नैशनल ई लोक अदालत में 220 मुकदमों का किया निपटारा
करनाल 10 अप्रैल ( पी एस सग्गू)
करनाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मिस जसबीर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों न्यायालयों में सिर्फ आवश्यक और गंभीर मामलों में ही सुनवाई की जा रही है। इससे अदालतों पर जहां नए मामलों का बोझ बढ़ रहा है, वहीं सुनवाई लंबित होने से न्याय की राह भी लंबी हो रही है। इसका समाधान निकालते हुए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने सुलह समझौते से हल होने वाले मामलों को नैशनल लोक अदालत के माध्यम से करने की योजना के तहत जगदीप जैन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, करनाल के कुशल मार्गदर्शन में सेशन डिवीजन, करनाल में शनिवार को नैशनल लोक अदालत ई लोक अदालत का आयोजन किया गया। करनाल सेशन डिविजन में इस लोक अदालत में 1453 केसों को निपटारे के लिए रखा गया जिसके लिए 9 बेंचो का गठन किया गया ।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में दुर्घटना के दावे, चेक बाउंस, बैंक वसूली, नागरिक विवादों से संबंधित और जिनमें सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं भी शामिल हैं और यहां तक कि घरेलू हिंसा अधिनियम आदि से संबंधित कंपाउंडेबल अपराधों के आपराधिक मामलों को लिया गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालत विवादों के निपटान के प्रभावी तरीकों में से एक है। लोक अदालतों में विवादों का सौहार्दपूर्वक निपटारा किया जाता है। सभी के लिए न्याय तक पहुंच के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए लोक अदालत काफी महत्वपूर्ण है। लोक अदालत में फैसला होने पर पैसा व समय दोनों की बचत होती है और हमेशा के लिए मुकदमें का निपटारा हो जाता है और आपस में भाईचारा बना रहता है।
उन्होंने बताया कि लोक अदालत में किये गये फैसले की किसी भी न्यायालय में अपील नहीं होती है और कोर्ट फीस भी वापिस हो जाती है। सभी के लिए न्याय तक पहुंच के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एडीआर यानि वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र काफी महत्वपूर्ण है। लोक अदालत को स्थायी और निरंतर प्रक्रिया बनाने के लिए, सत्र न्यायालय, करनाल में दैनिक लोक अदालतें भी आयोजित की जाती हैं। उन्होंने आगे बताया कि 1453 मुकदमों को लिया गया था, जिनमें से 220 को सत्रीय प्रभाग, करनाल में लोक अदालत/ ई लोक अदालत में पारस्परिक रूप से निपटाया गया। लोक अदालत में निपटान की राशि 3 करोड़ रुपये से अधिक थी।