यूरिया के साथ दवा टैग कर बेचना अपराध : डॉ चौहान
करनाल 11 अगस्त ( पी एस सग्गू)
कोई भी रासायनिक खाद विक्रेता और किसानों को यूरिया के साथ कोई भी कीटनाशक दवाई ख़रीदने के लिए विवश नहीं कर सकता। ऐसा करने पर उसका लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। करनाल ज़िले में चालू सीज़न में इस तरह की कोई लिखित शिकायत कृषि विभाग के पास नहीं आयी है। पिछले सीज़न में ऐसी शिकायतें मिलने पर तीन खाद विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए गए थे। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ.वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि कोई दुकानदार अगर इस समय इस तरह का दबाव ग्राहकों पर बनाता है या ज़बरदस्ती खाद के साथ दवाएँ बेच चुका है तो उसके लिखित शिकायत उप कृषि निदेशक कार्यालय में तो तत्काल की जाए। चौहान ने कहा कि नियम के अनुसार खाद के साथ दवाओं के विक्रेता किसी भी अन्य उत्पाद को ज़बरन टैग कर के बिक्री नहीं सकते हैं। ऐसा करने वालों को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मगर ऐसे किसी भी डिफाल्टर के ख़िलाफ़ कार्रवाई लिखित शिकायत मिलने पर ही करना संभव है।
कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग से प्राप्त आंकड़ों के हवाले से भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि ज़िले में पिछले साल भी इस सीज़न में 82, हज़ार मीट्रिक टन यूरिया खाद की आवश्यकता किसानों को अक्तूबर तक पड़ी थी।इस बार अब तक 78, हज़ार मीट्रिक टन यूरिया ज़िले को प्राप्त हो चुका है। डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि सहकारी क्षेत्र की कम्पनियों इफ्को और कृभको ने करनाल ज़िले में यूरिया की जो आपूर्ति की है वह सारा खाद सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों तक पहुँचाया गया है इसलिए इन कंपनियों के खाद के साथ किसी दवाई के जोड़े जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। निजी कम्पनियों पर पूर्व में भी खाद और दवा को एक साथ जोड़कर भेजने के आरोप लगते रहे हैं मगर जब भी इस आशय की कोई शिकायत रिकॉर्ड पर आयी है और सरकारी अमले ने उसमें हस्तक्षेप किया है। चौहान ने कहा कि उन्होने ज़िले के उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य डबास से इस संबंध में पड़ताल करने पर पाया है कि अब तक कोई लिखित शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि ज़िले में यूरिया की कमी नहीं है और फ़िलहाल इसकी माँग भी लगभग समाप्त है।डॉ. चौहान ने बताया कि विभागीय जानकारी के अनुसार 15 अगस्त को यूरिया का एक और रैक करनाल ज़िले को प्राप्त हो जाएगा ।