सरकार ने गेहूं खरीद की आढ़त पूरी तुरंत नहीं की तो प्रदेश का व्यापारी मंडियां बंद करके सडक़ों पर उतर आएगा – बजरंग गर्ग सरकार का 72 घंटे में गेहूं खरीद व 48 घंटे में गेहूं उठान के सभी दावें पूरी तरह से फेल रहे – बजरंग गर्ग

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सरकार ने गेहूं खरीद की आढ़त पूरी तुरंत नहीं की तो प्रदेश का व्यापारी मंडियां बंद करके सडक़ों पर उतर आएगा – बजरंग गर्ग
सरकार का 72 घंटे में गेहूं खरीद व 48 घंटे में गेहूं उठान के सभी दावें पूरी तरह से फेल रहे – बजरंग गर्ग
करनाल 20 जून ( पी एस सग्गू)
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने प्रदेश के आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा आढ़तियों को गेहूं की दामी कम करके आढ़तियों के साथ धोखा किया जा रहा है। गेहूं खरीद से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि गेहूं की दामी जो 2.5 प्रतिशत है वही 2.5 प्रतिशत दामी गेहूं पर पूरी आढ़तियों को दी जाएगी। गेहूं का एमएसपी 1975 रुपए खरीद की गई, जिसकी दामी 49.375 रुपए बनती है मगर अब 2.5 महीने बात सरकार गेहूं की दामी 46 रुपए देने की बात कर रही है जो सरासर आढ़तियों के साथ ज्यादति है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि 1 अप्रैल 2021 से गेहूं की खरीद पर पूरे प्रदेश में शुरू हुई। गेहूं खरीद का कमीशन लगभग 400 करोड़ रुपए जो बनता है जो सरकार की तरफ आज तक बाकी है गेहूं खरीद का कमीशन एक रुपए भी आढ़तियों का सरकार ने अभी तक नहीं दिया है। जबकि आढ़तियों द्वारा किसान की गेहूं खरीद, सफाई, बोरी में भराई, सिलाई से लेकर उठान तक रात दिन कार्य किया। उसके बावजूद भी गेहूं की दामी में 3.375 रुपए कम करना और आढ़तियों की दामी का भुगतान ना करने से व्यापारियों में बड़ा भारी रोष है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को अपने व्यादे के अनुसार 49.375 रुपए पूरी दामी के साथ-साथ 12 प्रतिशत ब्याज सहित आढ़तियों की पेमेंट तुरंत करनी चाहिए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 72 घंटे में गेहूं खरीद का भुगतान व 48 घंटे में गेहूं का उठान करने का ढोल पीट रहे थे मगर ना तो 72 घंटे में फसल का भुगतान हुआ ना ही 48 घंटे में गेहूं उठान हुआ। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी अधिकारी व गेहूं उठान के ठेकेदारों की लापरवाही के कारण जो गेहूं उठान में देरी हुई है अगर गेहूं खरीद में कोई भी घटती आती है तो गेहूं घटती का पैसा आढ़तियों का ना काटकर सरकारी एजेंसी के अधिकारी व ठेकेदारों की जिम्मेदारी फिक्स करते हुए, सरकार उस घटती का पैसा उनसे वसूल करें। अगर सरकार ने तुरंत आढ़ती का कमीशन का पूरा पैसा का भुगतान नहीं किया, तो प्रदेश का आढ़ती मंडियां बंद करके सडक़ों पर उतर आएगा।

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