जापानी जिरकास के वैज्ञानिकों ने किया एच.ए.यू. के कृषि विज्ञान केन्द्र ऊचानी का दौरा।
करनाल 9 जून( पी एस सग्गू)
जापान के एक डेलिगेशन ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की कृषि विज्ञान केंद्र उचानी का वीरवार को दौरा किया। यह डेलिगेशन जापान इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल साइंस से आया करनाल पहुंचा था। फिलहाल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल के साथ जापान इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एग्रीकल्चरल साइंस के बीच दक्षिण एशिया में चरम मौसम की स्थिति में स्थाई भूमि प्रबंधन प्रौद्योगिकियों का विकास नामक परियोजना पर (समझौता ज्ञापन) एम.ओ.यू. के तहत कार्य चल रहा है। इसी परियोजना के तहत सभी जापानी वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल के वज्ञानिकों डॉ. महा सिंह जागलान, डॉ. विजय कुमार कौशिक, डॉ. किरण कुमारी खोखर व डॉ. परविंदर बालियान से अपने विचार सांझा किए।
सी.एस.एस.आर.आई. करनाल के वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र यादव और डॉ. सुभाषी मंडल के साथ आए जापानी जिरकास के वैज्ञानिक डॉ. जुन्या ओनिशी, डॉ. कजुहीसा कोडा, डॉ. कायो मात्सुई और ली. ग्यूनवो ने विस्तार से मृदा लवणता एवं जल भराव प्रबंधन का सस्ता विकल्प के रूप में कट सॉइलर के प्रयोग के बारे में भी बताया। डॉ. महा सिंह कॉर्डिनेटर ने कृषि विज्ञान केन्द्र की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. विजय कुमार कौशिक ने सी.एस.एस.आर.आई. तथा जापानी वैज्ञानिकों का स्वागत व मंच संचालन किया। पूरी टीम ने कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल की मिट्टी व पानी जांच की क्षेत्रीय लैब की कार्यप्रणाली को अच्छे से देखा। इस मौके पर जापानी वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
सी.एस.एस.आर.आई. करनाल के वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र यादव और डॉ. सुभाषी मंडल के साथ आए जापानी जिरकास के वैज्ञानिक डॉ. जुन्या ओनिशी, डॉ. कजुहीसा कोडा, डॉ. कायो मात्सुई और ली. ग्यूनवो ने विस्तार से मृदा लवणता एवं जल भराव प्रबंधन का सस्ता विकल्प के रूप में कट सॉइलर के प्रयोग के बारे में भी बताया। डॉ. महा सिंह कॉर्डिनेटर ने कृषि विज्ञान केन्द्र की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. विजय कुमार कौशिक ने सी.एस.एस.आर.आई. तथा जापानी वैज्ञानिकों का स्वागत व मंच संचालन किया। पूरी टीम ने कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल की मिट्टी व पानी जांच की क्षेत्रीय लैब की कार्यप्रणाली को अच्छे से देखा। इस मौके पर जापानी वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।