सामाजिक संस्थाओं ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के नाम करनाल उपायुक्त को ज्ञापन दिया समाज सेवी मनोज गौतम के इलाज के दौरान कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कोलेज में हुई लापरवाही की उच्च स्तरीय जाँच की माँग की

Spread the love

सामाजिक संस्थाओं ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के नाम करनाल उपायुक्त को ज्ञापन दिया
समाज सेवी मनोज गौतम के इलाज के दौरान कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कोलेज में हुई लापरवाही की उच्च स्तरीय जाँच की माँग की
करनाल 24 मई (पी एस सग्गू)
आज करनाल की सामाजिक संस्थाओं ने उपायुक्त करनाल निशांत कुमार यादव से भेंट कर उन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नाम ज्ञापन सौंप कर उनसे करनाल के युवा समाज सेवी मनोज गौतम के इलाज के दौरान कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कोलेज में हुई लापरवाही ओर अव्यवस्था की उच्च स्तरीय जाँच की माँग की व नगर पार्षद सुदर्शन कालड़ा की पीजीआई चंडीगढ़ में उचित इलाज न मिलने से हुई मृत्यु का हवाला देते हुए करनाल के इस मेडिकल कोलेज में मेडिकल स्टाफ़ व मेडिकल मशीनो व उपकरणो की कमी को दूर करने की माँग की। डीसी निशांत यादव ने विषय की गम्भीरता को समझते हुए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से इस विषय पर खुलकर चर्चा की ओर विभिन्न पहलुओं को समझा। उन्होंने प्रधान व सामाजिक संस्थाओं की एक संयोजन कमेटी बनाने का निर्णय लिया ओर कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में एक हेल्प डेस्क बनाने की बात कही जिस पर हर रोज़ सिवल प्रशासन का एक अधिकारी व संस्थाओं के दो दो प्रतिनिधि बैठेंगे ओर ये सुनिश्चहित करेंगे कि वहाँ आने वाले मरीज़ों को उपलब्ध बेड की वार्ड वाइज़ जानकारी मिले ओर बिना किसी सिफ़ारिश के हर ज़रूरतमंद मरीज़ को प्राथमिकता के आधार पर बेड व इलाज उपलब्ध हो।

उपायुक्त को बताया गया कि मनोज गौतम ने 22 अप्रैल को करोना वैक्सीन का पहली डोज ली थी जिसके बाद उसे बुखार हुआ जो ठीक भी हो गया । लेकिन बाद में दोबारा बुखार व खांसी की शिकायत होने पर मनोज गौतम ने 11 मई को अपना छाती का सिटी स्कैन करवाया जिसमें पता चला कि उसके फेफड़े 35 प्रतिशत संक्रमित हो चुके हैं। (मनोज ने खुद इसका जिक्र अपनी फेस बुक वाल पर भी किया है)। 11 मई को घर पर ऑक्सिजन ओर दवाई लेने के बाद 12 मई को मनोज को कल्पना चावला मेडिकल कोलेज लाया गया जहां किसी ने उसकी परवाह नहीं की। समाज सेवी व संघ कार्यकर्ता भाई आकाश भट्ट के प्रयास से उसे स्टरेचन पर ऑक्सिजन लगाई गई लेकिन बाद में बिना किसी दवाई के छोड़ दिया गया। उसके बाद दो बार करनाल उपायुक्त निशांत यादव से फोन पर निवेदन किया गया ओर उन्होंने भी दोनो बार तुरंत कल्पना चावला मेडिकल कोलेज के मेडिकल सूपरिंटेंडेंट गौरव कुमार फोन किया ओर मनोज गौतम को बैड उपलब्ध करवाने व समुचित इलाज देने के लिए कहा। तमाम प्रयासों के बीच मनोज को बेड तो मिल गया लेकिन बेड मिलने तक के पीरियड में उसकी अव्यवस्था के कारण जो दुर्गति हुई उसका जिक्र खुद मनोज ने फेस बुक पर किया है। बेड पर भी केवल ऑक्सिजन लगा दी गई ओर लम्बे समय तक इलाज शुरू नहीं किया गया। फिर प्रयास किए गऐ ओर डॉक्टर को सिफारिश लगवाने, कहलवाने ओर स्टाफ तक पहुँच करने के बाद उसे कुछ टेबलेट, कैप्सूल देने शुरू किए गए। हैरानी की बात है कि एक मेडिकल कोलेज के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एक बार भी उसके फेफड़ों की स्थिति जानकर उस स्तर का इलाज करने का प्रयास नहीं किया जिसकी उसको आवश्यकता थी। अगर परिवार ने ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ़ को कहा तो उनका जवाब था हमें हमारा काम मत सिखाओ। बाद में जब उसे प्राइवट अस्पताल में इलाज के लिए ले ज़ाया गया ओर मनोज का HRCT करवाया गया तो उसका स्कोर 21 था यानि फेफड़े लगभग 80-85 प्रतिशत संक्रमित हो चुके थे। यानि सही इलाज न मिलने के कारण 35 प्रतिशत से बड़कर वो 85 प्रतिशत हो गए थे जिसकी वजह से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

