प्रदेश में एक साल में लगाए जाएंगे 3 करोड़ पेड़, पंचायत की 8 लाख एकड़ भूमि का 10 प्रतिशत पर होगा पौधारोपण मनोहर लाल। 75 साल से ऊपर के वृक्ष के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रतिवर्ष दी जाएगी पेंशन, मनोहर लाल।

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प्रदेश में एक साल में लगाए जाएंगे 3 करोड़ पेड़, पंचायत की 8 लाख एकड़ भूमि का 10 प्रतिशत पर होगा पौधारोपण मनोहर लाल।
75 साल से ऊपर के वृक्ष के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रतिवर्ष दी जाएगी पेंशन, मनोहर लाल।
करनाल 5 जून (पी एस सग्गू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पर्यावरण दिवस पर कहा कि प्राकृतिक ऑक्सीजन को लेने के लिए प्रदेश में एक साल में 3 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे। हरियाणा में पंचायत की 8 लाख एकड़ भूमि में से 10 प्रतिशत भूमि पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे जिसका नाम ऑक्सी वन होगा। इतना ही नहीं एक वर्ष में लगे सभी पेड़ों का नाम भी ऑक्सी वन रखा जाएगा। प्राण वायु देवता के नाम से 75 साल से ऊपर के वृक्ष के रखरखाव के लिए 2500 रुपये प्रतिवर्ष पेंशन दी जाएगी और इस पेंशन में भी बुढ़ापा सम्मान पेंशन के अनुसार हर वर्ष बढ़ोतरी होगी। प्राकृतिक ऑक्सीजन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के हर गांव में पंचवटी के नाम से पौधारोपण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को करनाल के सैक्टर 4 के समीप मुगल कैनाल पर वन विभाग की जमीन पर ऑक्सी वन की शुरूआत की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री, वन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, सांसद संजय भाटिया, घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण, वन विभाग की एसीएस जी. अनुपमा, प्रधान वन संरक्षक वीएस तंवर ने भी पंचवटी पौधारोपण किया, इस पंचवटी में बेल, बरगद, आंवला, पीपल व अशोक के पेड़ों का पौधारोपण किया 3 अन्य परियोजनाओं की भी इसी कार्यक्रम से शुरूआत की, इनमें प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम, नगर वन पंचकूला का शिलान्यास, कुरूक्षेत्र तीर्थ के 134 स्थलों पर पंचवटी पौधारोपण शामिल है।
सीएम ने कहा कि पर्यावरण से हमें शुद्ध प्राण वायु मिलती है। इससे पूरी मानव जाति का कल्याण होता है। इसके लिए प्रदेश के सभी शहरों में 5 एकड़ से 100 एकड़ तक की भूमि पर ऑक्सी वन लगाए जाएंगे। पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 में पहली बार मनाया गया। हरियाणा सरकार द्वारा भी पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए पौधागिरी नाम से एक योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 22 लाख लोगों ने पौधारोपण किया। इस योजना के तहत विद्याार्थियों को जोड़ा गया और उन्हें 50 रुपये हर छ: माह में तीन वर्ष के लिए देने के लिए निर्णय लिया गया था ताकि पौधों का आसानी से रखरखाव किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी भी जीवन का आधार है, सरकार द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत की शुरूआत की गई थी ताकि वर्तमान में बचाए गए पानी को भविष्य की पीढ़ी के लिए रखा जाए। सीएम ने कहा कि इसके लिए धान की रोपाई को बंद करके अन्य फसल बीजने पर सरकार द्वारा प्रति एकड़ 7 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया था, परंतु अब सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी किसान एग्रो फोरेस्टी करता है और अपनी जमीन पर 400 पेड़ लगाता है तो उसको हरियाणा सरकार 7 हजार रुपये की जगह 10 हजार रुपये 3 वर्ष तक देगी। उन्होंने कहा कि वृक्षों को बचाना जरूरी है, इसके लिए ऐसे सेवक जो वृक्षों का रखाव करते हैं उनका मान-सम्मान हो।
सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी में सबसे बड़ी समस्या वायु की हुई जोकि हमें पेड़-पौधों से मिलती है। प्राण वायु का कोई विकल्प नहीं, इसी कारण से इसका नाम ऑक्सी वन रखा गया। कोरोना काल में जो भी ऑक्सीजन प्रयोग की गई वह कृत्रिम थी और प्रदेश में 300 एमटी की सप्लाई का प्रबंध किया। यदि वृक्षों को बढ़ावा मिलता तो माना गया कि कृत्रिम ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती
