद संजय भाटिया को ज्ञापन सौंपा था सांसद ने लोगों को आश्वस्त किया था कि वह इस मामले पर गम्भीरता से कार्यवाही करेंगे मगर पूरा सप्ताह निकल जाने के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई हुई नजऱ नहीं आ रही। लोग सडक़ों पर धरना प्रदर्शन कर बेवजह की ब्यानबाज़ी कर रहे है जिसकी वजह से समाज में शांति भंग होने का अंदेशा बना हुआ है जो कि अति चिंता का विषय है। गोराया ने कहा कि सांसद का फर्ज था कि लोगों के सडक़ों पर उतरे बिना ही वह विशाल की रिहाई करवाने का काम करते परंतु इस मामले ने इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति न होने से ऐसा लग रहा है कि सांसद व सरकार को विशाल की रिहाई में कोई रुचि नही है वह सिर्फ इससे लोगों को आपस मे लड़वाना चाहती है। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को सांसद से मिलकर यह पूछना चाहिए कि इतने दिन बाद इस मामले में क्या प्रगति हुई है सांसद को भी चाहिए कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए विदेश मन्त्रालय से सम्पर्क कर सारे केस की जानकारी हासिल करने उपरांत करनाल में प्रैस कान्फ्रेंस कर सारे तथ्य करनाल की जनता के समक्ष रखते लेकिन सांसद ने ऐसा नहीं किया उल्टा इस मुद्दे का राजनीति करने की कोशिश की गई है जिस वजह यह मामला दिन प्रतिदिन और उलझ रहा है व समाज में चिंता तनाव का माहौल है।
बीजेपी सरकार व ख़ास तौर पर सांसद संजय भाटिया का दायित्व बनता है कि वह अपनी जिम्मेदारी का सही निर्वहन कर तुरंत सारी स्थिति को जनता के सामने स्पष्ट करें व बताए कि इस केस में वह क्या कर रहे हैं क्योंकि यह अति संवेदनशील मुद्दा है इसलिए समय रहते स्थिति को सम्भालने कि जिम्मेदारी सत्ताधारी दल व चुने हुए सांसद की है इसके साथ साथ सत्ताधारी नेताओं का नैतिक व संवैधानिक कर्तव्य है कि जनता से साम्प्रदायिक सद्भावना व शांति बनाए रखने की अपील करें ताकि समाज में शांति बनी रहे।

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