नारी सृष्टि का आधार समाज के संचालन के लिए जितनी अवश्यकता पुरुष की उतनी ही एक स्त्री कीभी -डॉ प्रभजोत कौर
करनाल 29 अप्रैल( पी एस सग्गू)
आज करनाल के गुरु नानक अस्पताल की डॉ प्रभजोत कौर तथा उनकी टीम द्वारा “गांव बड़ौत ” सिथत मुनक रोड में सरपंच श्रीमती पूजा रानी के सहयोग से मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य डॉ हरदीप सिंह हड्डी रोग विशेषज्ञ तथा डॉ प्रभजोत कौर स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा सहायक गुरविंदर कौर, राज कौर तथा उनकी पूरी मेडिकल टीम मौजूद रही उन्होंने गांव की महिलाओ का मेडिकल चेकउप करवाया तथा उन्हें निशुलक दवाइयाँ उपलब्ध करवाई
नारी सृष्टि का आधार है आज समाज के संचालन के लिए जितनी अवश्यकता पुरुष की है उतनी ही अवश्यकता एक स्त्री की भी होती है और अनेक महिलायें आगे आकर राष्ट्र निर्माण के मानकों में भाग लेने लगी एवं अपनी विद्या, बुद्धि एवं कर्तव्य शक्ति के बल पर समाज में उच्च स्थान प्राप्त किया और मानव समाज का मार्गदर्शन कराने में प्रशंसनीय कार्य कर दिखाया। लेकिन जब नारी ही कमजोर पड़ेगी तो देश की नीवं भी कमजोर होगी इसी वाक्यांश की प्रेणादायक बनकर आज डॉ प्रभजोत कौर (गुरु नानक हस्पताल व् डिवाइन इंडिया आई वी ऍफ़ सेंटर )गांव -गांव में मेडिकल कैम्प का आयोजन कर रही है “ नशा मुक्ति को लेकर डॉ प्रभजोत कौर ने बताया कि आज नशा शारारिक आर्थिक सामजिक बर्बादी का कारण है नशा करने से शारीरिक-मानसिक, आर्थिक और सामाजिक नुकसान होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।कई बीमारियां होने का खतरा रहता है हर गांव को नशा मुक्त करने के लिए लोगो को प्रेरित किया
डॉ प्रभजोत ने (टीबी) को खतरनाक बीमारी बताते हुए सावधान किया और उससे बचने के लक्षण और उपाय का विश्लेषण किया (टीबी) एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति के फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। यह रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है। यह रोग इलाज योग्य और रोकथाम योग्य है। लेकिन इसका सक्रिय रूप अत्यधिक संचारी है और खांसी, छींक, लार आदि के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। इसलिए टीबी के आसार नजर आने पर जांच करानी चाहिए।
है। डॉ प्रभजोत ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए स्वछता का पूरा ध्यान रखे हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं।घर में सफाई पर खास ध्यान दें, विशेषकर रसोई तथा शौचालयों पर। पानी को कहीं भी इकट्ठा न होने दें। सिंक, वॉश बेसिन आदि जैसी जगहों पर नियमित रूप से सफाई करें तथा फिनाइल, फ्लोर क्लीनर आदि का उपयोग करती रहें। खाने की किसी भी वस्तु को खुला न छोड़ें। कच्चे और पके हुए खाने को अलग–अलग रखें। खाना पकाने तथा खाने के लिए उपयोग में आने वाले बर्तनों, फ्रिज, ओवन आदि को भी साफ रखें। कभी भी गीले बर्तनों को रैक में नहीं रखें, ताजी सब्जियों–फलों का प्रयोग करें। उपयोग में आने वाले मसाले, अनाजों तथा अन्य सामग्री का भंडारण भी सही तरीके से करें तथा एक्सपायरी डेट वाली वस्तुओं पर तारीख देखने का ध्यान रखें।बहुत ज्यादा तेल, मसालों से बने भोजन का उपयोग न करें, खाने में सलाद, दही, दूध, दलिया, हरी सब्जियों, साबुत दाल–अनाज आदि का प्रयोग अवश्य करें।खाना पकाने तथा पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। सब्जियों तथा फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाएं।खाने में शकर तथा नमक दोनों की मात्रा का प्रयोग कम से कम करें।
अपने विश्राम करने या सोने के कमरे को साफ–सुथरा, हवादार और खुला–खुला रखें तथा कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें
इतना ही नहीं महिलाओ के शारीरिक स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देते हुए उन्हें बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के बारे में सावधान किया तथा उन्होंने बताया कि इसे जल्दी से रोका जा सकता है अपितु यह समय पर पकड़ा जाए तो इसका पूर्णतः इलाज भी संभव है