सांसद संजय भाटिया ने कहा कि कोरोना महामारी में आर्टिफिशियल ऑक्सीजन का प्रयोग किया गया। इसका सबसे बड़ा कारण पेड़ों की कमी है। हमारे वातावरण में पेड़ों की कमी के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गई है। सदियों से हमारे ऋषि मुनियों द्वारा बरगद, पीपल को भगवान के रूप में देखा जाता था परंतु आज इनका स्वार्थ के लिए दोहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम मनोहर लाल ने करनाल को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण दिवस पर सभी को संकल्प लेना होगा कि पेड़ों से जुड़ें। उन्होंने कहा कि पानीपत में एक ऐसा अनोखा कार्य किया जा रहा है कि लोग व एनजीओ पेड़ों के साथ जुड़कर उनका रखरखाव करते हैं, करनाल में भी ऐसा संभव है। इसके लिए उन्होंने सीएम का आभार प्रकट किया।
वन विभाग की एसीएस जी. अनुपमा ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। । इस अवसर पर प्रधान मुख्य संरक्षक वीएस तंवर ने आए हुए अतिथियों का धन्यवाद किया। इस मौके पर प्रशासन की ओर से करनाल रेंज के आयुक्त संजीव वर्मा, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, एसपी गंगाराम पुनिया, एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा, डीआईओ महीपाल सीकरी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर इंद्री के विधायक रामकुमार कश्यप, नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, भाजपा के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राणा, मेयर रेनू बाला गुप्ता, सीनियर डिप्टी मेयर राजेश अग्गी, मेघा भंडारी, पूर्व जिलाध्यक्ष जगमोहन आंनद, अशोक सुखीजा, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला, केशकला एवं कौशल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष यशपाल ठाकुर, भाजपा के किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सतीश राणा, प्रवीण लाठर, सुनील गोयल, समाजसेवी बृज गुप्ता, जयपाल शर्मा सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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किसानों के विरोध के चलते मुख्यमंत्री अपने निर्धारित समय से तकरीबन 2 घंटे पहले ही पौधारोपण कर चले गए मुख्यमंत्री के प्रोग्राम की मीडिया तक को पता नहीं था आज सुबह जैसे ही किसानों को मुख्यमंत्री के करनाल में आने का पता चला तो किसान भारी तादाद में बसताड़ा टोल प्लाजा पर इकट्ठा होने शुरू हो गए जिसके चलते प्रशासन की तरफ से कार्यक्रम स्थल को चारों तरफ से भारी पुलिस फोर्स के साथ नाकेबंदी कर रखी थी किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था क्योंकि कुछ समय पहले गांव कैमला में मुख्यमंत्री का भारी विरोध हुआ था जिसके चलते मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर भी नीचे नहीं उतर सका और मुख्यमंत्री को वापस बिना कार्यक्रम किए जाना पड़ा हम जीत से शेर लेते हुए प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ भारी पुलिस बल के साथ तैनात था
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किसानों ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और नारेबाजी की
आज करनाल में संसार पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल सेक्टर 4 में पौधारोपण किया इसकी भनक जैसे ही किसानों को लगी तो किसान भारी गिनती में टोल प्लाजा पर इकट्ठा हो गए पर मुख्यमंत्री अपने निर्धारित समय से 2 घंटे पहले ही पौधारोपण कर चले गए किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री का विरोध करने का कार्यक्रम था पर मुख्यमंत्री पहले ही कार्यक्रम समाप्त कर चले गए उसके बाद किसान बस ताड़ा टोल प्लाजा इकट्ठा होकर जहां पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया था वहां से कुछ ही दूरी पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका वह तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई वह जोरदार नारेबाजी की किसान नेताओं ने कहा कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लिऐ जाते तब इसी तरह भाजपा के नेताओं का विरोध किया जाता रहेगा और कहीं भी भाजपा नेताओं द्वारा कोई कार्यक्रम रखा जाएगा तो वहां पर किसानों द्वारा विरोध किया जाएगा वह काले झंडे दिखाए जाएंगे और समय-समय पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के पुतले इसी तरह जलाए जाते रहेंगे तीनों कृषि कानून सरकार वापस ले न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे तभी किसान अपने घर वापसी करेंगे

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