पत्रकार की मासिक पेंशन 15 हजार रुपए और पांच लाख रुपए की कैशलैस चिकित्सा योजना शीघ्र लागू की जाए- हरियाणा पत्रकार संघ
कोरोना महामारी के शिकार पत्रकारों की विधवाओं को मासिक पेंशन योजना का लाभ दिया जाए
करनाल 3 मार्च ( पी एस सग्गू)
हरियाणा पत्रकार संघ ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वृद्ध पत्रकारों की मासिक पेंशन 15 हजार रुपये करने और कै शलैस चिकित्सा योजना शीघ्र लागू करने की मांग की है। सरकार ने गत चार महीने पहले मान्यता प्राप्त पत्रकारो के लिए कैशलैस योजना को लागू करने की घोषणा की थी लेकिन यह योजना अभी तक कागजों में ही अटकी पड़ी है।
संघ के अध्यक्ष के.बी. पंडि़त ने मुख्यमंत्री को भेजे गए 10वें ज्ञापन में मांग की है कि आन्ध्रप्रदेश, राजस्थान और पंजाब की सरकार पत्रकारों को 15 हजार रुपये मासिक पेंशन दे रही है। चूंकि मुख्यंमत्री मनोहर लाल वित्त विभाग भी है और वे 8 मार्च को राज्य विधान सभा में वर्ष 2022-23 बजट भी पेश करने वाले हैं। इस लिए उन्होंने नए बजट में पत्रकारों को पेंशन बढ़ाने की खुशखबरी की सूचना भी देनी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना महामारी से राज्य में 16 पत्रकार शिकार हुए है। दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को जीवन यापन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कोरोना के शिकार पत्रकारों की विधवाओं को पत्रकार मासिक योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।
मीडिया एक्रेडिटेशन कमेटी का गठन गत 7 वर्षो से लटका हुआ है। समिति का यथाशीघ्र गठन किया जाए।
ज्ञापन में अधिकाधिक वृद्ध पत्रकारों को मासिक पेंशन योजना का लाभ देने के लिए पेंशन योजना की नियमावली में संशोधन किया जाना चाहिए। पांच साल की जरूरी एके्रडिटेशन की शर्त को हटाया जाना चाहिए। अभी केवल 135 पत्रकारों को ही पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। यदि नियमों में पांच साल की जरूरी एके्रडिटेशन की शर्त को हटा दिया जायेगा तो राज्य के 600 से 700 वृद्ध पत्रकारों को इसका लाभ मिल सकेगा।
ज्ञापन में लघु-समाचार पत्रों के लिए लाभकारी विज्ञापन नीति बनाने की मांग की गई। सरकार की वर्तमान विज्ञापन नीति से लघु-समाचार पत्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा। अनेक लघु-समाचार पत्र आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं
हरियाणा पत्रकार संघ ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वृद्ध पत्रकारों की मासिक पेंशन 15 हजार रुपये करने और कै शलैस चिकित्सा योजना शीघ्र लागू करने की मांग की है। सरकार ने गत चार महीने पहले मान्यता प्राप्त पत्रकारो के लिए कैशलैस योजना को लागू करने की घोषणा की थी लेकिन यह योजना अभी तक कागजों में ही अटकी पड़ी है।
संघ के अध्यक्ष के.बी. पंडि़त ने मुख्यमंत्री को भेजे गए 10वें ज्ञापन में मांग की है कि आन्ध्रप्रदेश, राजस्थान और पंजाब की सरकार पत्रकारों को 15 हजार रुपये मासिक पेंशन दे रही है। चूंकि मुख्यंमत्री मनोहर लाल वित्त विभाग भी है और वे 8 मार्च को राज्य विधान सभा में वर्ष 2022-23 बजट भी पेश करने वाले हैं। इस लिए उन्होंने नए बजट में पत्रकारों को पेंशन बढ़ाने की खुशखबरी की सूचना भी देनी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना महामारी से राज्य में 16 पत्रकार शिकार हुए है। दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को जीवन यापन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कोरोना के शिकार पत्रकारों की विधवाओं को पत्रकार मासिक योजना का लाभ दिया जाना चाहिए।
मीडिया एक्रेडिटेशन कमेटी का गठन गत 7 वर्षो से लटका हुआ है। समिति का यथाशीघ्र गठन किया जाए।
ज्ञापन में अधिकाधिक वृद्ध पत्रकारों को मासिक पेंशन योजना का लाभ देने के लिए पेंशन योजना की नियमावली में संशोधन किया जाना चाहिए। पांच साल की जरूरी एके्रडिटेशन की शर्त को हटाया जाना चाहिए। अभी केवल 135 पत्रकारों को ही पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। यदि नियमों में पांच साल की जरूरी एके्रडिटेशन की शर्त को हटा दिया जायेगा तो राज्य के 600 से 700 वृद्ध पत्रकारों को इसका लाभ मिल सकेगा।
ज्ञापन में लघु-समाचार पत्रों के लिए लाभकारी विज्ञापन नीति बनाने की मांग की गई। सरकार की वर्तमान विज्ञापन नीति से लघु-समाचार पत्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा। अनेक लघु-समाचार पत्र आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं