हरियाणा में बढ़ने लगा बागवानी खेती की तरफ रूझान: विधायक धर्मपाल महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय बनेगा एशिया की पहला बागवानी वि.वि.: प्रो समर सिंह

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हरियाणा में बढ़ने लगा बागवानी खेती की तरफ रूझानविधायक धर्मपा

महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय बनेगा एशिया की पहला बागवानी वि.वि.: प्रो समर सिंह

करनाल 12 सितंबर ( पी एस सग्गू)

महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के रिसर्च फार्म अंजनथली में उद्यान दिवस और फल वृक्षारोपण महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर नीलोखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमएचयू कुलपति प्रो. समर सिंह ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ वृक्षारोपण के साथ किया गया। एमएचयू कुलपति प्रो.समर सिंह ने मुख्य अतिथि विधायक धर्मपाल गोंदर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मंच संचालन सलाहकार संकाय डॉ. विजय अरोड़ा ने किया।

मुख्य अतिथि ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार पारंपरिक फसलों की बजाए बागवानी फसलों पर फोकस कर रही है ताकि किसानों की आय में इजाफा हो। विधायक ने कहा कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र में बागवानी का शेयर बढ़ रहा है। यह हमारी फसल विविधिकरण की नीतियों का परिणाम है।  फसल विविधिकरण के लिए बागवानी एक उत्तम उपाय है।  वर्तमान में हरियाणा में बागवानी का शेयर 7 प्रतिशत है, जिसे 2030 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। खाद्यान्न फसलों की तुलना में बागवानी का काम छोटे भू भाग यानि कम जमीन पर आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री- प्रधानमंत्री का सोच है कि किसानों की आय दोगुनी हो ओर ये तभी संभव है। जब किसान बागवानी खेती को प्रमुखता दें।  इसके लिए महाराणा प्रताप बागवानी वि.वि. करनाल में बनाई गई है, जो किसानों के लिए वरदान साबित होगी। विधायक ने किसानों को फसल विविधिकरण को अपनाने के लिए प्रेरित किया।  लोग ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए, पौधे भी ऐसे, जिनसे फल के साथ-साथ लकड़ी भी मिले, आक्सीजन ज्यादा मिले। विधायक ने कहा कि नीलोखेड़ी के हर क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकासात्मक कार्य करवाएं है, एजुकेशन क्षेत्र में काफी काम किया गया है।

 

एमएचयू को एशिया की नंबर वन बागवानी विवि बनाया जाएगा

 

महाराणा बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने कहा कि बागवानी विश्वविद्यालय को एशिया की प्रथम बागवानी विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इसके लिए देशभर से योग्य वैज्ञानिकों को विवि में नियुक्त किया गया है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, अधिकारी मिलकर बागवानी विश्वविद्यालय को एशिया में नंबर वन बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे है। हम सब मिलकर निस्वार्थ भाव से यूनिवर्सिटी को आगे बढ़ाने के लिए लगे है, कुलपति ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने किसानों खासकर महिलाओं से आग्रह किया कि वे परिवार के मुखिया को जागृत करें ताकि वो बागवानी के विभिन्न आयामों को अपनाकर अधिक आय कमा सकते है और इसके लिए एमएचयू से ज्ञान ओर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। इस से उनको बागवानी करने में उनका आसानी हो। कुलपति ने कहा कि महिलाएं अगर अपने मुखिया को बोलें तो उसका काफी असर होगा।

 

 

एमएचयू नार्थ इंडिया की दूसरे नंबर की बागवानी यूनिवर्सिटी

 

उन्होंने कहा कि एमएचयू नार्थ इंडिया की दूसरे नंबर की बागवानी यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी में मशरूम सेंटर मुरथल विशेष स्थान रखता है, जहां पूरे वर्ष मशरूम किसानों के लिए ट्रेनिंग चलती रहती है। इसके अलावा किसानों के लिए यूनिवर्सिटी उत्तम किस्म की कम लागत में विभिन्न सब्जियों की पौध तैयार करती है ओर किसानों को इसका विशेष लाभ होता है।  यूनिवर्सिटी में चार लैब जिसमें टिश्यु कल्चर, बीज प्रशिक्षण लैब, हाई क्वालिटी जानकारी लैब एवमं राष्ट्रीय स्तर के पोली हाउस, नेट हाउस, रिटेक्टबल पॉली हाउस लगाए है। जहां पर बहुत ही उत्तम क्वालिटी का

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