कर्ण स्टेडियम में तीन दिवसीय अखिल भारतीय सिविल सेवा एथलैटिक्स प्रतियोगिता का हुआ आगाज, उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने किया शुभारम्भ करनाल 28 सितम्बर(पी एस सग्गू) करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने खेल के महत्व को परिभाषित करते कहा कि खेल से प्रतिद्वंदी में भी सम्मान का भाव रखने की सीख मिलती है, शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में कोई न कोई खेल अवश्य खेलना चाहिए। उपायुक्त, मंगलवार को शहर के कर्ण स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय आल इण्डिया सिविल सर्विस एथलैटिक्स प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित खिलाडिय़ों से रूबरू थे। उन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगिता की करनाल में मेजबारी को गर्व का विषय बताया। कहा कि चाहे अंतरजिला, राज्य व राष्ट्रीय खेलों की बात हो, सब में भाई-चारे का भाव जागृत होता है। जब भी भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करता है, तो उससे विविधता में एकता का भाव प्रकट होता है और एक भारत-श्रेष्ठ भारत का कथन सत्य होता है। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि तीन दिवसीय प्रतियोगिता में अपनी क्षमता से ज्यादा बढ़कर जौहर दिखाएं और कर्ण की धरती पर नए कीर्तिमान स्थापित करें। उम्मीद जताते कहा कि तीन दिन खेलो में भाग लेकर वे यहां से अच्छी स्मृत्तियां लेकर जाएंगे। खिलाडिय़ों से सम्बोधन के बाद उपायुक्त ने विधिवत अखिल भारतीय सिविल सेवा एथलैटिक्स प्रतियोगिता (पुरूष एवं महिला) का शुभारम्भ कर ध्वजारोहण किया। उपस्थित खिलाडिय़ों ने सभी नियमो का आदरपूर्वक पालन करते हुए नशीले पदार्थों से दूर रहकर खेलों के गौरव व सम्मान के लिए भाग लेने की शपथ ली। शपथ दिलाने की परम्परा एशियन गेम्स के मैडलिस्ट एथलैटिक व उपनिदेशक पंचकुला गिरीराज सिंह ने निभाई। इसके पश्चात स्टेडियम में शानदार मार्च पास्ट हुआ, जिसमें देश के भिन्न-भिन्न 28 प्रांत/शहर के करीब 700 खिलाडिय़ों ने अपने-अपने ध्वज के साथ सलामी मंच के आगे से मार्च किया। उपायुक्त एवं मुख्यतिथि निशांत कुमार यादव ने सलामी ली। करनाल में पहली बार आयोजित इस तरह की प्रतियोगिता में विविधता में एकता का खूबसूरत नजारा था, जो खेल के मैदान में मिनी भारत का एहसास करा रहा था। हरियाणा, जिसके खिलाडिय़ों ने एशियन और हाल ही में हुए ओलम्पिक खेलो में, विश्व स्तर पर प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया, उसे देखते इस प्रतियोगिता का महत्व और भी बढ़ जाता है। शिक्षक व शिष्य की परम्परा निभाई- इस अवसर पर उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने वर्ष 2009 के दौरान आई.आई.टी. दिल्ली में विद्यार्थी रहते उनके एथलैटिक कोच रहे दिनेश रावत को शाल ओढाकर सम्मानित किया। दिनेश रावत वर्ष 1998 में एशियन गेम्स के 400 मीटर रिले रेस के ब्राँज मैडिलिस्ट रहे हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने उनके सानिध्य में प्रशिक्षण लेकर 400 व 800 मीटर दौड़ की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया था। इससे पूर्व फैंसिंग प्रशिक्षक सत्यवीर सिंह ने उपायुक्त एवं खिलाडिय़ों का स्वागत किया। तत्पश्चात मैदान में 800 मीटर पुरूष फाईनल व 800 मीटर महिला फाईनल के मुकाबले हुए। पुरूषों की दौड़ में कोलकाता के मोहम्मद शाकिल प्रथम, जयपुर के राज कुमार द्वितीय और मुम्बई के शाम्यू डोंडकर तृतीय रहे। उपायुक्त ने तीनो विजेताओं को गोल्ड, सिलवर व ब्राँज मैडल से सम्मानित किया। इसी प्रकार महिलाओं की 800 मीटर दौड़ में मुम्बई की यमुना प्रथम, मुम्बई की ही अर्चना द्वितीय व कोलकाता की प्रतिमा तृतीय स्थान पर रही। उपायुक्त ने इन्हें भी गोल्ड, सिलवर व ब्राँज मैडल से नवाजा। डिस्टक थ्रो (35 से 45 आयु वर्ग) की प्रतियोगिता में हरियाणा की मनु दहिया प्रथम, गुजरात की दर्शना पटेल द्वितीय और राजस्थान की ललिता रानी तृतीय स्थान पर रही तथा तीनो को क्रमश: गोल्ड, सिलवर व ब्राँच मैडल दिए गए। प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर एथलैटिक्स प्रतियोगिता आयोजन के नोडल एवं असंध के उपमण्डलाधीश मनजीत कुमार, पानीपत की जिला खेल अधिकारी राज यादव, करनाल के जिला खेल अधिकारी देवेन्द्र गुलिया, खेल अधिकारी राम पाल तथा रोहतक से एथलैटिक कोच सरला देवी भी उपस्थित रहे। मंच संचालन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उद्घोषक राम निवास ने किया।

