शहीद मदन लाल ढींगरा: एक शेर दिल राष्ट्रीय नायक थे: पंकज गाबा
शहीदों की शहादत कभी बेकार नहीं जाएगी हम तिरंगे का गुमान कभी झुकने नहीं देंगे
करनाल 17 अगस्त (पी एस सग्गू)
अमर शहीद मदनलाल ढींगड़ा की पुण्यतिथि सेक्टर-12 स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर मनाई गई। इस अवसर पर करनाल युवा कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पंकज गाबा व पराग गाबा ने बताया कि शहीद मदन लाल ढींगड़ा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम क्रांतिकारी थे।
भारतीय स्वतंत्रता की चिंगारी को अगनि में बदलने का श्रेय महान शहीद मदन लाल ढींगड़ा को जाता है। शहीद मदन लाल ढींगड़ा इंगलैंड में अपनी पढ़ाई कर रहे थे जहां उन्होंने विलियम हर्ट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कर्जन वायली की हत्या के जुर्म में उन्हें 17 अगस्त 1909 को फांसी दे दी गई थी। जब उन्हें फांसी दी गई तो उनकी उम्र मात्र 23 वर्ष ही थी। उन्होंने अदालत में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर रहा हूं। गाबा ने कहा कि ढींगड़ा की बलिदानी को भुलाया नहीं जा सकता। गाबा ने बताया कि मदन लाल शादीशुदा थे और उनका एक बेटा भी था मदन लाल के पिता अमृतसर के सीएमओ थे वह चाहते तो ऐशो-आराम की जिंदगी जी सकते थे। लेकिन उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिए शहीद होना चुना।अपने अंतिम दिनों में ढींगरा की इच्छा थी कि उनके कपड़े, किताबें और अन्य सामान बेच दिया जाए और इससे जुटाया गया धन राष्ट्रीय कोष में दे दिया जाए।
अमर शहीद मदन लाल ढींगरा के शब्द थे,” धन और बुद्धि से हीन मेरे पास सिर्फ मेरा रक्त और जीवन है। उसे मैं भारतमाता की पवित्र बेदी पर समर्पित कर रहा हूँ। मौजूदा समय में केवल और केवल देश के लिए मरना सीखना है और खुद मरकर दूसरों को मरना सिखाना है। ईश्वर से बस यही प्रार्थना है। फिर उसी माँ की कोख से जन्म लूं। फिर उसी महान उद्देश्य के लिए जान दूँ। तब तक, जब तक देश आजाद न हो जाये।
इस मौके पर उनके साथ बिट्टू संधू हरीश हंस,राकेश कक्कड़ ,सोनू शर्मा त्रिलोक दुहन,अनुज शर्मा,पंकज कौशिक दीपक शर्मा,मुकेश,अमित मेहता,कुलबीर विर्क ,सुमित राणा संदीप कुमार ,पीयूष शर्मा ,अमित कुमार,नितिन कुमार,राजू ,जगदीप मट्टू समेत अन्य युवा मौजूद रहे