इंदिरा गांधी ओपिन यूनीवर्सिटी देश वासियों की स्किल बढ़ाने के लिए तैयार: भानु प्रताप सिंह
इग्नू का विद्यार्थी आई ए एस से लेकर चपरासी तक कामकाजी महिला से लेकर ग्रहणी तक हैं
हर घर इग्नू घर घर इग्नू के अभियान को लेकर सामने आए
करनाल14 फरवरी (पी एस सग्गू)
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डा. भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा स्किल डिवलेंपमैंट के कोर्स को अधिक प्राथमिकता दे रहा हैं। उन्होंने बताया कि सरकार घर घर इग्नू हर घर इग्नू के सपने को साकार करने के लिए काम कर रही हैं। उन्हेांने कहा कि करनाल से करनाल और चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाल दिनों में एम एस सी केमिस्ट्री तथा जूलोजी के कोर्स शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ओपिन यूनीवर्सिटी 1985 में दो कोर्स और दो हजार विद्यार्थियों से शुरू किया था। आज इसके साथ हर उम्र बर्ग के करोड़ों लोग जुड़ चुके हैं। उन्होंने कह कि इस सैंट्रल विश्वविद्यालय से 48 देश जुडे हुए हैं। इसके द्वारा संचालित एमसीए बीसीए और एमबीए को इंटरनैशनल मान्यता मिली हुई हैं। उन्होंने कहा कि डिजीटल मीडिया में तथा डिजीटिल माकीर्टिग कोर्स में डिप्लोमा और स्नातकोत्तर कोर्स लोकप्रिय हो रहे है। उन्होंने कहा कि उनका संस्थान को नैक की ए प्लस की मान्यता मिली हैं। हरियाणा में 16 जेलों क्षेत्रीय केंद्र खुले हैं। जेलों में रह कर कैदी भी पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा स्टडी किए बच्चे बिदेश में रोजगार पा चुके हैं। इस समय एमबीए में 250 से अधिक बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास दो हजार से अधिक केार्स हैं। उन्होंने बताया कि हमारा पंचकूला में इन्नोवेशन सैंटर हैं। इसके अलावा रोजगार प्लेसमैंट सैल भी हैं। यहां से शिक्षा प्राप्त बच्चे इसकी मदद से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश केहर उम्र वर्ग के लोगों की स्किल विकसित करने के लिए काम किया जा रहा हैं। इसको ध्यान में रखने के लिए काम किया जा रहा हैं। इस अवसर पर डा. नुरूल हसन ने जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसके अंतर्गत इग्नू का पाठयक्रम ना हो। उन्होंने बताया कि देश में हरा बर्ग तक उच्च शिक्षा को उनके द्वार तक पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा हैं। उनके विद्यार्थी बीस साल से लेकर 90 साल तक के उम्र के हैं। पत्रकारिता के पाठ्यक्रमों के लिए दि ल्ली में स्कूल आफ जर्नलिज्म हैं।