अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित कैदी जिनकी सजा पूरी हो चुकी है उन्हें तुरंत रिहा किया जाये
करनाल 20 मई ( पी एस सग्गू)
आज हरियाणा अल्पसंख्यक वेलफेयर एसोसिएशन व मानव अधिकारों के कार्यकर्ता एडवोकेट अंग्रेज सिंह पन्नु एवं एडवोकेट मोहम्मद रफीक चौहान ने अपनी निजी कार्यालय में पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि जो कैदी अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखते हैं और जिनकी सजा पूरी हो चुकी है उन्हें सरकार तुरंत रिहा करे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हाल ही में राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे ए.जी. पेरारिवलन को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा कर दिया गया। एडवोकेट अंग्रेज पन्नु ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए ए.जी. पेरारिवलन का रिहा किया।
इस मौके पर दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट तथा भारत से प्रार्थना करते हैं कि जो सिख कैदी अपनी सजाएं पूरी कर चुके हैं उन्हें इसी कानून के तहत जल्द रिहा करवाने में भारत सरकार मदद करे, क्योंकि जो कैदी अपनी सजा पूरी काट चुके हैं उन्हें जेल में अंदर रखना मानव अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है और भारत का संविधान भी हमें यही उपदेश देता है कि हम सब भारत के नागरिकों को समान समझें और उनके साथ समानता वाला व्यवहार करें। राजीव गांधी हत्याकांड में उन्हें बम से उड़ा दिया गया था परन्तु हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेष अधिकारों के जरिए ए.जी. पेरारिवलन को रिहा किया परन्तु दूसरी तरफ सिख राजसी कैदियों व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के कैदियों के साथ अब तक ऐसा नहीं किया गया जिससे हम सुप्रीम कोर्ट व भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित कैदियों के बारे में भी सजगता से कार्य करते हुए उन्हें भी रिहा करने का आदेश पारित किया जाए जिससे वह अपनी बाकी की जिन्दगी अपने परिवार के साथ व्यतीत कर सके।
इस मौके पर दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट तथा भारत से प्रार्थना करते हैं कि जो सिख कैदी अपनी सजाएं पूरी कर चुके हैं उन्हें इसी कानून के तहत जल्द रिहा करवाने में भारत सरकार मदद करे, क्योंकि जो कैदी अपनी सजा पूरी काट चुके हैं उन्हें जेल में अंदर रखना मानव अधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन है और भारत का संविधान भी हमें यही उपदेश देता है कि हम सब भारत के नागरिकों को समान समझें और उनके साथ समानता वाला व्यवहार करें। राजीव गांधी हत्याकांड में उन्हें बम से उड़ा दिया गया था परन्तु हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेष अधिकारों के जरिए ए.जी. पेरारिवलन को रिहा किया परन्तु दूसरी तरफ सिख राजसी कैदियों व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के कैदियों के साथ अब तक ऐसा नहीं किया गया जिससे हम सुप्रीम कोर्ट व भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित कैदियों के बारे में भी सजगता से कार्य करते हुए उन्हें भी रिहा करने का आदेश पारित किया जाए जिससे वह अपनी बाकी की जिन्दगी अपने परिवार के साथ व्यतीत कर सके।