अदालत ने दुष्कर्म के मामले में दोषी को सुनाई 20 साल की सजा

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अदालत ने दुष्कर्म के मामले में दोषी को सुनाई 20 साल की सजा
पिस्तौल के बल पर किया था दुष्कर्म
करनाल, 3 फरवरी (पी एस सग्गू)

अतिरिक्त जिला एवं  सत्र न्यायधीश, करनाल श्रीमति रेणु राणा ने नाबलिग लडक़ी के दुष्कर्म  एवं अपहरण के मामले में दोषी युवक को 20 साल का कारावास व 25 हजार रूपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न भरने पर दोषी को 6 माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। इसके अलावा अपहरण के मामलें में अदालत ने युवक को दोषी मानते हुए 4 साल की सजा व 10 हजार रूपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर युवक को 2 महीनें अतिरक्त सजा काटनी होगी।
15 साल की लडक़ी को पहले किया बेहोश, फिर ले गया था साथ
अनाज की टंकी से बरामद हुआ देसी कट्टा

जानकारी के अनुसार दिनांक 6 मार्च 2019 को थाना निसिंग में शिकायत दर्ज कराते हुए 15 वर्षीय लडक़ी के पिता ने बताया था कि उसकी बेटी रात्रि के समय से घर से गायब है। उसके लापता होने का उन्हें सुबह मालूम हुआ। जब लडक़ी घर पर नहीं मिली। काफी कोशिशों के बाद भी लडक़ी का कोई सुराग नहीं लगा। उन्होंने बताया कि जिस लडक़े पर उन्हें शक था। गुरमीत  निवासी गांव डाचर भी घर से गायब था। पुलिस ने इस संबंध में छानबीन कर लडक़ी को 21 मार्च को बरामद कर लिया। लडक़ी ने अपने ब्यानों में बताया कि गुरमीत ने अपनी जेब से रूमाल निकालकर उसके मुंह पर रख दिया। इस वजह से वह बेहोश हो गई और वह उसे अपने साथ ले गया। लडक़ी ने यह भी बताया कि ने पिस्तौल के बल पर डरा-धमका उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपी युवक को 23 मार्च को गिरफतार कर लिया। पूछताछ पर आरोपी के घर से अनाज की टंकी से देसी कट्टा भी बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ थाना निसिंग में  मामला दर्ज कर लिया।
अदालत में गवाहों एवं सबूतों को मजबूती से किया पेश
डॉ. पंकज जिला न्यायवादी ने बताया कि इस मामले की पैरवी करते हुए अदालत में गवाहों एवं सबूतों को मजबूती से पेश किया गया ताकि आरोपयिों को अधिक से अधिक सजा मिल सकें। सबूतों और गवाहों को देखते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र  न्यायधीश, करनाल रेणु राणा ने फैसला सुनाते हुए दोषी गुरमीत को दुष्कर्म के मामले 20 साल का कारावास व 25 हजार रूपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न भरने पर दोषी को 6 माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। इसके अलावा अपहरण के मामलें में अदालत ने युवक को दोषी मानते हुए 4 साल की सजा व 10 हजार रूपए जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर युवक को 2 महीनें अतिरक्त सजा काटनी होगी। अदालत ने लडक़ी को जान से मारने की धमकी देने के मामले में भी दोषी को 2 साल की सजा के आदेश दिए हैं।
– वर्जन –
जिला न्यायवादी करनाल डॉ. पंकज ने बताया कि सरकार के आदेशों के मुताबिक गंभीर मामलों में दोषियों को अधिक से अधिक सजा दिलाने का प्रयास रहता है। बीते मामलों में भी दोषियों को लंबी सजा करवाई गई है। अदालत में गवाहों एवं सबूतों को मजबूती से पेश किया जाता है, ताकि दोषी बच के निकल ना पाए। दोषियों को सजा मिलने से समाज में भी संदेश जाता है कि अपराधी गतिविधियों में संलिप्त होने से दोषी बच नहीं सकता और आखिर में उसे जेल की सलाखों के पीछे आना ही पड़ता है। इसलिए अदालत ओर सजा का डर अपराध को कम करने में मददगार साबित होता है।

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