देश के महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जिन्होंने वीडियों संदेश के माध्यम से देश भर में आयोजित हुए 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविरों का उद्घाटन किया।

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देश के महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जिन्होंने वीडियों संदेश के माध्यम से देश भर में आयोजित हुए 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविरों का उद्घाटन किया।
करनाल 23 मार्च( पी एस सग्गू)
शहीद भगत सिंह, राजगुरु ओर सुखदेव के 90वे शहादत दिवस पर मंगलवार को गोल्डन मोमेंटस परिसर में एक ऐसा इतिहास लिखा गया जिसको आने वाले लम्बे समय तक याद रखा जाएगा। देश के 28 राज्यों ओर 8 केंद्र शासित प्रदेशों में लाखों युवा आज रक्त दान के लिए लाइन में खड़े नजऱ आए ओर इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने स्वयं देश के महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जिन्होंने वीडियों संदेश के माध्यम से देश भर में आयोजित हुए 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविरों का उद्घाटन किया।
अपने सम्बोधन में उन्होंने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के बलिदान दिवस पर नैशनल इंटेग्रेटड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस द्वारा आयोजित संवेदना अभियान को बेहद कल्याणकारी बताया जिसमें युवाओं को नशा नहीं रक्त दान करें की सीख दी गई। उन्होंने समाज के कल्याण के लिए करनाल से शुरू हुए इस अभियान में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनके सहयोगीयों को साधुवाद दिया ओर इस बात पर प्रसन्नता ज़ाहिर की कि यह अभियान ओर आगे बढक़र ब्लड ग्रूप की मैपिंग कर रक्तदाताओं को एक मोबाइल एप ओर वेबसाइट के साथ जोड़ेगा। राष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता ज़ाहिर की कि करोना ओर लाक्डाउन के चलते देश में कम रक्त दान शिविर आयोजित हुए हैं जिससे गम्भीर रोगों से पीडि़त लोगों के इलाज में रक्त की कमी से कठिनाई पैदा हुई है। उन्होंने देश वासियों से कोविड गाइड्लाईन का पालन करते हुए रक्त दान में बढचढ़- कर हिस्सा लेने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि कहा जाता है कि रक्त सम्बंध सबसे मज़बूत होता है ओर जब जब आप रक्त दान करते हैं तो एक प्रकार से रक्त लेने वाले के साथ आपका खून का रिश्ता बन जाता है। राष्ट्रपति ने युवाओं से बड़ी संख्या में आगे आकर रक्त दान करने ओर यह सुनिश्चहित करने का आवाहन किया कि किसी देश वासी को रक्त के अभाव में जान न गवानी पड़े। उन्होंने संवेदना अभियान की सफलता के लिए बधाई देते हुए इस आयोजन से जुड़ी सभी संस्थाओं, रक्त दाताओं ओर सामाजिक कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएँ भी दी।
चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फे्रसिंग के माध्यम से कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि देश के लिए क़ुर्बान होने वालों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले ओर यौवन अवस्था में हंसते हंसते फाँसी के फंदे को चूमने वाले अमर शहीदों को याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के आज़ादी के लिए उस समय शहीद होने की ज़्यादा आवश्यकता थी लेकिन आज देश के लिए काम आने के लिए हमें देश के लिए जीना होगा। देश कैसे विश्व गुरु व आत्म निर्भर बने उसके लिए हम विगत 74 वर्षों से प्रयास कर रहे हैं लेकिन आज देश में पहली बार अलग अलग क्षेत्रों में आत्म निर्भर बनाने की बात आयी है ओर देश के प्रधान मंत्री भी आज देश को आत्म निर्भर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का आयोजन भी इसी सोच का हिस्सा है। करोना काल में संवेदना अभियान के तहत किसी को रक्त की पूर्ति करने के साथ साथ समाज को एक परिवार समझ कर एक दूसरे को रक्त देना पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि तीनो क्रांतिकारियों ने हमें समर्पण भाव सिखाया।
्र कार्यक्रम स्थल गोल्डन मोमेंट्स में इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु, शहीद सुखदेव के पौत्र अनुज थापर, करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव, मेयर रेणु बाला गुप्ता, पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया, मुख्यमंत्री के विधानसभा प्रतिनिधि संजय बठला, भाजपा जिला अध्यक्ष योगेन्द्र राणा उपस्थित रहे। स्वामी ज्ञाननंद ने कहा कि आज का दिन न केवल अमर शहीदों को याद करने का बल्कि यह एहसास करने के दिन है कि राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के पीछे सभी का एक संकल्पित भाव था ओर जो भी कार्य संकल्पित भाव से किया जाता है वो अवश्य सम्पूर्ण होता है। शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु ने देश की आज़ादी के लिए फाँसी के फंदे पर झूलने वाले अमर शहीद भगत सिंह के जीवन से संस्मरण सुनाए ओर इस बात पर चिंता ज़ाहिर की कि जिन काले कानूनो के खिलाफ उन्होंने क़ुर्बानी दो अंग्रेजों के वो काले क़ानून आज भी चल रहे हैं जिन्हें बदलने की आवश्यकता है।
बॉक्स:-राष्ट्रभक्ति के अनेक रंगों से रंगा रहा संवेदना अभियान।
पूरे देश में संवेदना अभियान के तहत 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविर आयोजित हुए जिनमे अनुमानित एक लाख से अधिक रक्त दान हुआ। वास्तविक संख्या देर रात तक आएगी जिसे कल जारी किया जाएगा। यह पूरा अभियान राष्ट्र भक्ति के रंग से रंगा रहा। जहाँ देश भक्ति के गीतों में रक्त दान केंद्र आए युवाओं में उत्साह भरा वहीं चित्रकारों ने शहीदों को रक्त दान के साथ जोड़ कर पेंटिंग बनाई जिनकी प्रदर्शनी भी लगाई गई। कश्मीर से कन्या कुमारी तक, लहौल स्पीती के दुर्गम क्षेत्रो सहित देश के सभी राज्य आज के इस संवेदना अभियान का हिस्सा रहे। भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, राष्ट्रीय रक्त संचारण परिषद, नैशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल असोसीएशन व अन्य लगभग एक हज़ार संस्थाओं के सहयोग से पूरे देश में आज रक्त दान शिविर आयोजित किए गए। निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु का कहना है कि यह अभियान गिनीज़ बुक आफ वल्र्ड रेकर्ड में शामिल करने के लिए भेजा जाएगा व लिम्का बुक में भी इसे दर्ज करवाने की प्रक्रिया की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज संवेदना अभियान का समापन नहीं बल्कि एक आगामी बड़े अभियान का आगाज़ किया गया है जो तब तक जारी रहेगा जब तक देश स्वैच्छिक रक्त दान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर न बन जाए। इसके लिए एक विशेष वेब्सायट व मोबाइल ऐप बनाई जा रही है जिसमें दो करोड़ युवाओं को प्रेरित कर जोड़ा जाएगा जो देश के हर हिस्से से होंगे ओर आवश्यकता पढऩे पर ज़रूरतमंद को रक्त उपलब्ध करवाएँगे। संवेदना के उद्घाटन समारोह में निफ़ा के संयोजक एडवोकेट नरेश बराना ने मंच संचालन किया जबकि महा सचिव प्रवेश गाबा ने धन्यवाद ज्ञापित किया

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