विश्व श्रवन दिवस के उपलक्ष में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जीवन में सुनवाई के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए साइक्लोथान का आयोजन किया गया

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विश्व श्रवन दिवस के उपलक्ष में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जीवन में सुनवाई के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए साइक्लोथान का आयोजन किया गया
करनाल 28 (पी एस सग्गू)

करनाल मे विश्व श्रवन दिवस के उपलक्ष में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन करनाल ने आम जनता में बधिरता और हमारे जीवन में सुनवाई के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए साइक्लोथान का आयोजन 12 में किया गया। जिसका रुट सेक्टर 12 से शुरू होकर मेडिकल कॉलेज , गाँधी चौक , अम्बेडकर चौक, अग्गरसेन चौक , परनामी मंदिर से होते हुए 12 सेक्टर जिला सचिवालय पर समापत हुई। साइकिल रैली की शुरूआत कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर जगदीश दूरेजा ने की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन करनाल के अध्यक्ष डॉ अरुण गोयल ने आम जनता को बताया कि 60 % बच्चे और युवा वयस्कों में बहरापन निवारण करने योग्य है, बाध्यता से पीड़ित अधिकांश लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं 65 वर्ष से अधिक आयु के लगभग एक तिहाई लोग मेरे मन से प्रभावित होते हैं और इस उम्र में व्यापकता, दक्षिण एशिया, एशिया प्रशांत और अफ्रीका में सबसे ज्यादा है।आज के कार्यक्रम में सीनियर ई एन टी सर्जन डॉक्टर संजय खन्ना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 22 .6 करोड़ भारतीय गंभीर बहरेपन से पीड़ित है और भारत में अब तक केवल 1500 कोकिलर इमप्लांट किए गए हैं। बहरापन या सुनवाई हानि का मतलब है जब कोई व्यक्ति सुनने में असमर्थ है अगर किसी व्यक्ति का 40 डेसीबल से अधिक की बदलता है तो उसे गंभीर माना गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया भर में लगभग 46.6 करोड लोगों को सुनने की कमी है जिसमें से 26.6 करोड़ भारतीय हैं और 3.4 करोड़ बच्चे हैं अभद्रता और अनुवांशिक कारणों जन्म संबंधी जटिलताओं कान में संक्रमण कुछ दवाओं शोर के संपर्क और उम्र बढ़ने से हो सकता है। यह अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक 90 करोड से अधिक लोग यह 10 लोग में से एक बदलता होगी हालांकि भारत पहले ही इन आंकड़ों को पार कर चुका है। डब्ल्यूएचओ उन लोगों के लिए सुनने में कठिन है जिनहे हल्के से लेकर गंभीर तक सुनवाई की हानि होती है इन लोगों को इन लोगों को श्रवण यंत्र कोली को क्लियर प्रत्यारोपण और अन्य सहायक उपकरणों से लाभ मिल सकता है हालांकि बच्चों और व्यस्क सहित उन रोगियों को जिन्हें 70% से अधिक बहरापन है केवल कोकलियर इंप्लांट सर्जरी से लाभान्वित हो सकते हैं। आज के कार्यक्रम के मुख्य रूप से आए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ जगदीश ने भी इस पत्र के खिलाफ आवाज उठाई और जनता को अवगत कराया बहरापन ना केवल शारीरिक रूप से और हमारे कानों से संबंधित है बल्कि यह हमारी बुद्धिमता ज्ञान और दिन प्रतिदिन की हमारे जीवन में समग्र प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार हरियाणा में 115000 से अधिक लोगों को बदलता का कोई ना कोई रूप है और यह संख्या बढ़ रही है।
–ई एन टी विभाग के प्रमुख कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि भारत में हर 1000 बच्चों में से चार गंभीर रूप से बदलता से पीड़ित है और हर साल बहरेपन के साथ पैदा होने वाले 100000 से अधिक बच्चे हैं। इस जागरूकता अभियान में कल्पना चावला मेडिकल के डॉक्टर इंडियन डेंटल एसोसिएशन के डॉक्टर एनजीओ सक्षम करनाल के सदस्य और विभिन्न साइकिलिंग क्लबों के सदस्य और आम जनता सहित कई गणमान्य लोगों ने साइक्लोट्रॉन में भाग लिया आम जनता से निवेदन किया कि वह अपनी निशुल्क हियरिंग जांच 3 मार्च से 10 मार्च तक करनाल मेडिकल सेंटर सेक्टर 7 करनाल में करवा सकते हैं।

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