देश की संसद ओर प्रधान सेवाओं में स्थापित की जाएं महर्षि वेद व्यास की प्रतिमा : स्वामी ज्ञानानंद जी
जिओ गीता के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है गीता का संदेश जन-जन तक
करनाल, 13 जुलाई ( पी एस सग्गू)
महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा है कि महर्षि व्यास ने श्रीमदभागवत गीता वेद और पुराणों की रचना की थी। इसलिए उन्हें आदि ऋषि और आदि गुरु माना जाता है। महर्षि वेद व्यास संसार में ऋषि परम्परा के संस्थापक थे। आज यही कारण है कि श्रीमदभागवत कथा जब भी होती है तो व्यास जी की सर्वोच्चता सबसे अधिक होती है। वह सैक्टर-9 स्थित श्री कृष्ण कृपा धाम में गुरु पुर्णिमा अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर सुबह से ही गुरु पूजन का सिलसिला चलता रहा। राजनेताओ और बुद्धिजीवियों और धार्मिक जगत के लोगों ने स्वामी ज्ञानानंद जी के चरणों का पूजन किया। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद जी ने कहा कि नई पीढ़ी को भारतीय परम्परा का ज्ञान करवाने के लिए अभियान चलाना जरूरी है। उन्होंने दौहराया कि देश की संसद ओर प्रधान सेवाओं में महर्षि वेद व्यास की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीमदभागवत गीता का पाठन और श्रवण प्रतिदिन करना चाहिए। जिओ गीता के माध्यम से गीता का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। कार्यक्रम में उन्होंने जिओ गीता के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के पूर्व ओ.एस.डी अमरेन्द्र सिंह, भाजपा के करनाल जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राणा, मेयर रेनूबाला गुप्ता, समाजसेवी बृज गुप्ता, हरिकृष्ण गुप्ता, श्याम बत्तरा, भाजपा के प्रांतीय महामंत्री वेदपाल, तिलकराज अरोड़ा, अनिल भाटिया, पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा, श्याम अरोड़ा, संजय बत्तरा, एच.एस.एस.सी बोर्ड के पूर्व सदस्य रामशरण भोला सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।