आज कल्पना चावला में अधिकांश मरीजों को ऑक्सिजन ओर मेडिसिन दी जा रही हैं जबकि इस बीमारी में ऑक्सिजन कम होने का मतलब है कि फेफड़ों में इन्फेक्शन है जिसे रोकने के लिए विशेष टैस्ट, उपचार व इंजेक्शन जरूरी हैं। लेकिन कल्पना चावला मैडिकल कालेज व कोविड सैन्टरों में शुरूआत में ही HRCT जैसे टेस्ट अथवा छाती का एक्सरे आदि करवाकर फेफड़ों के संक्रमण की सही जांच कर इलाज करने के स्थान पर बस आक्सीजन लैवल देखकर दवाई दी जा रही है, जिसके फलस्वरूप तीन चार दिन में सामान्य नजर आने वाले मरीज गम्भीर हो जाते हैं ओर उनकी जान बचाना मुश्किल हो रहा है ।
करोना में फेफड़ों का संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। कम संक्रमण होने पर ऑक्सिजन लेवल ज्यादा नहीं गिरता लेकिन जैसे जैसे ये बड्ता है ओर संक्रमित फेफड़े हार्ड होने शुरू हो जाते हैं मरीज का ऑक्सिजन लेवल एक दम से नीचे आने लगता है। उपायुक्त से अनुरोध किया गया कि कल्पना चावला मेडिकल कोलेज ओर अन्य सभी कोविड केयर केंद्रों में शुरूआती दौर में छाती का एक्सरे अथवा HRCT करवाया जाए ओर उसी के आधार पर दवाई दी जाए। जो मेडिसिन उपलब्ध नहीं हैं उन्हें बाहर से मँगवाया जाए।

ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाली व समर्थन देने वाली संस्थाएँ।

1. सिटिज़ेन ग्रीवन्स कमेटी
2. ज़िला बार असोसीएशन
3. निफ़ा
4. करनाल व्यापार मंडल
5. सहोदया स्कूल कॉम्प्लेक्स करनाल
6. रोड सेफ़्टी ऑर्गनिज़ेशन
7. लाढो धाम सेवा समिति
8. प्रयास फ़ाउंडेशन
9. लक्ष्य जनहित सोसायटी
10. येस वी केन
11. युवा बोलेगा मंच
12. करनाल स्टील शटरिंग असोसीएशन
13. ट्रैफ़िक वेलफ़ेयर एंड रोड सेफ़्टी फ़ाउंडेशन
14. बसंत विहार वेलफ़ेयर असोसीएशन
15. समर्पण मानव सेवा समिति
16. अभिभावक एकता संघ
17. एम डी डी बाल भवन

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top