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कर्ण स्टेडियम में तीन दिवसीय अखिल भारतीय सिविल सेवा एथलैटिक्स प्रतियोगिता का हुआ आगाज, उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने किया शुभारम्भ 

करनाल 28 सितम्बर(पी एस सग्गू)
करनाल  उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने खेल के महत्व को परिभाषित करते कहा कि खेल से प्रतिद्वंदी में भी सम्मान का भाव रखने की सीख मिलती है, शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में कोई न कोई खेल अवश्य खेलना चाहिए। उपायुक्त, मंगलवार को शहर के कर्ण स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय आल इण्डिया सिविल सर्विस एथलैटिक्स प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित खिलाडिय़ों से रूबरू थे।
उन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगिता की करनाल में मेजबारी को गर्व का विषय बताया। कहा कि चाहे अंतरजिला, राज्य व राष्ट्रीय खेलों की बात हो, सब में भाई-चारे का भाव जागृत होता है। जब भी भारत  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करता है, तो उससे विविधता में एकता का भाव प्रकट होता है और एक भारत-श्रेष्ठ भारत का कथन सत्य होता है। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि तीन दिवसीय प्रतियोगिता में अपनी क्षमता से ज्यादा बढ़कर जौहर दिखाएं और कर्ण की धरती पर नए कीर्तिमान स्थापित करें। उम्मीद जताते कहा कि तीन दिन खेलो में भाग लेकर वे यहां से अच्छी स्मृत्तियां लेकर जाएंगे।
खिलाडिय़ों से सम्बोधन के बाद उपायुक्त ने विधिवत अखिल भारतीय सिविल सेवा एथलैटिक्स प्रतियोगिता (पुरूष एवं महिला) का शुभारम्भ कर ध्वजारोहण किया। उपस्थित खिलाडिय़ों ने सभी नियमो का आदरपूर्वक पालन करते हुए नशीले पदार्थों से दूर रहकर खेलों के गौरव व सम्मान के लिए भाग लेने की शपथ ली। शपथ दिलाने की परम्परा एशियन गेम्स के मैडलिस्ट एथलैटिक व उपनिदेशक पंचकुला गिरीराज सिंह ने निभाई।
इसके पश्चात स्टेडियम में शानदार मार्च पास्ट हुआ, जिसमें देश के भिन्न-भिन्न 28 प्रांत/शहर के करीब 700 खिलाडिय़ों ने अपने-अपने ध्वज के साथ सलामी मंच के आगे से मार्च किया। उपायुक्त एवं मुख्यतिथि निशांत कुमार यादव ने सलामी ली। करनाल में पहली बार आयोजित इस तरह की प्रतियोगिता में विविधता में एकता का खूबसूरत नजारा था, जो खेल के मैदान में मिनी भारत का एहसास करा रहा था। हरियाणा, जिसके खिलाडिय़ों ने एशियन और हाल ही में हुए ओलम्पिक खेलो में, विश्व स्तर पर प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया, उसे देखते इस प्रतियोगिता का महत्व और भी बढ़ जाता है।
शिक्षक व शिष्य की परम्परा निभाई- इस अवसर पर उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने वर्ष 2009 के दौरान आई.आई.टी. दिल्ली में विद्यार्थी रहते उनके एथलैटिक कोच रहे दिनेश रावत को शाल ओढाकर सम्मानित किया। दिनेश रावत वर्ष 1998 में एशियन गेम्स के 400 मीटर रिले रेस के ब्राँज मैडिलिस्ट रहे हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने उनके सानिध्य में प्रशिक्षण लेकर 400 व 800 मीटर दौड़ की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया था।
इससे पूर्व फैंसिंग प्रशिक्षक सत्यवीर सिंह ने उपायुक्त एवं खिलाडिय़ों का स्वागत किया। तत्पश्चात मैदान में 800 मीटर पुरूष फाईनल व 800 मीटर महिला फाईनल के मुकाबले हुए। पुरूषों की दौड़ में कोलकाता के मोहम्मद शाकिल प्रथम, जयपुर के राज कुमार द्वितीय और मुम्बई के शाम्यू डोंडकर तृतीय रहे। उपायुक्त ने तीनो विजेताओं को गोल्ड, सिलवर व ब्राँज मैडल से सम्मानित किया। इसी प्रकार महिलाओं की 800 मीटर दौड़ में मुम्बई की यमुना प्रथम, मुम्बई की ही अर्चना द्वितीय व कोलकाता की प्रतिमा तृतीय स्थान पर रही। उपायुक्त ने इन्हें भी गोल्ड, सिलवर व ब्राँज मैडल से नवाजा। डिस्टक थ्रो (35 से 45 आयु वर्ग) की प्रतियोगिता में हरियाणा की मनु दहिया प्रथम, गुजरात की दर्शना पटेल द्वितीय और राजस्थान की ललिता रानी तृतीय स्थान पर रही तथा तीनो को क्रमश: गोल्ड, सिलवर व ब्राँच मैडल दिए गए।
प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर एथलैटिक्स प्रतियोगिता आयोजन के नोडल एवं असंध के उपमण्डलाधीश मनजीत कुमार, पानीपत की जिला खेल अधिकारी राज यादव, करनाल के जिला खेल अधिकारी देवेन्द्र गुलिया, खेल अधिकारी राम पाल तथा रोहतक से एथलैटिक कोच सरला देवी भी उपस्थित रहे। मंच संचालन खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उद्घोषक राम निवास ने किया।

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