अपनी कल्पना को उड़ान दे, हर महिला बन सकती है कल्पना चावला :- डॉ. चौहान
कल्पना चावला की जयंती पर पानीपत की मेयर अवनीत कौर और विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही अनीता कुंडू ने ऑनलाइन वार्ता में अपने अनुभव सांझा किए ।
करनाल 18 मार्च, (पी एस सग्गू)
महिलाओं की राष्ट्र व जीवन के हर क्षेत्र में भागीदारी देश व समाज के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। भागीदारी का प्रथम चरण हर महिला द्वारा अपनी कल्पनाओं को साहस के पंख लगा कर उड़ान देने से शुरू होगा। परिवार व परिजनों का साथ तथा सहयोग इस उड़ान का दूसरा पायदान है। तीसरे चरण के उत्प्रेरक के रूप में समाज व सरकार सहयोग करें तो हर महिला कल्पना चावला की भांति सफलता के अंतरिक्ष में विचरण करेगी। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय द्वारा कल्पना चावला की जयंती पर पानीपत की मेयर अवनीत कौर और पर्वतारोही अनीता कुंडू के साथ आयोजित वेक-अप करनाल वार्ता में यह टिप्पणी की।
पर्वतारोही अनीता कुंडू ने कल्पना चावला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा की हरियाणा धन्य है जिसमें कल्पना चावला जैसी बेटी ने जन्म लिया और जिसने लाखों-करोड़ों बेटियों के लिए एक मिसाल पेश की । उन्होंने कहा कि सृष्टि को रचने वाली नारी कभी कमजोर नहीं हो सकती। हम महिलाओं को कल्पना चावला से प्रेरणा ले अपने देश का नाम रोशन करने को सदैव तत्पर रहना चाहिए।
डॉ. चौहान द्वारा महिलाओं की सफलता में परिवार के योगदान पर पूछे प्रश्न के उत्तर में पानीपत की मेयर अवनीत कौर ने कहा की परिवार का सहयोग आपको चिंता व तनाव से मुक्ति देता है और सफलता के पथ पर आपका संबल बनता है। इस क्रम में उन्होंने अपने पिता, पति और सासू मां से प्राप्त सहयोग का विशेष जिक्र किया और सभी परिवारों का आह्वान किया की बेटियों और बहनों को अवसरों का लाभ उठाने दें।
महिला पुलिस कर्मियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को लेकर डॉ. चौहान द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में अनीता कुंडू ने बताया कि 12 वर्ष पूर्व जब उन्होंने पुलिस की नौकरी प्रारंभ की थी तो परिजनों के मन में एक प्रश्न था कि पुलिस की नौकरी करने वाली लडक़ी की शादी में समस्या होगी, लडक़ा मिलेगा भी या नहीं। रात की ड्यूटी, चोर- उचक्कों-क्रिमिनल से वास्ता पडऩा आदि कुछ ऐसे बिंदु रहे जिनको लेकर परिवार व परिजनों के मन में विभिन्न संशय व प्रश्न थे। कुछ परिजन विरोध में भी थे। उनके मन में एक विशेष प्रकार की नकारात्मकता और भय था कि पुलिस में अभद्र भाषा और व्यवहार का अतिरेक है जो महिलाओं के लिए किसी भी दृष्टि से अनुकूल नहीं। समय के साथ साथ यह सभी भय संशय और नकारात्मकता के विचार निर्मूल साबित हुए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग से उन्हें इतना सम्मान, प्यार व सहयोग मिला जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
महिलाओं को लेकर निरंतर बदलते परिवेश पर टिप्पणी करते हुए डॉ. चौहान ने कहा की अभी बहुत कुछ करना व बदलना बाकी है लेकिन अनेक परिवारों की सोच बदली है। अनेक परिजन व माता-पिता कष्ट उठाकर भी बेटियों की शिक्षा व उनके सपनों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने लगे हैं । यह बदलाव सुख की अनुभूति देता है। उन्होंने ऐसे सभी परिवारों को साधुवाद देते हुए कहा कि अन्य परिवारों को भी उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और निश्चित करना चाहिए कि वे भी महिलाओं की उड़ान को जकड़ेंगे नहीं बल्कि उसे प्यार व सहयोग के पंख देंगे।
गुरदासपुर से रेडियो ग्रामोदय से जुड़े जसपाल सिंह ने महिलाओं पर हो रही चर्चा की सराहना की और बेटियों के लिए आत्मरक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उस विषय पर भी चर्चा का सुझाव दिया। अनीता कुंडू ने महिलाओं को आगे बढ़ाने में थर्ड अप्रोच के व्यावहारिक महत्व को बताया और इस कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत करते हुए कहा कि अगर किसी महिला को अपने परिवार को समझाने में स्थिति स्पष्ट करने में किसी भी प्रकार का संकोच यह समस्या आती है तो वह उनसे बात करें उसकी अवश्य मदद की जाएगी। इस क्रम में उन्होंने अपना फोन नंबर 99910-99989 रेडियो ग्रामोदय के श्रोताओं के साथ साझा किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ चौहान ने सभी की ओर से कल्पना चावला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि महिलाएं आगे बढ़ें, अपनी कल्पना को साहस के पंख दें। समाज और सरकार सहयोग को तत्पर है । किसी भी बाधा की स्थिति में घबराए नहीं। स्पष्टता, धीरता व निडरता से अपनी बात रखें। आवश्यकता पढ़े तो हमारा सहयोग लें।