सभी वर्गों पर एक जैसा कानून ही लागू हो : मान दल
करनाल 5 जनवरी ( पी एस सग्गू)
शिरोमणि अकाली दल अमृतसर (मान दल) की हरियाणा इकाई ने भाजपा शासित प्रदेशों में कानून की उल्लंघना करने के आरोप लगाए हैं। साथ ही कहा गया है कि भाजपा कानून लगवाने करवाने में भेदभाव बरत रही है। जाति और धर्म के आधार पर लोगों का बांटने का काम किया जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर (मान दल) के प्रमुख एवं सांसद सिमरणजीत सिंह मान से वार्ता के बाद शिरोमणि अकाली दल अमृतसर (मान दल) के प्रदेश अध्यक्ष हरजीत सिंह विर्क ने कहा कि हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर महिला कोच द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में सीजेआई रंजन गोगोई पर भी इस तरह के आरोप लगाए गए थे तब उस मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई मगर एफआईआर तभी दर्ज नहीं की गई। बाद में सीजेआई गोगोई को भाजपा ने राज्यसभा मेंबर के लिए भी नामित कर दिया। खेल मंत्री पर आरोप लगते हुए उन पर केस दर्ज कर दिया गया है। यह सरासर अन्याय है।
हरजीत सिंह विर्क ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल महिलाओं का सम्मान करना और करवाना जानता है। संदीप सिंह पर लगे आरोपियों की जांच बिना भेदभाव के होनी चाहिए। कानून सबके लिए एक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि झज्जर में खाप पंचायतों ने खेल मंत्री के मामले में कार्रवाई करने को लेकर चेतातवनी जारी की, लेकिन ये खाप पंचायतें दूसरों वर्गों पर जब मामले उठते हैं तो चुप्पी साध लेती हैं। शिरोमणि अकाली दल देश-प्रदेश में एक समान कानून लागू करने की बात करता है। हमें भेदभाव और जातिवाद को समाप्त करना होगा। शिरोमणि अकाली दल संदीप सिंह के समर्थन में नहीं है, लेकिन कानूनी जांच संविधान के आधार पर ही होनी चाहिए न कि किसी जाति विशेष को निशाना बनाया जाना चाहिए।
हरजीत सिंह विर्क ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल महिलाओं का सम्मान करना और करवाना जानता है। संदीप सिंह पर लगे आरोपियों की जांच बिना भेदभाव के होनी चाहिए। कानून सबके लिए एक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि झज्जर में खाप पंचायतों ने खेल मंत्री के मामले में कार्रवाई करने को लेकर चेतातवनी जारी की, लेकिन ये खाप पंचायतें दूसरों वर्गों पर जब मामले उठते हैं तो चुप्पी साध लेती हैं। शिरोमणि अकाली दल देश-प्रदेश में एक समान कानून लागू करने की बात करता है। हमें भेदभाव और जातिवाद को समाप्त करना होगा। शिरोमणि अकाली दल संदीप सिंह के समर्थन में नहीं है, लेकिन कानूनी जांच संविधान के आधार पर ही होनी चाहिए न कि किसी जाति विशेष को निशाना बनाया जाना चाहिए।