72 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने डायलसिस पर जी रही 41 वर्षीय बेटी को किडनी देकर दी नई जिंदगी सफल सर्जरी के बाद अब दोनों स्वस्थ  फोर्टिस अस्पताल की सर्जन की टीम ने किया सफल ऑपरेशन  

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फादर्स डे स्पेशल
72 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने डायलसिस पर जी रही 41 वर्षीय बेटी को किडनी देकर दी नई जिंदगी

सफल सर्जरी के बाद अब दोनों स्वस्थ  फोर्टिस अस्पताल की सर्जन की टीम ने किया सफल ऑपरेशन
करनाल  26 जून ( पी एस सग्गू)
कहते हैं बेटियां अपने पापा की लाडली होती है पापा के करीब होती हैं और पापा का बेहद ख्याल रखती हैं पापा भी अपनी बेटी से उतना ही प्यार करते हैं उसका ख्याल रखते हैं। ऐसे प्यार की एक मिसाल करनाल में देखने को मिली जहां एक 72 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने अपनी 41 साल की बेटी को किडनी देकर नई जिंदगी का तोहफा दिया है। बेटी पिछले 2 वर्षों से डायलिसिस पर जी रही थी। सफल सर्जरी के बाद अब दोनों स्वस्थ हैं और खासकर बेटी का नया जीवनदान पिता के लिए इस फादर्स डे पर किसी तोहफे से कम नहीं है। आज फोर्टिस अस्पताल मोहाली से करनाल पहुंची किडनी ट्रांस्पलांट सर्जन की टीम में रीनल साइंसेज एंड किडनी ट्रांस्पलांट की एसोसिएट कंस्लटेंट डा. अन्ना गुप्ता के साथ सीनियर कंस्लटेंट एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा. सुनील कुमार एवं किडनी ट्रांसप्लांट कंस्लटंट डा. साहिल रैली ने इस सफल ऑपरेशन की जानकारी दी।  डॉक्टरों ने बताया उनकी टीम द्वारा कर्नल की रहने वाली मीना देवी  जिसका कि सप्ताह में दो बार हेमोडायलिसिस करवाया जाता था, जिसके पैरों में सोजिश थी, अनियंत्रित रक्तचाप, भूख में कमी एवं एनीमिया होने के चलते उसे रक्त चढ़ाया जाता था। उन्होंने बताया कि सबसे अहम उसके डायलिसिस लाइन में संक्रमण हो गया था, जिस कारण उसे किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी गई थी। उन्होंने बताया कि उनकी टीम द्वारा मरीज के पिता से किडनी निकालकर उनकी बेटी का किडनी का आप्रेशन कर ट्रांसप्लांट किया गया। इस दौरान मरीज की अच्छे से देखभाल उपरांत महिला मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि भारत में बढ़ती क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) की समस्या को रोकने के लिए मधुमेह (शुगर) एवं हाई बीपी वाले मरीजों की निरंतर जांच जरूरी है तथा सीकेडी के लक्ष्णों के बारे में लोगों को जागरूक करने से इस पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। उन्होंने साथ ही बताया कि क्रानिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीडि़त यदि मरीज किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करवाता है, तो वह किडनी फेल के साथ-साथ अन्य संक्रमण रोगों के अलावा हृदय रोग का शिकार हो सकता है। डा. सुनील ने कहा कि किडनी ट्रांस्पलांट में किडनी दानदाताओं का सावधानीपूर्वक चयन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक सफल सर्जरी परिणाम रोगी के लिए एक स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है। इस मौके डॉ. साहिल रैली ने यूरेमिक जटिलताओं और सर्जिकल परिणाम पर उनके प्रभावों की पहचान करने पर भी जोर दिया।

बॉक्स -ये लक्षण हो तो तुरंत कराएं जांच
हाथ पैरों में अचानक से सूजन
यूरिन करने में परेशानी
डायबिटीज-बीपी
परिवार में बीमारी-
किडनी एरिया में दर्द

बॉक्स -रूटीन चैकअप सही बचाव
डॉक्टरों के मुताबिक आमतौर पर रूटीन चैकअप कराने वाले लोगों में किडनी की बीमारी का पता चल जाता है. या फिर जो लोग किसी अन्‍य बीमारी की वजह से अस्‍पताल में भर्ती होते हैं, जांच के दौरान उनको भी अगर किडनी रोग है तो पता चल जाता जाता है. इसके लिए किडनी फंक्‍शन टेस्‍ट होता है. हाई रिस्‍क ग्रुप में आने वाले व्‍यक्ति जिसे डायबिटीज या हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या है, उसे साल में एक बार केएफटी जरूर कराना चाहिए. इससे किडनी फेल्‍योर का खतरा कम हो जाता है.

बॉक्स -100 में से 17 को किडनी की बीमारी डेढ़ लाख मरीजों का एक समय में होता है डायलिसिस
डॉक्टर ने बताया कि पूरे देश में हर साल डेढ़ लाख किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीज सामने आते हैं 100 लोगों में से 17 लोग किडनी की बीमारी की चपेट में और पूरे देश भर में एक समय में डेढ़ लाख लोगों का डायलिसिस होता है।
बॉक्स -बीपी और शुगर के मरीज को ज्यादा खतरा
ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है इन लोगों को अपने रूटीन चेकअप में ढील नहीं बरतनी चाहिए एक अध्ययन के अनुसार हरियाणा में 2700 मरीज में से 41% मरीजों को बीपी की बीमारी है अन्य शुगर के मरीज हैं

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