नकली ऑक्सीमीटर ऐप्लिकेशन के माध्यम से होने वाली धोखाधडी से बचाव के संबंध में करनाल पुलिस की एडवायजरी जारी,

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नकली ऑक्सीमीटर ऐप्लिकेशन के माध्यम से होने वाली धोखाधडी से बचाव के संबंध में करनाल पुलिस की एडवायजरी जारी,

करनाल 11 मई( पी एस सग्गू)
करनाल पुलिस प्रधान गंगाराम पूनिया ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस समय में साईबर अपराधी अपराध करने के नये-2 तरीके खोज रहे हैं। जिसमें एक तरीका नकली ऑक्सीमीटर ऐप पर ऑक्सीजन लेवल मापने का दावा करके फ्रोड करना है। इस तरह के फ्रोड करने के लिये इस समय कुछ साईबर अपराधी इंटरनेट पर कुछ यूआरएल/लिंक आपके ऑक्सीजन स्तर की जांच करने के लिए नकली मोबाइल ऑक्सीमीटर एप्लिकेशन का विज्ञापन कर रहे हैं। साइबर अपराधियों ने कोरोना संबंधित ऐप बनाने शुरू कर दिए हैं जो शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाते हैं। इस तरह से अपराधी उपयोगकर्ता को ऐप डाउनलोड करने के बाद बेवकूफ बनाते हैं। लोगों को लगता है कि इन ऐप्स के साथ ऑक्सीजन का स्तर जांचना आसान होगा लेकिन यह बहुत खतरनाक है। इन ऐप्स में निजी जानकारी का उपयोग करने के लिए गूगल पे, फोनपे व पेटीएम आदि के लिए उपयोग किए गए फिंगरप्रिंट डेटा का उपयोग किया जाता है और यह नकली ऑक्सीमीटर ऐप डेटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी गतिविधियों को अंजाम देने में सक्षम होते हैं। लोग इन ऐप को मुफ्त में डाउनलोड करते हैं और सोचते हैं कि यह त्वरित और सस्ता है। लोगों को ऐसे ऐप्स से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे आसानी से आपका डेटा हैक कर सकते हैं।

अपराधियों के अपराध करने का तरीकाः-

एक बार जब उपयोगकर्ता ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, तो यह ऐप फोन के लाइट, कैमरा और फिंगरप्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है ताकि ऑक्सीजन के स्तर को जांचने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ हैकर्स उनके डेटा तक पहुंच बनाने में सक्षम हो सकें। लोग सोचते हैं कि वे घर पर सुरक्षित रहते हुए अपने ऑक्सीजन के स्तर की जाँच कर सकते हैं। हालाँकि ऐसा नहीं है। यह नकली एप्लिकेशन मोबाइल फोन की फोटो गैलरी तक पहुंचने के लिये अनुमति मांगता है, जब आप अनुमति देते हैं तो ऐप बैक से संबंधित फोटोज के माध्यम से डाटा चुरा कर आपके बैंक खातों को हैक कर सकता है। ऐसे ऐप उन एसएमएस इनबॉक्स को भी पढ़ सकते हैं जिनमें बैंक खाता लेनदेन अलर्ट और ओटीपी है। इसके अलावा कुछ भेजे गए रोमांचक लिंक और पीडीएफ दस्तावेज लोगों को आकर्षित करते हैं। जब वे उस पर क्लिक करते हैं तो जालसाज़ द्वारा उनका डेटा आसानी से चुरा लिया जाता है और उपयोगकर्ता धोखाधडी का शिकार हो जाते हैं।

करनाल पुलिस की एडवायजरीः-

1. कभी भी ऐसा कोई ऐप डाउनलोड न करें जिससे इस तरह के फर्जी दावे हों।

2. उपयोगकर्ता को ऑक्सीमीटर कैसे कार्य करता है इसके बारे में सतर्क रहना चाहिए व जानकारी होनी चाहिए। ऐसी किसी भी डिवाइस के लिए आक्सीजन लेवल मापने के लिए एक भौतिक SpO2 रक्त ऑक्सीजन सेंसर की आवश्यकता होती है और हृदय गति को पढ़ने के लिए भौतिक हार्टबीट सेंसर की आवश्यकता होती है। जबकि ऐसे स्मार्टफोन जो आक्सीजन लेवल चैक कर सके बाजार में उपलब्ध नही हैं।

3. ऐसी ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले ध्यान से सोचें और डाउनलोड करने से पहले किसी भी प्रोग्राम की अनुमति देने से पहले उसकी समीक्षा जरूर करें।

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