सरपंचों को उनका हक दें सरकार, थोप रही जानबूझकर ई-टेंडिरिंग : ललित बुटाना

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सरपंचों को उनका हक दें सरकार, थोप रही जानबूझकर ई-टेंडिरिंग : ललित बुटाना
कहा : जनता द्वारा चुने गए सरपंचो की नहीं हो रही कोई सुनवाई, टेंडर प्रक्रिया रद्द करें सरकार
करनाल, 1 मार्च (पी एस सग्गू)
अखिल भारतीय कांग्रेस किसान सैल के राष्ट्रीय संयोजक व हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पूर्व सदस्य ललित बुटाना ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार सरंपचों से उनका हक छीनने में लगी है। जबकि सरपंच इस  ई-टेंडिरिंग के खिलाफ है। फिर भी जानबूझकर यह सरकार सरपंचों पर ई-टेंडिरिंग थोपने में लगी है। उन्होंने कहा कि विधायक, सासंद की तरह ये सरपंच भी जनता द्वारा चुने गए है। लेकिन फिर भी सरकार सरपंचों को परेशान कर रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार न ही सरपंचों की कोई बात सुनने को तैयार है। जिससे सरपंचों का सरकार के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। सरकार की तानाशाही के कारण 2 साल की देरी के बावजूद चुने गए सरपंच धरना दे रहे हैं उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह जल्द से जल्द सरपंचों की मांगों को पूरा करें। प्रदेश की भाजपा सरकार ने हर वर्ग का जीना मुहाल कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बार राइट टू रिकॉल का कानून बनाया है जोकि पूरी तरह से गलत है। इसे सरकार वापस ले या फिर पहले इसे एमपी या एमएलए पर लागू किया जाएं। वहीं बजट पंचायतों को सीधा दिया जाएं और ई-टेंडर प्रक्रिया रद्द की जाएं।

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