कर्ण नगरी को शोभाएमान करते प्रवेश द्वार, 1 करोड़ 85 लाख 24 हजार रूपये की लागत से तैयार, श्री गुरू नानक देव जी, माँ सरस्वती तथा कल्पना चावला द्वार का मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने किया वच्र्अुल उद्घाटन-अजय सिंह तोमर, निगमायुक्त।
अध्यात्म, धर्म, संस्कृति, समाज, इतिहास एवं विज्ञान का अद्भुत संगम है भव्य द्वार।
करनाल 6 जनवरी ( पी एस सग्गू)
अध्यात्म, धर्म, संस्कृति, समाज, इतिहास एवं विज्ञान का अद्भुत संगम है भव्य द्वार।
करनाल 6 जनवरी ( पी एस सग्गू)
नगर निगम की ओर से शहर के 8 भिन्न-भिन्न प्रवेश मार्गों पर महापुरूषों के नाम से बनाए जा रहे स्वागत गेट, अध्यात्म, धर्म-संस्कृति, समाज, इतिहास एवं विज्ञान का अद्भुत संगम हैं। इनसे कर्ण नगरी का प्राचीन एवं वैभवशाली इतिहास जीवंत हो उठा है, दूसरी ओर भावी पीढ़ी को सत्य, अहिंसा, प्रेम, ज्ञान एवं प्रतिभा के गुणो को आत्मसार करने की प्रेरणा मिलेगी। आठ गेटों में से मुकम्मल 4 का पहले ही उद्घाटन किया जा चुका है, जबकि 3 गेटों का शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वच्र्अुल उद्घाटन किया। अब करनाल-काछवा रोड पर स्वामी विवेकानंद जी के नाम से निर्माणाधीन 8वां गेट उद्घाटन के लिए तैयार हो रहा है। गेट का 80 प्रतिशत कार्य सम्पूर्ण हो चुका है तथा इस पर अनुमानित 49 लाख 88 हजार रूपये की राशि खर्च की जाएगी। नगर निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि शहर की 8 अलग-अलग एंट्री यानि प्रवेश पर विशाल गेट बनाने का कॉन्सैप्ट प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी का ही था, जो साकार हुआ है। इनमें बलड़ी बाईपास पर श्रीमद् भगवद गीता द्वार, नमस्ते चौक पर महाराजा कर्ण द्वार, मेरठ रोड पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वार तथा इन्द्री रोड पर श्री घण्टाकर्ण महावीर द्वार और अब करनाल-कैथल रोड पर श्री गुरू नानक देव जी द्वार, मूनक रोड पर कल्पना चावला द्वार तथा कुंजपुरा रोड पर माँ सरस्वती द्वार शहर की शोभा बढ़ा रहे हैं। उद्घाटन के बाद तीन गेटों की दी जानकारी-
निगमायुक्त अजय सिंह तोमर ने उद्घाटित तीन गेटों की जानकारी देते बताया कि करनाल-कैथल रोड के चिडाव मोड पर, अनुमानित साढे 75 लाख रूपये की लागत से 95 फुट ऊंचा वेल्कम गेट 15वीं सदी के महान संत श्री गुरू नानक देव जी के नाम पर स्थापित किया गया है। गुरू नानक देव जी में बचपन से ही प्रखर बुद्धि के लक्षण थे। लडक़पन से ही वे संसारिक विषयों से उदासीन रहते थे और उनका अधिकतम समय अध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत होता था। उन्होंने देश व देश से बाहर की यात्रा कर भटकी मानवता को सत्य, अध्यात्म और वास्तविक धर्म का संदेश दिया था। पवित्र गुरू ग्रंथ में श्री गुरू नानक देव जी की अमर वाणी संग्रहित है।उन्होंने बताया कि इसी प्रकार करनाल-कुंजपुरा रोड पर विद्यादायिनी माँ सरस्वती के नाम पर गेट का निर्माण किया गया है। इस पर करीब 50 लाख रूपये की राशि खर्च की गई है तथा इसकी लम्बाई 87 फुट है। माँ सरस्वती हिन्दू धर्म की वैदिक एवं पौराणिक देवियों में से एक हैं। इन्हें विद्या एवं संगीत की अधिष्ठाता के रूप में भी माना जाता है। देवी सरस्वती का वर्णन वेदों, रामायण व महाभारत के अतिरिक्त कालिका पुराण, वृहत्त नंदीकेश्वर पुराण तथा शिव पुराण में भी विशेष उल्लेख के साथ मिलता है।