मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 जून तक करवा सकते हैं पंजीकरण, धान की जगह दूसरी फसल करने पर सरकार दे रही है 7 हजार रूपये प्रति एकड़ का अनुदान : उपायुक्त निशांत कुमार यादव
करनाल 22 जून (पी एस सग्गू)
,करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा गिरते भूमि जल स्तर को रोकने के लिए व किसानों को दूसरी फसलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग के माध्यम से मेरा पानी मेरी विरासत नामक स्कीम चलाई जा रही है। वैज्ञानिकों अनुसार एक किलो धान पैदा करने हेतु लगभग 4 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है।
उपायुक्त ने बताया कि मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम अनुसार मक्का, कपास, खरीफ तिलहन, खरीफ दालें, चारा वाली या खाली एवं बागवानी की फसलों को गत वर्ष के धान के खेतों में उगाने पर 7 हजार रुपये प्रति एकड़ का अनुदान देने का प्रावधान किया है। जिसके लिए संबंधित किसान अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क करके स्कीम के अन्दर अपने आप को पंजीकृत करवाकर जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए आने वाली पीढिय़ों के लिए पानी का संचय किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत जो किसान खरीफ 2021 के दौरान अपने पिछले वर्षों के खरीफ के समय खेतों में की गई धान की खेती की जगह कपास, मक्का, अरहर, मूंग, बागवानी, मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मूंगफली, खरीफ प्याज और खरीफ चारा फसलों की बिजाई करते हैं वे सभी किसान योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले खरीफ सीजन के दौरान एमपीएमवी के तहत फसल विविधिकरण को अपनाने वाले किसान भी यदि उसी खेत में धान की बजाया वैकल्पिक फसलों की बुआई जारी रखेंगे तो उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने खरीफ 2020 के दौरान इस स्कीम का लाभ उठाया था वे अगर इस वर्ष भी उसी क्षेत्र में फसल विविधिकरण करते हैं तो वे सभी किसान इस स्कीम के पात्र होगें। जिन किसानों ने खरीफ 2020 में जिस क्षेत्र में धान लगाया था व इस वर्ष उस क्षेत्र को खाली छोड़ देते है तो वे किसान भी इस स्कीम के पात्र होगें। वे सभी किसान जो स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा संचालित मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को www.agriharyana.gov.in पर मेरा पानी मेरी विरासत के लिंक पर 25 जून, 2021 तक पंजीकरण करना होगा। इस पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण शुरू हो चुका है। किसान स्वयं या कॉमन सर्विस सैन्टर पर अपना पंजीकरण करवा सकता है।