दिल्ली पब्लिक स्कूल करनाल की महिला टीचर ने जबरन सिख बच्चों के धार्मिक चिन्ह कड़े उतरवाए
स्कूल प्रशासन इस मामले को हल्के मे लिया कहां यह धार्मिक मामला नहीं है
करनाल 29 अक्टूबर (पी एस सग्गू)
आए दिन सिखों के धार्मिक चिन्हों को लेकर विद्यक संस्थानों द्वारा सिख बच्चों को निशाना बनाया जाता है और सिखों के धार्मिक चिन्हों की बेअदबी की जाती है ऐसा ही मामला करनाल के दिल्ली पब्लिक स्कूल जो करण लेक के पास स्थित है मैं से सामने आया है मिली जानकारी मुताबिक स्कूल की महिला अध्यापक द्वारा सिख बच्चों के जबरदस्ती धार्मिक चिन्ह कड़े को उत्तरवाया गया जिसको लेकर कुछ बच्चों ने इसका विरोध भी किया पर महिला टीचर ने किसी बच्चे की कोई बात नहीं सुनी जिसको लेकर बच्चों ने अपने पेरेंट्स को इस बारे में अवगत कराया स्कूल में हुई बच्चों के साथ इस हरकत को लेकर पैरट्स में भारी रोष देखने को मिला जिसे लेकर आज विरसा फॉरएवर चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन गुरबख्श सिंह मनचंदा स्कूल प्रशासन से बात करने के लिए गया तो पहले तो स्कूल स्टाफ मैनेजमेंट कमेटी ने इसमें कोई गंभीरता नहीं दिखाई जब मनचंदा जी की तरफ से काफी विरोध किया गया तो कहां कि मुझे प्रिंसिपल से मिलना है तो स्कूल स्टाफ ने स्कूल की ही एक महिला को नकली प्रिंसिपल बनाकर मनचंदा जी को उनसे मिलवा दिया जब मनचंदा जी ने अपनी बात रखी तो वह नकली बनी महिला प्रिंसिपल कोई ठोस जवाब नहीं देती सकी जिससे गुरबख्श मनचंदा को इस नकली बनी प्रिंसिपल महिला पर शक हुआ तो उन्होंने कहा कि आप प्रिंसिपल नहीं हो सकती इसलिए मैं आपसे बात नहीं करूंगा और मैं जा रहा हूं जैसे ही स्कूल स्टाफ को अपनी पोल खुलती नजर आई तो उन्होंने फौरन आनन-फानन में उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से बात कर गुरबख्श सिंह मनचंदा स्कूल प्रिंसिपल से मिलवाया गुरबख्श सिंह मनचंदा ने अपने बात प्रिंसिपल के आगे रखी प्रिंसिपल बीच इस बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दे सके और कहा कि सेफ्टी परपज को लेकर यह कदम उठाया गया है इसे कोई भी धार्मिक भावना आहत नहीं हुई जिसके बाद गुरबख्श सिंह मनचंदा स्कूल से बाहर आ गए और अपनी बात मीडिया के सामने रखी और कहां स्कूल प्रशासन ने जानबूझकर सीख बच्चों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया है जिसका हमारे दिलों में बहुत ही गहरा दुख पहुंचा है क्योंकि सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपना दिल्ली की चांदनी चौक में बलिदान दिया था और उनके बाद श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने सिखों को कृपाण है कड़ा धार्मिक चिन्ह दिए थे कड़ा हमें गलत रास्ते में जाने से रोकता है हम अपने बच्चों को स्कूल में अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे स्कूलों में इसलिए भेजते हैं कि वहां का स्टाफ पढ़ा-लिखा समझदार सूजवान होगा और बच्चों को अच्छी शिक्षा देगा पर आज स्कूल में हमें ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं हुआ स्कूल के स्टाफ में ज्ञान की कमी नजर आई है इसलिए स्कूल का स्टाफ सीख बच्चों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार कर रहा है जिसकी हम घोर निंदा करते हैं इस मौके पर पहुंचे सिख समाज के नेता सुरेंद्र पाल रामगढ़िया ने कहा स्कूल प्रशासन व अध्यापक अनेक बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया है और आज स्कूल का रवैया भी देखकर लगता है कि स्कूल प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं और जानबूझकर यह निंदनीय हरकत की गई है जिसका सिख समाज पुरजोर विरोध करेगा और 31 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे स्कूल के बाहर बड़ी गिनती में इकट्ठा होकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करेगा जब तक स्कूल प्रशासन सिख समाज से अपनी गलती का लिखती माफीनामा नहीं मांगता तब तक उनका विरोध किया जाएगा सुरेंद्र पाल रामगढ़िया ने सभी सिख नेताओं को 31 अक्टूबर सुबह 10:00 बजे स्कूल के गेट के बाहर इकट्ठा होने के लिए अपील की इस मसले को लेकर जब मीडिया ने स्कूल प्रशासन से बात करनी चाहिए तो स्कूल प्रशासन ने पहले तो मीडिया का फोन ही नहीं उठाया और जब मीडिया खुद स्कूल में स्कूल प्रशासन का वर्जन लेने के लिए गया तो स्कूल के गेट पर ही सिक्योरिटी वालों ने मीडिया को रोक लिया व कहा कि मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं है और ना ही स्कूल प्रशासन इस मुद्दे को लेकर कोई बात मीडिया से करना चाहता है इसे जाहिर होता है कि स्कूल प्रशासन अपने अड़ियल रवैया पर कायम है और जानबूझकर सिख बच्चों के धार्मिक चिन्ह कड़े उतरवाकर सिख भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया