करनाल, 20 जून (पी एस सग्गू)
करनाल में सालों पुराने ऐतिहासिक दशहरा मैदान तथा राजकीय महिला कालेज के खेल के मैदान को बचाने के लिए करनाल के वाशिंदे लामबंद हो रहे हैं। करनाल में चार कोलोनियों के सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने आज मार्च निकाला। और उन्होंने मेयर रेनुवाला गुप्ता और मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिध संजय बटला के निवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने दोनों को ज्ञापन दिया। जिसमें इस मैदान को बचाने की गुहार लगाई। उन्होंने इस मैदान को बचाने के लिए साथ देने का आश्वासन दिया। इस मार्च की अगुवाई ईश्वर मित्रा और जसबीर सिंह ने की। उन्होंने बताया कि इस मैदान पर पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सरकार में शामिल लोग अपनी खासम खास संस्था को जमीन देने जा रही हैं। इसके लिए प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर ली गई हैं। करनाल में सुभाष कालोनी में रहने वालों के लिए ऐतिहासिक दशहरा मैदान को शाखा ग्राउंड कहा जाता हैं। बाद में इसे राजकीय महिला कालेज को दे दिया गया। यहां पर लड़कियों की खेलकूद तथा अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यह मैदान करनाल की इंद्रा कालोनी, सुभाष कालोनी तथा चौधरी कालोनी के साथ लगता है इन कालोनियों के बीच हरा भरा एक ही मैदान हैं। इस मैदान में 22 अप्रैल को अर्थ डे, पांच मई को मदर्स डे, पांच जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता हैं। इसमें एक हॉकी ग्राउंड भी बना हुआ है यहां पर बच्चे खेलने के लिए आते हैं। काफी समय से इस खाली मैदान पर भू माफिया की निगाहें भी लगी हुई है। सरकार प्रकृति को जमीन से खत्म करने पर उतारू हैं। सरकार ने कोरोना काल में हुई आक्सीजन की कमी से उत्पन्न सिथति से सबक नहीं लिया हैं। यहां की तीन कालोनियों के बीच यह आक्सीजन बैंक और आक्सीजन फोरेस्ट का काम कर रहा हैं।
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सरकार देना चाह रही है एक ट्रस्ट को जमीन : इस मैदान को बचाने की मुहिम में लगे ईश्वर मित्रा, जसबीर सिंह बड़ैच ने बताया कि 2018 में रोहतक में सन 2000 में रजिस्टर्ड हुई जीजा माता सेवा न्यास ने करनाल के बीचों बीच जमीन मांगी थी। उस समय प्रशासन और नगरनिगम ने कहा था कि हमारे पास करनाल के बीचों बीच कोई जमीन नहीं हैं। यहां पर शाखा मैदान के अलावा कोई जमीन नहीं हैं। उस समय आपत्ति उठाई तो मामला ठंडे बस्ते में चला गया उसके बाद 2020 में चंडीगढ़ से ही इस संस्था को जमीन देने की कवायद चलाई गई। ऊपर से करनाल नगरनिगम के पास पत्र आया। उन्होंने कह दिया कि शाखा ग्राउंड जो राजकीय महिला कालेज की मलकिीयत हैं। इसमें से 500 गज की जमीन दी जा सकती हैं। इसके बाद इसे लोकनिर्माण विभाग के साथ अन्य महकामें से ट्रस्ट को देने के लिए प्रक्रिया चलती रही। अब इस मैदान को जीजा माता सेवा न्यास को कभी भी अलोट किया जा सकता हैं। इसमें संस्था का कार्यालय के साथ महिला छात्रावास बनेगा। यहां रहने वालों का कहना है कि कुछ भूमाफिया पिछले दरबाजे से इस मैदान को ही कंक्रीट का जंगल बनाना चाहते हैं।। कालेज की खेल की जमीन को कोई भी दूसरों को नहीं दे सकता है। मित्रा ने कहा इसके लिए हम हाई कोर्ट भी क्योंकि ऐसा ही मामला पहले भी हाई कोर्ट में गया था पंचकूला के सैक्टर एक में भी सरकार ने सरकारी कालेज की जमीन को खुर्द बुर्द करना चाहा था लेकिन हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी। यहां के लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार आक्सीजन बैंक बना रही हैं। दूसरी तरफ नेचुरल आक्सीजन बैंक पर कुल्हाड़ा चला रही है। यहां पर लड़कियों के लिए खेलकूद होते रहते हैं। यहां पर करनाल तथा आस पास के बच्चे भी खेलने के लिए आते हैं। उन्होंने बताया अपने आपको मुख्यमंत्री की बेटी बताने वाली एक नेत्री इस मैदान पर पर्दे के पीछे कब्जा करने के लिए साजिश रच रही हैं। वह इन कुचक्रों को सफल नहीं होने देंगे। करनाल में खेल के मैदान को बचाने के लिए मुहिम लगातार आगे बढ़ रही है। इसके साथ शहर की संस्थाएं एकजुट हो रही हैं। इस मुहिम मेंसंजय बोहरा, सतेंद्र मोहन कुमार, पीएस पन्नू, अनिल अग्रवाल, योगेश,श्री गाबा, रोविन काम्बोज, गौरव शर्मा, केएल जावा, मनोज पसरीचा, दीवान चंद पसरीचा, अमित चावला, सुरेंद्र, संजय बोहरा के साथ अन्य लोग उपस्थित थे।