सत्कार सभा की रिपोर्ट के बाद मुुआबजे को लेकर झिंडा और चढृूनी के बीच विवाद का हुआ समाप्त दो लाख किसे मिले इस पर संदेह अभी भी बरकरार सरकार से कितने रुपए आए इसकी पूछताछ क्या अफसर से की पंच प्यारों ने कहा: पैतालीस लाख रुपए बांटे गए। आए सैतालीस लाख, दो लाख क्षतिग्रस्त वाहनों का मुआवजा होगा 

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सत्कार सभा की रिपोर्ट के बाद मुुआबजे को लेकर झिंडा और चढृूनी के बीच विवाद का हुआ समाप्त
दो लाख किसे मिले इस पर संदेह अभी भी बरकरार
सरकार से कितने रुपए आए इसकी पूछताछ क्या अफसर से की
पंच प्यारों ने कहा: पैतालीस लाख रुपए बांटे गए। आए सैतालीस लाख, दो लाख क्षतिग्रस्त वाहनों का मुआवजा होगा
करनाल, 26 सितम्बर ( पी एस सग्गू)
बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठी चार्ज के दौरान घायल हुए किसानों तथा शहीद किसान को दिए गए मुआबजे को लेकर चले आ रहे विवाद का आज सत्कार सभा में शामिल पंच प्यारों की जांच के बाद रिपोर्ट आने के साथ  ही समाप्त हो गया। सत्कार सभा में शामिल पंच प्यारों ने कहा कि घायल हुए दस किसानों को दो- दो  लाख रुपए दिए। वहीं पर शहीद हुए परिवार को पच्चीस लाख रुपए दिए। इसकी जांच पूरी कर ली गई हैं। सभी को पैसा पहुंचा हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को पूरा पैसा मिला हैं। लेकिन चढ़ूनी द्वारा कहा गया कि 45 लाख रुपए दिए हैं। लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि सैतालीस लाख रुपए दिए गए। दो लाख रुपए कहां से आए। इसका पता नहीं चल पाया हैं। पिछले दिनों सरकार और किसानों के बीच समझाौते के बाद पर्दे के पीछे अप्रत्यक्ष रूप से घायल हुए किसानों तथा शहीद के परिवार को मुआवजा दिया गया। इसके बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिडा ने कहा कि उन्हें भाकियू नेता गुरनाम चढृूनी पर शक हैं कि उसने शहीद हुए किसान के परिवार तथा घायल हुए किसानों को पूरा पैसा नहीं दिया गया हैं। उन्हें चढृूनी की नीयत पर संदेह है। इसके बाद चढूनी तथा झिंडा के बीच विवाद पैदा हो गया। विवाद पर असंध के झिंडा गांव में किसानों की पंचायत हुई। जिसमें पंच प्यारों की जांच कमेटी  बनाई गई।  इस जांच कमेटी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार सभा के मेंबर कुलदीप सिंह रुकसाना, सुल्तान सिंह जलमाना, गुरुदीप सिंह पक्का खेड़ा, गुरुबचन सिंह पक्का खेड़ा, गुरुभेज सिंह जलमाना को शामिल किया। इसको इस मामले में जांच की जिम्मेदारी दी गई। जांच कमेटी में शामिल सिंह सिंह साहिबान से जब पूछा कि पैंतालीस लाख रूपए की बात कही हैं और आप ने  47 लाख की बात कही है। फिर दो लाख किसने दिए और  दो लाख कहां से आए। इस पर उन्होंने अपत्यक्ष रूप से उत्तर दिया कि जिनकी गाडिय़ां क्षतिग्रस्त हुई थी। उन्हें मुआवजा दिया गया। इसके बाद भी लोगों में संदेह देखा गया। सत्कार सभा में शामिल सिंह साहिबान ने  कहा कि उन्होंने झिंडा साहिब का पेटा भर दिया हैं। अब झिंडा साहब मुआबजे की बात नहीं कहेंगे।
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चढूनी की गुपचुप की नीति ने पैदा किया संदेह : झींडा
इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि उनका पेटा भर गया हैं। वह अब मुआवजे की बात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तररह से चढृूनी ने गुपचुप तरीके से सरकार से मुआबजें के  पैसे लिए और बिना किसी को साथ लिए मुआवजा दिया है। उससे संदेह पैदा होना लाजमी था। वह किसानों की एकता के समर्थक हैैं। उन्होंने कहा कि जब संयुक्त  मोर्चे वाले गुपचुप तरीके से नरेंद्र तौमर से बात करते थे तो किसी को आपत्ति नहीं लेकिन जब वह मुख्यमंत्री से बात की तो लोग उन्हें भाजपा का एजेंट कहने लगे । उन्होने किसानों के हित की बात की हैं। उनका जीवन खुली किताब की तरह से हैं। उन्होंने  कहा कि यदि उनकी बातों से किसी को ठेस पहुंची हो तो वह माफी मांगते हैं। वह किसानों के साथ किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ हैं। इस मौके कुलदीप सिंह रुकसाना, सुल्तान सिंह जलमाना, गुरुदीप सिंह पक्का ख्चोड़ा, गुरुबचन सिंह पक्का खेड़ा, गुरुभेज सिंह जलमाना  शामिल थे।

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