किसान सम्मान निधि योजना ऊँट के मुँह में ज़ीरा : इन्दरजीत सिंह गोराया
करनाल : 16 मई (पी एस सग्गू)
मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना मात्र एक राजनैतिक स्टंट है जिसका प्रचार ज़्यादा और लाभ ना के बराबर है यह योजना किसानों का सम्मान नहीं अपमान है तीन कृषि कानूनों के विरोध में जजपा के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले इंद्रजीत सिंह गोराया कहा कि मोदी सरकार लगातार किसान विरोधी फ़ैसले कर रही है जब देश का किसान अपनी फसल के रेट व पूँजीपतियों के शिकंजे से बचने के लिए एक लंबे आंदोलन के रुप में सड़कों पर बैठा है ठीक इसी समय केन्द्र सरकार ने खाद के रेट 58% तक बढ़ा कर किसानों को बहुत बड़ा झटका दे दिया है इसी तरह डीज़ल व दवाइयाँ व कृषि उपयोग में आने वाली हर वस्तु का रेट लगातार बढ़ाये जा रहे हैं जिस कारण किसान की लागत प्रति एकड़ 4 से 5 हज़ार बढ़ गई है परंतु सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की बजाये सिर्फ़ 500 रू की यह बेमानी योजना से किसानों का अपमान कर रही है गोराया ने कहा कि अगर पाँच एकड़ के किसान की बात करें तो बढ़े हुए रेटों के कारण उसकी लागत में 25 हज़ार रुपये की वृद्धि हुई है व सरकार उसे मात्र 6 हज़ार सलाना दे कर किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है उन्होंने पूछा कि यह कैसी किसान हितैषी सरकार है जो किसान की जेब से 25 हज़ार जबरन निकाले जा रहे हैं उसका कहीं ज़िक्र तक नहीं करते !
सरकार मेरी फसल मेरा ब्यौरा व ई ट्रेडिंग जैसी योजनाएँ थोप कर किसानों को परेशान करने का काम कर रही है जिससे आड़ती व किसान का रिश्ता भी ख़राब हो रहा है
यह सरकार चंद पूँजीपतियों के हित साधने के लिए एक कठपुतली की तरह काम कर रही है जिसका उदाहरण तीन काले कृषि क़ानून हैं जिन्हें रद्द करवाने को ले कर किसान पिछले 6 माह से घरों से बेघर होकर दिल्ली के बार्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं मगर सरकार कुम्भकर्णिय नींद में सो रही है
दुनिया के सबसे बड़े व लम्बे किसान आंदोलन को अनदेखा करके की कोशिशें सत्ताधारी दल की तानाशाही प्रवृत्ति को दर्शाती हैं गोराया ने कहा
प्रधानमंत्री टेलिविज़न पर बैठ कर किसान सम्मान निधि योजना से किसानों से मज़ाक़ व देशवासीयों को गुमराह कर मात्र राजनीति हित साधने में लगे हैं।