इसके अतिरिक्त करनाल-मूनक रोड पर महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक तथा करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम से 60 लाख 37 हजार रूपये की लागत से गेट बनाया गया है। यह लम्बाई 78 फुट है। कल्पना चावला में बचपन से ही ऐरोनेटिक इंजीनियर बनने का शौक था। अपने सपने को साकार करने के लिए उसने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चण्डीगढ़ से ऐरोनेटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करके अमेरिका से स्नातकोत्तर व पीएचडी पूरी की थी। वे भारतीय मूल की अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी। दुर्भाग्य वश फरवरी 2003 को कोलम्बिया स्पेस शटल पृथ्वी पर लैंड करने से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया था, जिसमें कल्पना चावला समेत सभी 6 अंतरिक्ष यात्री मौत के आगोश में चले गए थे। कल्पना चावला का नाम अमर बनाए रखने के लिए करनाल में एक मैडिकल कॉलेज विद्यमान है और अब एक भव्य वेलकम गेट भी बनाया जा रहा है। सभी गेट नगर निगम की ओर से निर्मित करवाए गए हैं।
भारत में गेटों का है प्राचीन इतिहास– आयुक्त ने बताया कि भारत में गेटों का प्राचीन इतिहास है। देश के असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना तथा उत्तर प्रदेश में करीब एक सौ विश्व प्रसिद्ध गेट हैं। इनमें दिल्ली का इंडिया गेट, मुम्बई का गेट वे ऑफ इंडिया, फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा, पटना का सभ्यता द्वार, औरंगाबाद का मकाई गेट, फैजाबाद को गुलाब बाड़ी, भाव नगर का अक्षय द्वार, वाराणसी का लाल दरवाजा, असम का नार्थ ब्रुक गेट, कर्नाटक का दरिया दौलद बाग गेट, मध्य प्रदेश का सांची गेट, पंजाब का नूर महल सराय गेट, तेलंगाना का चौमहल्ला पैलेस गेट तथा राजस्थान का अजमेरी गेट पयर्टक स्थल के रूप में विख्यात हैं।
फोटो कैप्शन:- मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित वेल्कम गेट, क्रमश: श्री गुरू नानक देव जी द्वार, माँ सरस्वती द्वार तथा कल्पना चावला द्वार।
भारत में गेटों का है प्राचीन इतिहास– आयुक्त ने बताया कि भारत में गेटों का प्राचीन इतिहास है। देश के असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना तथा उत्तर प्रदेश में करीब एक सौ विश्व प्रसिद्ध गेट हैं। इनमें दिल्ली का इंडिया गेट, मुम्बई का गेट वे ऑफ इंडिया, फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा, पटना का सभ्यता द्वार, औरंगाबाद का मकाई गेट, फैजाबाद को गुलाब बाड़ी, भाव नगर का अक्षय द्वार, वाराणसी का लाल दरवाजा, असम का नार्थ ब्रुक गेट, कर्नाटक का दरिया दौलद बाग गेट, मध्य प्रदेश का सांची गेट, पंजाब का नूर महल सराय गेट, तेलंगाना का चौमहल्ला पैलेस गेट तथा राजस्थान का अजमेरी गेट पयर्टक स्थल के रूप में विख्यात हैं।
फोटो कैप्शन:- मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित वेल्कम गेट, क्रमश: श्री गुरू नानक देव जी द्वार, माँ सरस्वती द्वार तथा कल्पना चावला द्वार।