करनाल से चलने वाली बसों में नीलोखेड़ी की सवारिया को नहीं बिठाते चालक सवारियों को परेशान होकर प्राइवेट  प्राइवेट बसों में करना पड़ता है सफर

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करनाल से चलने वाली बसों में नीलोखेड़ी की सवारिया को नहीं बिठाते चालक
सवारियों को परेशान होकर प्राइवेट  प्राइवेट बसों में करना पड़ता है सफर
करनाल 12 जुलाई ( पी एस सग्गू)
हरियाणा रोडवेज की बसें जो हरियाणा राज्य के कोने कोने में चलती हैं व साथ लगते दूसरे राज्यों में भी हरियाणा रोडवेज की बसें चलती है इसके बावजूद भी हरियाणा रोडवेज में हर साल लाखों रुपए का घाटा दिखाया जाता है जिसका मुख्य कारण सामने यह आया है कि बस के चालक व परिचालक अपनी मनमर्जी करते हैं व सवारियों को बस में बैठने ही नहीं देते जिसका उदाहरण कल करनाल से जम्मू कटरा को चलने वाली बस में नीलोखेड़ी की बैठी सवारियों को परिचालक ने यह कहकर नीचे उतार दिया कि नीलोखेड़ी में मेरा स्टॉपेज नहीं है नीलोखेड़ी की सवारियों को नीचे उतार दिया गया जिससे सवारियों को  काफी परेशानी का सामना करना पड़ा गौरतलब है कि 12 जुलाई 2022 को करनाल रोडवेज की करनाल से जम्मू कटरा के लिए बस सुबह 8: 40 मिनट पर चलती है जिसमें काफी सवारिया नीलोखेड़ी की बैठ गई पर चालक व परिचालक ने अपनी मर्जी करते हुए सवारियों को यह कहकर नीचे उतार दिया कि नीलोखेड़ी में बस का स्टॉपेज नहीं है इसलिए मैं नीलोखेड़ी मैं बस नहीं रोकूंगा सभी सवारिया नीलोखेड़ी के नीचे उतर जाए जिस पर सवारियों ने विरोध जताया तो परिचालक ने जबरन सवारियों को नीचे उतार दिया और कहां जिसे मर्जी अपनी शिकायत कर देना नीलोखेड़ी की सवारी मैं बस में नहीं बैठने दूंगा जिस पर कुछ सवारियों ने बस चालक से बात की तो तो उसने भी कहा नीलोखेड़ी में बस नहीं रुकेगी जिससे सवारिया परेशान होकर प्राइवेट बस की तरफ जाना पड़ा इस बारे में हमने करनाल रोडवेज के ट्रैफिक इंचार्ज से पता किया तो उन्होंने बताया कि नीलोखेड़ी में बस का स्टॉपेज है जिस पर एक लिखती शिकायत करनाल जीएम को की गई जिस पर करनाल जी एम कुलदीप ने भरोसा दिया कि हम चालक व परिचालक के ऊपर विभागीय कार्रवाई जरूर करेंगे आगे से आपको ऐसी शिकायत नहीं मिलेगी अब देखना है कि करनाल के जीएम चालक व परिचालक ऊपर क्या कार्रवाई करते हैं यह भविष्य के गर्भ में है पर चालक व परिचालक द्वारा की जा रही अपनी मनमर्जी के कारण हर साल हरियाणा रोडवेज में लाखों करोड़ों का घाटा सहन करना पड़ता है  जिसका मुख्य कारण चालक परिचालक द्वारा सवारियों को ना बिठाना व अपनी मनमर्जी करना है जिस कारण सवारियों का रुख प्राइवेट बसों की तरफ होता जा रहा व सरकार को लाखों का घाटा सहना पड़ रहा है

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