विधायक हरविन्द्र कल्याण ने शुगर मिल के नवीनीकरण के कार्य का निरीक्षण किया
अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
करनाल 19 मई(पी एस सग्गू)
करनाल जिला के हल्का घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने दि करनाल को-ऑपरेटिव शुगर मिल के नवीनीकरण और विस्तारीकरण के कार्य का निरीक्षण किया और कहा कि इस क्षेत्र के लोगों की वर्षों पुरानी मांग को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक कलम से मंजूर किया और अब इस मिल का सफलतापूर्वक ट्रॉयल भी किया जा चुका है, यह किसानों के लिए बहुत बड़ी सौगात है जिसे मुख्यमंत्री ने करीब 270 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया है।
विधायक ने बुधवार को शुगर मिल के नवीनीकरण और विस्तारीकरण के कार्य का निरीक्षण किया और मिल के नवीनीकरण में जो भी कार्य शेष रहा है उसको शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस मिल का अधिक क्षेत्र घरौंडा विधानसभा क्षेत्र में आता है। उन्होंने भी इस मिल के नवीनीकरण के लिए मुख्यमंत्री से बार-बार सिफारिश की, परिणामस्वरूप हरियाणा सरकार द्वारा करीब 270 करोड़ रुपये की लागत से करनाल सहकारी चीनी मिल के विस्तारीकरण एवं नवीनीकरण के कार्य को कम समय में पूरा करके दिखाया है। नए मिल के बनने से आसपास के करीब 130 गांवों के किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि मिल की गन्ना पिराई क्षमता 2200 टी.सी.डी. से बढ़कर 3500 टी.सी.डी. हो गई है। मिल में रिफाईंड शुगर का उत्पादन होगा तथा 18 मेगावाट को-जेनरेशन प्लांट चलने से बिजली विक्रय होगी।
उन्होंने बताया कि नए चीनी मिल से 50 लाख क्विंटल तक गन्ने की पिराई संभव होगी। नए प्लांट की मशीनरी अत्याधुनिक है, इसमें सभी संयंत्र स्वचालित व्यवस्था से कार्य करते है। इसमें अधिक चीनी परता प्राप्त होगा, स्टीम की खपत कम होगी, बगास उपयोग कम होगा। सरप्लस बगास से विद्युत उत्पादित कर उसका विक्रय हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड को किया जाएगा। प्रदूषण का स्तर न्यूनतम रहेगा जिससे क्षेत्र में वातावरण बेहतर रहेगा। सभी संयंत्र स्वचालित होने से उच्च स्तर के परिणाम प्राप्त होंगे। मानवजनित त्रुटि की संभावनाएं लगभग समाप्त हो जाएंगी। प्लांट विश्व स्तरीय उच्च तकनीकी दक्षता पर संचालित होगा।
इस मौके पर मिल की प्रबंध निदेशक अदिति ने विधायक को जानकारी देते हुए बताया कि करनाल सहकारी चीनी मिल के नए विस्तारीकृत आधुनिक प्लांट से रिफाइंड शुगर का उत्पादन होगा एवं सल्फर का उपयोग इस प्लांट में चीनी बनाने में नहीं होगा, फलस्वरूप सल्फर फ्री रिफाईंड शुगर बनेगी जो स्वास्थ्य की लिए अत्यंत लाभप्रद रहेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बाजार के लिए अच्छी गुणवत्ता की चीनी का उत्पादन आवश्यक हो गया है। रिफाईंड गुणवत्ता की चीनी के उत्पादन से करनाल चीनी मिल की साख बढ़ेगी, चीनी के दाम बढऩे से चीनी मिल की आय बढ़ेगी तथा इसकी समृद्धि होगी, जीवंतता बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना की घोषणा 20 जनवरी 2018 को हुई, भूमि पूजन 12 सितम्बर 2019 को हुआ तथा 19 नवम्बर 2019 से कार्य प्रारंभ हो गया। नई चीनी मिल को 25 अक्तूबर 2020 तक कार्य पूर्ण होकर गन्ना पिराई प्रारंभ हो जाना था। कोविड-19 महामारी के आने से विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न हुई। जनहित में सरकार द्वारा कोविड-19 के संक्रमण का प्रसार रोकने के उद्देश्य से लोकडाउन घोषित हुआ, इससे नई चीनी मिल परियोजना के स्थापन में अवरोध उत्पन्न हुआ, परंतु 8 अप्रैल को उपायुक्त निशांत कुमार यादव की अध्यक्षता में चीनी मिल का सफलतापूर्वक ट्रॉयल किया गया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पुरानी चीनी मिल द्वारा 28 लाख 54 हजार 800 क्विंटल गन्ने की पिराई करके 2 लाख 69 हजार 460 क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ जिसमें चीनी परता 9.45 प्रतिशत रहा। उन्होंने बताया कि 16 मई 2021 को गन्ने का सत्र सफलतापूर्वक समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि अगले सत्र में नए चीनी मिल द्वारा 50 लाख क्विंटल गन्ने से अधिक की पिराई संभव है जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
इस मौके पर शुगर मिल के वाईस चेयरमैन पवन कल्याण, नरेश नली, राकेश पंघाला सहित स्टाफ उपस्थित रहा।